शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर बैठक सकारात्मक रही

Last Updated 06 Feb 2016 09:32:04 PM IST

महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की इजाजत दिलाने के लिए चलाये जा रहे अभियान के बीच मंदिर अधिकारियों और कार्यकर्ताओं के बीच \'सकारात्मक\' बातचीत का एक दौर जिला कलेक्टर की मध्यस्थता से संपन्न हुआ.


शनि शिंगणापुर मंदिर (फाइल फोटो)

घंटे भर चली बातचीत के बाद भूमाता ब्रिगेड की नेता तृप्ति देसाई ने कहा कि बैठक सकारात्मक रही. उन्होंने प्रसिद्ध मंदिर में सदियों पुराने लैंगिक भेदभाव को तोड़ने के लिए फैसले की उम्मीद जताई. दोनों पक्षों ने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे.

तृप्ति ने गणतंत्र दिवस के दिन अहमदनगर जिले में मंदिर तक मार्च की अगुवाई की थी लेकिन उन्हें करीब 70 किलोमीटर दूर सूपा गांव में अधिकारियों ने रोक दिया था.
   
बैठक में जिले के अधिकारियों, मंदिर के ट्रस्टियों और भूमाता ब्रिगेड की सदस्यों ने भाग लिया. बैठक के बाद कलेक्टर अनिल कावाडे ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उन्होंने कार्यकर्ताओं से कानून अपने हाथ में लेकर शांति बाधित नहीं करने की अपील की है और दोनों ही पक्षों से सौहार्दपूर्ण फैसले पर पहुंचने का आग्रह किया है.

उन्होंने कहा, \'\'मुख्यमंत्री ने मामले को संज्ञान में लिया है और वह इसका जल्द से जल्द समाधान चाहते हैं.\'\'

कलेक्टर ने कहा, \'\'मुख्यमंत्री मामले को आगे बढ़ाने को उत्सुक हैं और वह जो भी सुझाव देंगे, उसे संज्ञान में लिया जाएगा और सौहार्दपूर्ण तरीके से फैसले पर पहुंचा जा सकता है.\'\'

मुख्यमंत्री ने मंदिर प्रशासन तथा कार्यकर्ताओं के बीच संवाद की वकालत की थी ताकि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी के मसले पर रास्ता निकाला जा सके. उन्होंने कहा था कि महिलाओं को पूजा करने का अधिकार है.



मंदिर ट्रस्ट ने पिछले महीने ही एक महिला को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया था.

तृप्ति देसाई ने संवाददाताओं से कहा, \'\'बातचीत सकारात्मक रही और हमने अपने विचार रखे. कलेक्टर मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपेंगे और हमें लगता है कि इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री हमारे साथ हैं.\'\'

उन्होंने कहा, \'\'बातचीत सकारात्मक रही. हमारा किसी तरह का आंदोलन छेड़ने का कोई इरादा नहीं था. हम कानून का सम्मान करते हैं. हम सत्याग्रह शुरू करने के लिए बाध्य हुए थे और जहां तक अगले सप्ताह प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन की बात है, तो हम फिलहाल इस पर आगे नहीं बढ़ेंगे और किसी समाधान की प्रतीक्षा करेंगे.\'\'

मंदिर के ट्रस्टी सायाराम बांकर ने भी बातचीत को सकारात्मक बताया और कहा कि अब गेंद मुख्यमंत्री के पाले में है.

 

 



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