जल-संकट से जूझ रहे हैं मराठवाड़ा गांव लोग, पानी के लिए किया ‘शोले’ जैसा प्रदर्शन
फिल्म ‘शोले’ में पानी की टंकी पर चढ़कर प्रदर्शन करने के धर्मेंद्र के मशहूर अंदाज को अपनाते हुए मराठवाड़ा के औरंगाबाद जिले के कुछ ग्रामीण जैकवाड़ी बांध से पानी छोड़ने की मांग को लेकर टंकी पर चढ़ गए.
(फाइल फोटो) |
पेठान तहसील के गांवों के कुछ निवासी पानी की आपूर्ति की मांग को लेकर टंकी पर चढ़ गए. उनका गांव लंबे समय से जल-संकट का सामना कर रहा है.
इन लोगों ने गांवों में पानी की आपूर्ति की बहाली की मांग की. यह आपूर्ति बांध में पानी की कमी की वजह से रोक दी गई थी.
गर्मियों में अभी देर है लेकिन महाराष्ट्र, विशेषकर मराठवाड़ा में पानी की स्थिति, पहले से ही चिंताजनक बन चुकी है.
राज्य में टैंकरों की मांग बढ़ गई है और राज्य को लगातार तीसरे साल पानी की कमी से जूझना पड़ रहा है. पानी की कमी का यह संकट वर्ष 2015 से ज्यादा गहरा है.
मराठवाड़ा में, बांधों में पानी का स्तर आठ प्रतिशत तक गिर गया है. जल आपूर्ति और सफाई विभाग ने गांवों और कस्बों में उपलब्ध करवाए गए पानी के टैंकरों की संख्या में वर्ष 2015 की तुलना में पांच गुना वृद्धि दर्ज की है.
उत्तर महाराष्ट्र, अमरावती और नागपुर डिविजन जैसे अन्य हिस्सों में भी पानी की स्थिति खराब है. इन खंडों में भंडारण का मौजूदा स्तर उत्तर महाराष्ट्र में 31, अमरावती में 35 और नागपुर डिविजन में 37 प्रतिशत है.
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