बिहार विधानसभा चुनाव : नेताओं के बिगड़े बोल पर आयोग सख्त, दिये दिशा-निर्देश

Last Updated 09 Oct 2015 07:12:01 PM IST

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों और नेताओं के लिए दिशानिर्देश जारी किया है.


नेताओं के बिगड़े बोल पर आयोग सख्त, दिये दिशा-निर्देश (फाइल फोटो)

चुनाव आयोग ने कहा है कि आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों और उनके नेताओं द्वारा दिए जा रहे बयानों से काफी दुखी है और उस पर गहरायी से नजर रखे हुए है.

आयोग ने कहा कि राजनीतिक भाषणों के स्तर काफी गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है. आयोग ने सलाह जारी करते हुए कहा है कि 17 सितंबर को इसे लेकर आयोग ने एक निर्देश जारी किया था लेकिन वर्तमान में स्थिति संतोषजनक नहीं है.

आयोग ने नेताओं और उनके भाषणों के अवलोकन के बाद लिखा है कि उनके बयानों में आपकी द्वेष,मतभेद और नफरत के साथ दुर्भावना फैलाने वाले बयान दिए जा रहे हैं. साथ ही धर्म जाति और समुदाय के आधार पर दिए जाने वाले बयान आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन हैं.

पार्टियों और प्रत्याशियों से आयोग का कहना है कि एक बार फिर आयोग उन्हें यह याद दिलाना चाहता है कि वो संविधान में प्रदत मौलिक अधिकार के अनुच्छेद 19 (1) में चिन्हित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का ख्याल रखें और शालिनता के साथ नैतिकता की सीमाओं का ध्यान रखें. उम्मीदवारों को सार्वजनिक व्यवस्था को ठीक रखने के निर्देश भी दिए हैं.

आयोग ने यह सुझाव दिया है कि सभी राजनीतिक दल और उनके नेता के साथ चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को अपने बयानों,भाषणों में अत्यंत संयम और शालिनता बरतनी चाहिए. आयोग ने सभी पार्टियों से अपील की है कि वो अपना व्यवहार ऐसा रखें जो आने वाले चुनावों के लिए एक उदाहरण साबित हो.

आयोग ने कहा कि उसने ‘गहरी पीड़ा और गहरी चिंता के साथ बिहार विधानसभा के मौजूदा आम चुनाव के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और उम्मीदवारों के राजनीतिक भाषणों के तेजी से गिरते स्तर को महसूस किया है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राजद के नेता लालू प्रसाद के बीच राजद नेता की उस टिप्पणी को लेकर वाकयुद्ध छिड़ गया है कि ‘हिन्दू भी गोमांस खाते हैं.’

मोदी ने मुंगेर में अपने चुनावी भाषण में लालू प्रसाद की गोमांस संबंधी टिप्पणी को लेकर निशाना साधते हुए कहा था कि उन्होंने (राजद नेता ने) ऐसा कहकर बिहार के लोगों और खासकर उन्हें सत्ता में लाने वाले अपने ‘यदुवंशी’ समुदाय का अपमान किया है. मोदी ने लालू के उस दावे पर भी सवाल उठाया कि उनसे शैतान ने ऐसा कहलवाया था.

पलटवार करते हुए राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने ट्वीट किया, ‘मोदी को चैलेंज करता हूं कि वह मेरा शैतान वाला बयान दिखाएं वरना सार्वजनिक रूप से सारे बिहारियों को शैतान कहने के लिए तुरंत माफी मांगे.’

मोदी के मुंगेर में दिये गये भाषण के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनपर माहौल को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया. इस सप्ताह के शुरू में किशनगंज जिला प्रशासन ने मजलिस-ए-इत्तहादुल मुस्लमीन :एआईआईएम: के विधायक अकबरुद्दीन ओबैसी के खिलाफ एक चुनावी सभा के दौरान कथित रूप से भडकाऊ भाषण देने के आरोप में एक प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.

आयोग ने कहा कि राजनीतिक दलों को बार बार निर्देश और परामर्श जारी किये गये हैं और सबसे ताजा अभी 17 सितम्बर को जारी किया गया था. इसके बावजूद स्थिति अभी भी संतोष से परे है.

आयोग ने राजनीतिक दलों उनके नेताओं और उम्मीदवारों से अपने चुनाव प्रचार के दौरान संयम और शालीनता बनाये रखने तथा चुनाव प्रचार के दौरान आचरण एवं व्यवहार का उच्च स्तर बनाये रखने के इस मामले में भविष्य के चुनावों के लिए उदाहरण पेश करने का पुरजोर अनुरोध किया है.

गौरतलब हो कि बिहार विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के साथ पार्टी के नेताओं की ओर से व्यक्तिगत तौर पर बयानबाजी की जा रही है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने अपने भाषण में लालू यादव को चारा चोर कहा वहीं लालू ने अमित शाह को नरभक्षी. चुनाव प्रचार के दौरान काफी आपत्तिजनक बयान आने लगे हैं जिसमें शैतान,ब्रम्हपिशाच और नरभक्षी के साथ समाजभक्षी जैसे शब्दों का प्रयोग हुआ है. इन बयानों के मद्देनजर आयोग ने यह निर्देश जारी किया है.

इस बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अपने अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘शैतान’ वाली टिप्पणी के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत करते हुए आने वाले समय में उनके रैलियों को अनुमति नहीं देने की अपील की है.

राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा और दल के राज्य प्रवक्ता चितरंजन गगन ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय नायक को इस बारे में लिखित शिकायत दी है. राजद नेताओं ने आयोग का ध्यान मोदी की उस टिप्पणी की ओर भी दिलाया, जिसमें कहा गया था ‘हमारा मुकाबला शैतान से है.’  शिकायत में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में गुरुवार को हुई अपनी कई रैलियों में राजद अध्यक्ष के बारे में बेहद अपमानजनक और उपेक्षापूर्ण टिप्पणियां की हैं और उनके खिलाफ जानबूझकर सोचे समझे ढंग से गलत बातें कहीं और बेबुनियाद आरोप लगाए हैं.



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