शादी का झांसा देकर बलात्कार करने वाले को राहत नहीं: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने अपनी एक महत्वपूर्ण टिप्पणी में कहा कि शादीशुदा होने के बावजूद महिला को शादी का झांसा देकर उसके साथ नाजायज संबंध बनाने वाले व्यक्ति को राहत नहीं दी जा सकती.
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो) |
न्यायालय ने छत्तीसगढ़ से जुड़े एक मामले में दोषी टेकन राम को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि विवाहित होने के बावजूद उसने न केवल एक महिला को शादी का झांसा दिया बल्कि उसके साथ में आपने नाजायज संबंध भी बनाए.
शीर्ष अदालत ने कहा कि ऐसे घृणित अपराध के लिए दोषी व्यक्ति को किसी भी कीमत में कोई राहत नहीं दी जा सकती.
न्यायालय ने कहा कि इस मामले में दोषी व्यक्ति शादीशुदा तो है ही इसके साथ ही उसका एक बच्चा भी है. इस सब के बावजूद दोषी ने एक दूसरी महिला को शादी का झांसा देकर उसके साथ में अवैध संबंध भी बनाए.
न्यायालय ने छत्तीसगढ़ सरकार को पीड़िता को हर महीने 8000 रुपये पुनर्वास के लिए देने के निर्देश भी दिए हैं. शीर्ष अदालत ने दोषी टेकन राम की याचिका खारिज कर दी. छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने दोषी को सात साल की सजा सुनाई थी, जिसे दोषी ने शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी.
छत्तीसगढ़ के दुर्ग में 1995 में टेकन राम ने शादीशुदा होने के बावजूद एक महिला को शादी का झांसा दिया और अवैध संबंध बनाए. उसके बाद महिला ने टेकन राम के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दर्ज कराया था.
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