इजरायल-फलस्तीन में वार्ता शीघ्र बहाल होने की मोदी को उम्मीद
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उम्मीद है कि इजरायल और फलस्तीन अथॉरिटी के बीच जल्द ही वार्ता शुरू होगी, जो समग्र शांति प्रक्रिया और संघर्ष के सौहार्दपूर्ण समाधान का मार्ग प्रशस्त करेगी.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी |
सयुंक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अशोक मुखर्जी द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में पढ़े गए संदेश में मोदी ने फलस्तीन के साथ भारत के समर्थन और एकजुटता को दोहराया.
मोदी ने अपने संदेश में कहा, ‘‘हम आश्वस्त हैं कि इजरायल-फलस्तीन वार्ता शीघ्र बहाल होगी, जो समग्र शांति प्रक्रिया और संघर्ष के सौहार्दपूर्ण समाधान का रास्ता बनाएगी.’’
उन्होंने कहा कि फलस्तीन जनता के साथ एकजुटता के अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में 29 नवंबर हमारे लिए इस मायने में महत्वपूर्ण है कि हम एक संप्रभु, व्यवहार्य और पूर्वी यरूशलम के राजधानी वाले ऐसे एकीकृत फलस्तीन के लिए अपनी प्रतिबद्धता और समर्थन को दोहराएं. एक ऐसा फलस्तीन जिसकी सुरक्षित और मान्यता प्राप्त सीमाएं हों और जिसका इजरायल के साथ शांतिपूर्ण सहअस्तित्व हो.’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत हमेशा से ही फलस्तीन की जनता के वाजिब उद्देश्यों सहित गरिमा एवं आत्म सम्मान के साथ उनके आर्थिक तथा सामाजिक विकास के प्रयासों का समर्थक रहा है.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के रूप में भारत के किसी राष्ट्रपति की अक्तूबर में हुई फलस्तीन यात्रा से भारत को फलस्तीन के पक्ष में अपनी प्रतिबद्धता दोहराने और क्षेत्र के समग्र घटनाक्रम की समीक्षा करने का मौका मिला.
मोदी ने इस साल सितंबर में सयुंक्त राष्ट्र में फलस्तीन का राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने की ‘‘ऐतिहासिक’’ घटना के लिए भी फलस्तीन को बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह फलस्तीन के संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बनने की दिशा में एक कदम है, जिसका भारत पूरी तरह समर्थन करता है.
इससे पहले मुखर्जी ने 23 नवंबर को एक बयान में कहा था, ‘‘हमें उम्मीद है कि फलस्तीन और इजरायल दोनों जरूरी राजनीतिक इच्छाशक्ति को दर्शाते हुए आपसी वार्ता बहाल करेंगे.
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