राजीव मामला: सजा माफ करने की राज्यों की शक्ति पर फैसला सुनाएगा सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों को रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के फैसले से पैदा संवैधानिक मुद्दों पर बुधवार को अपना फैसला सुना सकता है.
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो) |
इन मुद्दों में सजा माफ करने की राज्यों की शक्ति भी शामिल है.
प्रधान न्यायाधीश एचएल दत्तू की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ राजीव हत्याकांड के सात दोषियों को रिहा करने के राज्य सरकार के फैसले पर रोक लगाते हुए छोटी पीठ द्वारा उठाए गए सवालों से आधिकारिक रूप से निपटेगी. प्रधान न्यायाधीश कल ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं.
पीठ ने केन्द्र की ओर से पेश सालिसिटर जनरल रंजीत कुमार तथा एक दोषी वी श्रीहरन उर्फ मुरूगन और तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश क्रमश: वरिष्ठ अधिवक्ताओं राम जेठमलानी और राकेश द्विवेदी सहित अन्य की दलीलें 11 दिन सुनने के बाद 12 अगस्त को फैसला सुरक्षित रखा था.
इस पीठ में न्यायमूर्ति एफएमआई कलीफुल्ला, न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष, न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे और न्यायमूर्ति यूयू ललित शामिल हैं.
शीर्ष अदालत माफी देने की कार्यपालिका की शक्ति के दायरे पर छोटी पीठ द्वारा उठाए गए सात मुद्दों पर फैसला सुनाएगी.
इस बारे में फैसला किया जाएगा कि जिन मामलों में सीबीआई जैसी केन्द्रीय एजेंसियां अभियोजक हैं, उनमें राज्य सरकारों के पास भी माफी की शक्ति होती है या नहीं.
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