नेपाल की स्थिति के लिये वहां का नेतृत्व जिम्मेदार - भारत

Last Updated 08 Oct 2015 08:28:43 PM IST

भारत ने नेपाल की स्थिति के लिये पूरी तरह से वहाँ के नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि भारत नेपाल सीमा पर आवश्यक वस्तुओं से लदे पाँच हजार से ज्यादा ट्रक खड़े हैं और नेपाल में सुरक्षित प्रवेश के लिये इंतजार कर रहे हैं.


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने नियमित ब्रीफिंग में कहा कि नेपाल की पूरी समस्या उनकी अंदरूनी समस्या है. हमने घोषित या अघोषित किसी प्रकार की कोई नाकेबंदी नहीं की है. नेपाल में प्रवेश के नौ रास्ते हैं जो नेपाल के अंदर मधेसी थारू आदि समुदायों के संविधान के खिलाफ ¨हसक आंदोलन के कारण बाधित हैं.

उन्होंने कहा कि छह प्रवेश मार्गों पर गुरुवार दोपहर 12 बजे तक 5033 ट्रक प्रवेश की अनुमति के इंतार में खड़े थे इनमें रूपनडीहा, सुनौली, रक्सौल, जोगबनी और पानी की टंकी शामिल हैं. इसके बावजूद ढाई-तीन सौ ट्रक रोजाना अंदर जा रहे हैं. इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन भी अपेक्षित तेल की आपूर्ति इसीलिये नहीं कर पा रही है. बीरगंज में रेलवे से भी माल नहीं जा पा रहा है.

श्री स्वरूप ने कहा कि हम नेपाल सरकार से अपील करते हैं कि वे अपने यहाँ आंदोलनकारियों से बात करें और संकट का समाधान करें जिससे स्थिति सुधरे और माल की आवाजाही सामान्य हो सके.

नेपाल सरकार द्वारा बार बार भारत पर नाकाबंदी करने का आरोप लगाये जाने के कारण वहां भारत विरोधी भावनायें उफनने तथा नेपाली नेताओं द्वारा चीन से मदद लेने संबंधी बयानों के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता ने कहा कि यह सही है कि नेपाल में भारत विरोधी भावनायें उफान पर हैं और तथाकथित नाकेबंदी के आरोप भारत पर मढ़े जा रहे हैं.

इसके लिये पूरी तरह से नेपाल का नेतृत्व जिम्मेदार है. जहाँ तक चीन का सवाल है तो एक स्वतां एवं संप्रभु देश अगर चाहे तो चीन या अन्य किसी भी देश के साथ जा सकता है.




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