लोकसभा में 'असहिष्णुता' पर नहीं हो सकी सहिष्णु चर्चा

Last Updated 30 Nov 2015 10:26:17 AM IST

लोकसभा में सोमवार को देश में असहिष्णुता की घटनाओं से उत्पन्न स्थिति के बारे में बेहद असहिष्णु माहौल में चर्चा शुरू हुई जिसके चलते सदन की कार्यवाही को चार बार स्थगित करना पड़ा.

  • 15:33 : लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही फिर हंगामा, कार्यवाही 4 बजे तक स्थगित
  • 14:44 : मोहम्मद सलीम के बयान पर हंगामा जारी, लोकसभा की कार्यवाही 3.15 बजे तक स्थगित
  • 14:43 : लोकसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू. केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा, हम हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं लेकिन मोहम्मद सलीम अपना बयान वापस लें
  • 14:33 : उन्होंने कहा कि अंबेडकर स्मारक बनाने के लिए जमीन यूपीए सरकार ने दी थी
  • 14:30 : राज्यसभा में 'संविधान पर चर्चा' के दौरान एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा, महाराष्ट्र में अंबेडकर स्मारक बनाने का श्रेय केंद्र सरकार ले रही है
  • 13:57 : असहिष्णुता के मुद्दे पर संसद के बाहर भी चर्चा होनी चाहिए
  • 13:56 : कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि असहिष्णुता का मुद्दा सबसे बड़ा है
  • 13:56 : असहिष्णुता के मुद्दे पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने दिया बयान
  • 13:55 : लोकसभा की कार्रवाई फिर से शुरु
  • 13:05 : हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित
  • 12:51 : राजनाथ सिंह ने कहा कि आज मैं सलीम के बयानों से आहत हुआ हूं. मैं हमेशा सोच-समझकर बोलता हूं
  • 12:40 : मोहम्मद सलीम के बयान पर लोकसभा में हंगामा
  • 12:38 : इस पर राजनाथ सिंह बोले, मैंने ऐसा कब और कहा बोला. गलत आरोप के लिए माफी मांगे मोहम्मद सलीम
  • 12:38 : उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह ने मोदी की जीत पर कहा था कि 800 साल बाद कोई हिंदू शासक सत्ता में आया है
  • 12:36 : मोहम्मद सलीम ने इस दौरान राजनाथ सिंह पर भी गंभीर आरोप लगाए
  • 12:32 : सलीम ने कहा अन्याय करना और सहना दोनों पाप है.
  • 12:29 : उन्होंने कहा, असहिष्णुता पर प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं
  • 12:29 : मुस्लिम दलितों की बात हो तो अपशब्द बोले जाते हैं. मंत्री दलित को कुत्ते का पिल्ला बोलते हैं. ऐसे मंत्री को हमें सहन करना पड़ता है: सलीम
  • 12:26 : उन्होंने कहा कि संविधान में सबको बोलने की आजादी है. हमें एक सेक्यूलर देश चाहिए.
  • 12:24 : बहस के दौरान सीपीएम सांसद मोहम्मद सलीम बोले, भारत फासीवादी नहीं लोकतांत्रिक देश है. देश हमें सहनशीलता सिखाता है.
  • 12:08 : उन्होंने कहा कि किसी भी मुद्दे पर बहस कराने को तैयार हैं
  • 12:05 : वेंकैया नायडू ने कहा, असहिष्णुता पर चर्चा कराने पर कोई आपत्ति नहीं
  • 12:04 : लोकसभा में असहिष्णुता के मुद्दे पर बहस शुरू
  • 12:00 : सभी विपक्षी दल पिछले कुछ समय से असहिष्णुता के मुद्दे पर चर्चा की मांग करते रहे हैं. सर्वदलीय बैठक में भी विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर चर्चा की पुरजोर वकालत की थी.
  • 11:29 : अभी प्रश्नकाल चल रहा है. इसके बाद दोपहर 12 बजे से इस पर चर्चा होगी.
  • 11:29 : विपक्षी दलों ने असहिष्णुता के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है. चर्चा की शुरुआत लोकसभा से होगी जहां संविधान पर बीते हफ्ते ही चर्चा खत्म हो चुकी है.
  • 10:55 : लोकसभा में असहिष्णुता के मुद्दे पर 12 बजे चर्चा होगी
  • 10:54 : लोकसभा में विपक्ष ने हंगामा शुरू किया
  • 10:53 : असहिष्णुता मुद्दे पर कांग्रेस ने लोकसभा में नियम 193 के तहत चर्चा कराने के लिए नोटिए दिया

संसद में 'असहिष्णुता' पर चर्चा (फाइल फोटो)

विपक्ष की ओर से गृह मंत्री पर एक पत्रिका के हवाले से कुछ आरोप लगाये गए जिसका राजनाथ सिंह ने खंडन किया और सत्तापक्ष के कई सदस्यों ने उस पत्रिका का हवाला देने वाले माकपा सदस्य और संबंधित पत्रकार के विरूद्ध विशेषाधिकार हनन की कार्रवाई करने की मांग की.  

नियम 193 के तहत इस विशेष चर्चा को शुरू करते हुए माकपा के मोहम्मद सलीम ने एक पत्रिका के हवाले से गृह मंत्री राजनाथ सिंह पर कुछ गंभीर आरोप लगाये जिससे सिंह काफी आहत हुए और उन्होंने कहा कि अगर ऐसे आरोपों में लेशमात्र भी सत्यता है तो उन्हें इस पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.

अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि इस पूरे मामले पर उनकी व्यवस्था आने तक सलीम के पत्रिका के हवाले से कही गई किसी बात को कार्यवाही में शामिल नहीं किया जाए. बाद में उन्होंने व्यवस्था दी कि चूंकि सलीम ने यह आरोप लगाने से पूर्व नोटिस नहीं दिया है इसलिए वह पत्रिका के हवाले से लगाए गए सभी आरोपों को कार्यवाही से निकालती हैं. शाम चार बजे यह व्यवस्था आने तक सदन में गतिरोध बना रहा.

इससे पहले व्यवस्था बनती नहीं देख अध्यक्ष ने भोजनावकाश से 10 मिनट पहले ही सदन की बैठक लगभग एक घंटे के लिए स्थगित कर दी.

सलीम ने पत्रिका के हवाले से कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा नीत सरकार बनने के संबंध में आरएसएस से जुड़ी किसी बैठक में सिंह ने कुछ कहा था.
गृह मंत्री ने इसका कड़ा प्रतिवाद करते हुए कहा, ‘‘मैंने ऐसा कभी नहीं कहा. और इस आरोप से जितना आहत मैं आज हुआ हूं, उतना पहले कभी नहीं हुआ. अगर इस आरोप में लेशमात्र भी सत्यता है तो मुझे अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.’’ 

सिंह ने कहा, ‘‘जो लोग मुझे जानते हैं, उन्हें पता है कि मैं जब भी बोलता हूं. नाप तौल कर बोलता हूं. सांसद सदस्य भी, यहां तक की अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भी इस बात को जानते हैं.’’

इस पर सलीम ने कहा कि वह गृह मंत्री को आहत नहीं करना चाहते हैं और न कोई लांछन लगा रहे हैं.

सत्तापक्ष के सदस्यों के विरोध के बीच माकपा नेता ने कहा कि वह आरोप कहां लगा रहे हैं, बल्कि वह तो उस पत्रिका में लिखी बातों को सदन में रख रहे हैं और जो काम सीबीआई, आईबी जैसी एजेंसी को करना चाहिए था, वह काम करके सरकार को यह मौका दे रहे हैं कि वह मामले की जांच करके कार्रवाई करे.

उन्होंने कहा कि वह एक पत्रिका में छपी एक बात को उद्धृत कर रहे हैं जो बहुत गंभीर है और गृह मंत्री को चाहिए था कि अगर यह सही नहीं है तब उन्हें इसका उसी समय खंड करना चाहिए था और पत्रिका और संबंधित रिपोर्टर के खिलाफ नोटिस देना चाहिए था.   

चर्चा शुरू होने से पहले अध्यक्ष ने सदस्यों को ताकीद की थी कि यह बेहद महत्वपूर्ण विषय है और इस बारे में दोनों तरफ से आरोप प्रत्यारोप होंगे और मेरा आग्रह है कि दोनों एक दूसरे की बात को सुन लें क्योंकि इससे देश को विास होगा कि देश का नेतृत्व सही दिशा में जा रहा है.

इस बीच बीजद के भतृहरि महताब ने सदन की कार्यवाही के एक नियम का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी सदस्य को किसी अन्य सदस्य के खिलाफ आरोप लगाने से पहले नोटिस देना चाहिए.

तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने भी महताब की बात का समर्थन किया लेकिन साथ ही यह भी कहा कि पत्रिका में यह बात छपे कई सप्ताह हो चुके हैं और गृह मंत्री ने अब तक इसका खंडन क्यों नहीं किया.

संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव प्रतात रूडी ने कहा कि यह बहुत ही गंभीर आरोप है और देश के गृह मंत्री के खिलाफ है. और जब तक सलीम इसकी सत्यता की पुष्टि होने तक इसे वापस नहीं लेते तब तक कार्यवाही चलाना कठिन होगा.

भोजनावकाश के बाद रूडी ने कहा कि गृह मंत्री इन आरोपों का खंडन कर चुके हैं और सदन के स्थगित रहने के दौरान माकपा सदस्य ने भी उसका अध्ययन कर लिया होगा. इसलिए वह इसकी सत्यता स्थापित होने तक अपनी कही बातों को वापस ले लें जिससे की सदन को चलाने में कोई कठिनाई नहीं आए.

इस पर सलीम ने कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि मंत्री का यह कहना कि जब तक वह अपनी बात वापस नहीं लेते, सदन की कार्यवाही नहीं चलने पायेगी. यह अपने आप में असहिष्णुता है.

उन्होंने कहा कि यह बड़ा हास्यास्पद है कि मंत्री उनसे पत्रिका की बातों को साबित करने को कह रहे हैं. सलीम ने कहा, ‘‘मैं कैसे साबित कर सकता हूं. मंत्री और सरकार कार्रवाई करें. मैंने तो एक ग्राहक के नाते वह पत्रिका ली और उसमें लिखी बातों को सदन के समक्ष रखा.’’

उन्होंने कहा कि अध्यक्ष इस बारे में अपनी व्यवस्था दे चुकी हैं और मंत्री अब उस पर दूसरी व्यवस्था दे रहे हैं, ऐसा कैसे चलेगा.

हंगामा बढ़ता देख उपाध्यक्ष एम थम्बीदुरई ने सदन की बैठक 20 मिनट के लिए ढाई बजे तक स्थगित कर दी.

सदन की बैठक ढाई बजे फिर शुरू होने पर भाजपा सांसद गणेश सिंह ने गृहमंत्री पर लगाये गए आरापों को झूठा’ बताते हुए सलीम ने अपनी बात वापस लेने और क्षमा मांगने को कहा.

उन्होंने कहा कि एक पत्रिका की बात को सत्यापित होने तक उन्हें यह बयान सदन में बिना नोटिस के नहीं देना चाहिए था. आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने कहा कि सलीम ने केवल एक पत्रिका में लिखी बातों का उल्लेख किया है और उनकी ओर से गृह मंत्री की कोई अवमानना नहीं की गई है.

कांग्रेस के वीरप्पा मोइली ने कहा कि यह और कुछ नहीं बल्कि भावनाओं का मामला है. उन्होंने कहा कि पत्रिका में छपी बात को सलीम कैसे वापस ले सकते हैं. सलीम ने पत्रिका में छपी बात को रखा और गृह मंत्री ने उससे इंकार किया. यह अपने आप में काफी है और सलीम किसी पत्रिका की बात को वापस कैसे लें.

भाजपा की मीनाक्षी लेखी ने कहा कि सदस्य ने जो बयान दिया, वह सत्यापित नहीं है. उन्होंने कहा कि किसी पत्रकार की कही गई बात से कहीं अधिक पवित्रता इस सदन की है और इस मामले में सदस्य और संबंधित पत्रकार के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस लाया जाना चाहिए. इसी पार्टी के किरीट सोमैया ने कहा कि माकपा सदस्य को बिना नोटिस के बयान नहीं देना चाहिए था और इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए.

भाजपा के ही हुकुम सिंह ने इस मामले में माकपा सदस्य और पत्रकार के विरूद्ध विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है. उन्होंने कहा कि इसे स्वीकार करके इन दोनों के विरूद्ध कार्रवाई करनी चाहिए.

तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने आरोप लगाया कि असहिष्णुता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा को नहीं होने देने के लिए लगता है कि माकपा और भाजपा में सांठगांठ हो गई है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा है तो दोनों दल सदन के बाहर चले जाएं और चर्चा के होने दें.

व्यवस्था बनते नहीं देख उपाध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को आधे घंटे के लिए सवा तीन बजे तक स्थगित कर दिया. सवा तीन बजे बैठक शुरू होने पर नजारा पहले जैसा ही रहा.

सलीम ने कहा कि उनका व्यक्तिगत रूप से राजनाथ सिंह से कोई झगड़ा नहीं है और उनकी चले तो नरेन्द्र मोदी की जगह सिंह को पीएम बना दें.

संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि एक बात आई है और वह सत्यापित नहीं है तब सदस्य अपनी बात वापस लें, इसमें कोई बड़ी बात नहीं है.

 



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