भाजपा ने अपने नेताओं को विवादित बयान देने से परहेज करने को कहा

Last Updated 06 Oct 2015 11:25:51 PM IST

पार्टी नेताओं द्वारा विवादित बयान दिए जाने के बीच भाजपा ने मंगलवार को अपने नेताओं से कहा कि वे ऐसे बयान देने में संयम बरतें जिनसे सांप्रदायिक भावनाओं के भडकने की आशंका है.


भाजपा सांसद साक्षी महाराज (फाइल फोटो)

दादरी हत्या मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री संजीव कुमार बालियान, संगीत सोम और साक्षी महाराज जैसे नेताओं के बयानों की पृष्ठभूमि में भाजपा ने अपने नेताओं को आगाह किया है.

भाजपा ने उत्तर प्रदेश की सपा सरकार पर भी आरोप लगाया कि वह इस घटना को राजनीतिक रूप दे रही है ताकि राज्य में गिरती कानून व्यवस्था की स्थिति से लोगों का ध्यान भटकाया जा सके.

सूत्रों के अनुसार पार्टी नेतृत्व ने भाजपा सदस्यों से संयम बरतने और ऐसे बयान नहीं देने को कहा है जिनसे सांप्रदायिक भावना भड़के.

सूत्रों ने कहा कि पाटी ने उनसे कहा है कि क्षेत्र का दौरा करते समय वे ऐसे भडकाऊ बयान नहीं दें जिनसे सांप्रदायिक सौहार्द्ध बिगड़ सकता हो.

इस बीच भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने एक नए विवाद को हवा देते हुए कहा कि हिन्दू गाय को अपनी माता मानते हैं.

भाजपा के ही एक अन्य सांसद आदित्यनाथ ने इस घटना को लेकर प्रदेश सरकार पर ‘‘लापरवाही’’ का आरोप लगाया और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया. वहीं पार्टी के एक विधायक ने इसे सांप्रदायिक नहीं बल्कि ‘‘सामान्य अपराध’’ बताया.

उत्तर प्रदेश से विवादित सांसद साक्षी महाराज ने कहा, ‘‘अगर कोई हमारी मां को अपमानित करता है तो हम बर्दाश्त करने के बजाय मर जाएंगे.. हमारे लिए यह भारत माता है, हमारी जैविक माता और गौ माता.. मैं मोहम्मद आजम खान और गौमांस खाने का समर्थन करने वालों से पूछना चाहता हूं कि उन्हें कैसा महसूस होगा जब किसी का वध कर दिया जाए जिसे वे अपनी माता के समान मानते हों.’’



उन्होंने कहा कि अगर कोई आतंकवादी भारत माता पर हमला करता है तो लोग मरने या मारने के लिए तैयार होते हैं. ‘‘जैविक माता और गौ माता के मामले में भी यही बात है.’’

भाजपा विधायक संगीत सोम ने कहा कि घटना को सांप्रदायिक घटना नहीं कहा जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘यह सामान्य अपराध है. किसी हिंदू या किसी मुस्लिम के खिलाफ अपराध को... हत्यारे का कोई धर्म नहीं होता.’’

कांग्रेस प्रवक्ता आर पी एन सिंह ने दादरी मुद्दे पर विवादित बयान देने के लिए भाजपा नेताओं की आलोचना की. उन्होंने बिसहड़ा गांव का दौरा करने के लिए नेताओं की आलोचना की और कहा कि उनका मकसद ध्रुवीकरण का है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी जाने के बदले भाजपा नेता स्थिति के ध्रुवीकरण के लिए बिसहड़ा जा रहे थे. वाराणसी में संतों पर लाठीचार्च हुआ था.

 

 



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