शीना हत्याकांड: पीटर मुखर्जी का पॉलिग्राफ टेस्ट कराएगी सीबीआई

Last Updated 28 Nov 2015 10:33:46 AM IST

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) बहुचर्चित शीना बोरा हत्याकांड के आरोपी और स्टार टीवी के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी पीटर मुखर्जी का पॉलिग्राफ टेस्ट करा सकती है.


पीटर मुखर्जी का पॉलिग्राफ टेस्ट (फाइल फोटो)

दिल्ली की एक कोर्ट ने सीबीआई को पीटर मुखर्जी का पॉलिग्राफ टेस्ट कराने की शुक्रवार को मंजूरी दे दी.

पीटर को गत 19 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था और उसे 24 नवंबर को सीबीआई दिल्ली लायी थी. सीबीआई का मानना है कि शीना की हत्या के बारे में पीटर को सारी जानकारी थी और उसने जानबूझ कर इसे छिपाए रखा.

इस मामले में पीटर की पत्नी और शीना की मां इंद्राणी मुखर्जी पहले से जेल में है. उस पर आरोप है कि उसने अपने पूर्व पति और ड्राइवर की मदद से शीना की हत्या की थी.

शीना की मौत के पीछे मनी मैटर तो नहीं!

पूर्व मीडिया दिग्गज पीटर मुखर्जी से शुक्रवार को सीबीआई ने छह घंटे पूछताछ की. सीबीआई यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि पीटर और इंद्राणी मुखर्जी द्वारा स्थापित मीडिया हाउस से कथित रूप से धन निकालकर शीना बोरा के विदेशी खाते में जमा करने के बाद ही क्या इंद्राणी और उनकी बेटी के बीच विवाद पैदा हुआ, जो अंतत: शीना की मौत की वजह बना. सीबीआई सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी ने शुक्रवार को विभिन्न सत्रों में इसी संबंध में पीटर से पूछताछ की.

एजेंसी ने पीटर को उनके और इंद्राणी द्वारा भरे गए आयकर रिटर्न दिखाए ताकि भारत और विदेश में उनके निवेशों का पता चल सके. हालांकि सूत्रों ने स्पष्ट किया कि इस समय शीना की हत्या के पीछे किसी भी सटीक संभावित मंशा के बारे में कुछ कह पाना संभव नहीं है और एजेंसी विभिन्न कोणों पर काम कर रही है, जो इस वारदात की वजह हो सकते हैं.

मुंबई की विशेष अदालत से पीटर की हिरासत की मांग करते हुए सीबीआई ने दावा किया है कि उन्होंने उसे बताया है कि हो सकता है कि इंद्राणी ने हांगकांग और सिंगापुर में शीना के नाम पर खाते खोले हों. सीबीआई के अनुसार, पीटर और इंद्राणी की कंपनी नाइन एक्स मीडिया प्राइवेट लिमिटेड ने अपना आंतरिक लेखा परीक्षण कराया, जिससे पता चला कि मार्च 2009 में इसमें नौ कंपनियों के शेयर थे और पीटर और इंद्राणी ने काफी धन का हेर-फेर किया.

सीबीआई के वकील अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल अनिल सिंह ने कोर्ट से कहा कि आईएनएक्स (जिसमें पीटर और इंद्राणी साझेदार थे) से इधर-उधर किया गया धन सिंगापुर में शीना बोरा के एचएसबीसी खाते में डाला गया. सीबीआई ने पीटर की हिरासत की मांग करते हुए कहा कि गंभीर धोखाधड़ी, जांच कार्यालय और आयकर की रिपोर्ट और चार्टर्ड एकाउंटेंट के दस्तावेज इन तथ्यों के मुख्य आधार हैं.

शीना से संपर्क करने का कई बार प्रयास किया था : सिद्धार्थ

शीना बोरा के जैविक पिता सिद्धार्थ दास ने सीबीआई को बताया कि अप्रैल 2012 में जब उनकी 24 वर्षीय बेटी लापता हो गई थी तो उन्होंने बार-बार उससे संपर्क करने का प्रयास किया था, लेकिन उसे कोई जवाब नहीं मिल पाया था. सनसनीखेज हत्या मामले में जांच के दौरान सीबीआई के समक्ष दर्ज कराए गए अपने बयान में सिद्धार्थ ने कहा है कि वह शीना से अंतिम बार अगस्त 2010 में उसके नाना-नानी के घर पर मिला था.

उन्होंने बताया कि मैं उससे तब मिला था, जब मैं कोलकाता से अपने पैतृक घर करीमगंज जा रहा था. तब शीना ने मुझे बताया था कि उसका भाई मिखाइल बोरा बेंगलुरू में रह रहा है. मैंने शीना का मोबाइल नंबर लिया था ताकि उसके साथ संपर्क में रह सकूं. सिद्धार्थ ने सीबीआई को बताया कि अप्रैल 2012 के बाद जब कभी भी मैं शीना से संपर्क करने का प्रयास करता, उसका फोन बंद मिलता. मैंने उसे कई ई-मेल भी भेजे, लेकिन उसकी तरफ से कोई जबाव नहीं मिला.

इंद्राणी और सिद्धार्थ 1986 में शिलांग में मिले थे. उन्होंने साथ रहना शुरू कर दिया था और उनके दो बच्चे (शीना और मिखाइल) हुए थे. सिद्धार्थ के मुताबिक, 1989 में इंद्राणी बिना कोई सूचना दिए उन्हें और उनके बच्चों को छोड़ कर चली गई, जिसके बाद वे कभी नहीं मिले या उसके साथ संपर्क करने का कोई प्रयास नहीं किया.



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