गुजरात सरकार से कभी कोई फायदा नहीं लिया : अनार
गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की बेटी अनार ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए शनिवार को दावा किया कि उन्होंने राज्य सरकार से कभी कोई अनुचित फायदा नहीं लिया.
अनार पटेल |
व्यापारिक सहयोगियों की संलिप्तता वाले संदेहास्पद जमीन सौदों की खबरें सामने आने के बाद मुख्यमंत्री की बेटी ने यह दावा किया है. भाजपा की गुजरात इकाई भी अनार के समर्थन में उतर आई है. भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि वह मुख्यमंत्री और उनकी बेटी को बदनाम करने की मंशा से उनके खिलाफ आरोप लगा रही है.
इस बीच, इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने की कोशिश करते हुए कांग्रेस ने उच्चतम न्यायालय की निगरानी में एक एसआईटी जांच की अपनी मांग दोहराई और कहा कि उनके मुख्यमंत्री रहने के दौरान सरकार के सभी आवंटनों की इसे जांच करनी चाहिए. उधर, भाजपा ने कांग्रेस और उसके ‘प्रथम परिवार’ पर आरोप लगाया कि वे अपने भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी को ढकने के लिए गुजरात भूमि सौदे के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ‘गलत और निराधार’ आरोप लगा रहे हैं.
अनार ने फेसबुक पर लिखा, ‘मैं अनार पटेल डब्ल्यूडब्ल्यूआरआरपीएल (वाइल्डवूड्स रिसॉर्ट्स एंड रिएलिटीज प्राइवेट लिमिटेड), अनिल इंफ्राप्लस और पाश्र्व टेक्सचेम में न तो निदेशक हूं और न ही शेयर धारक हूं. डब्ल्यूडब्ल्यूआरआरपीएल से मेरा कोई लेना-देना नहीं है. कोई भी सरकारी एजेंसियों से इसका पता लगा सकता है.’ मुख्यमंत्री की बेटी ने आगे लिखा, ‘दक्षेस भाई (अनिल इंफ्राप्लस के अमोल श्रीपाल सेठ के साथ डब्ल्यूडब्ल्यूआरआरपीएल का मालिकाना हक रखने वाले दक्षेस शाह) मेरे व्यापारिक साझेदार हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं उनकी सभी कंपनियों में हूं.
वह अपने बल पर बने कारोबारी हैं और पिछले 22 साल से व्यापार कर रहे हैं.’ अनार ने लिखा, ‘हमने सात साल पहले ‘अनार प्रोजेक्ट्स’ नाम से एक कंपनी शुरू की जिसके व्यापारिक हित खुदरा एवं सेवा क्षेत्र में थे. हमने कभी किसी सरकारी संगठन से कोई फायदा नहीं लिया. हमने हर तरह से सभी नियमों-कानूनों का पालन किया .’ उन्होंने लिखा, ‘यह बहुत दुख की बात है कि महज अनुमानों के आधार पर मेरी शख्सियत पर हमला किया जा रहा है . मैं किसी के एहसान में नहीं, अपनी नैतिक ताकत में यकीन रखती हूं .’
अहमदाबाद से दूर दिल्ली में भूमि आवंटन को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच वाक्युद्ध तेज हो गया. पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि उच्चतम न्यायालय की निगरानी में विशेष जांच टीम को सरकारी जमीन के उन सभी आवंटनों और अनुदानों की जांच करनी चाहिए, जब आनंदीबेन पटेल राजस्व मंत्री और मोदी मुख्यमंत्री थे.
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान सरकारी जमीन और वन भूमि की लूट खसोट हुई, क्योंकि वह किसी प्रक्रि या का पालन किए बगैर कॉरपोरेट दोस्तों एवं अन्य को खैरात में दी गई थी. अक्टूबर 2001 में केशुभाई पटेल की जगह आए मोदी करीब 12 साल मुख्यमंत्री रहे थे. इस मुद्दे पर मोदी से पाक-साफ साबित होने को कहते हुए शर्मा ने उनसे जानना चाहा है कि क्या वह तत्कालीन राजस्व मंत्री आनंदीबेन पटेल के हितों के टकराव से उस वक्त अवगत थे, जब गिर सिंह अभयारण्य के पास सरकारी जमीन का आवंटन ऐसी कंपनी को किया गया, जिसका कथित तौर पर उनकी बेटी अनार पटेल से करीबी व्यापारिक संपर्क था.
शर्मा ने पूछा कि क्या यह आवंटन कैबिनेट के फैसले पर आधारित था और इसे तत्कालीन मुख्यमंत्री (मोदी) ने मंजूरी दी थी और क्या किसी तरह के हितों का टकराव होने का खुलासा किया गया था? उन्होंने यह भी जानना चाहा है कि क्या इस सरकारी जमीन की कीमत का उचित आकलन और निर्धारण किया गया था. शर्मा ने इसके अलावा प्रधानमंत्री से पूछा कि गिर सिंह अभ्यारण्य के पास क्या 250 एकड़ सरकारी जमीन जनहित में आवंटित की गई और क्या ऐसा कानून, नियम तथा स्थापित प्रक्रि या के मुताबिक किया गया.
दूसरी तरफ, भाजपा ने भी तीखे तेवर अपना लिए हैं. कांग्रेस को झूठे आरोप मढ़ने में ‘हिस्ट्री शीटर’ बताते हुए भाजपा ने कहा कि विपक्षी दल को भ्रष्टाचार के बारे में बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, क्योंकि उसके ‘शीर्ष नेता भ्रष्टाचार में लिप्त हैं’. भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस आगामी बजट सत्र के दौरान संसद को फिर से बाधित करने का प्रयास कर रही है. भाजपा ने कहा कि गुजरात में मोदी के मुख्यमंत्रित्व काल में भूमि आवंटन कानून के अनुसार और पारदर्शी त्रिस्तरीय मूल्यांकन प्रक्रि या के माध्यम से किए गए थे.
पार्टी के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने आरोप लगाया कि झूठे आरोप मढ़ने में कांग्रेस हिस्ट्री-शीटर है और वह इस सरकार के खिलाफ एक भी आरोप साबित नहीं कर सकी. दरअसल, गरीब विरोधी और विकास विरोधी कांग्रेस मोदी के नेतृत्व में राजग सरकार द्वारा की गई प्रगति को पचाने में सफल नहीं रही है और उसकी छवि को खराब करने के तथा राष्ट्र के विकास को बाधित करने के प्रयास कर रही है.
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