ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल जारी
ट्रांसपोर्टरों ने लगातार अपनी हड़ताल जारी रखी जिससे देश के विभिन्न हिस्सों में सामान की आपूर्ति प्रभावित हुई है.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (फाइल फोटो) |
ट्रांसपोर्टरों ने अपने आंदोलन को तेज करते हुए जंतर-मंतर पर धरना दिया और प्रधानमंत्री को अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन भेजा. हांलाकि इस बीच केंद्रीय सड़कए परिवहन एवं राजमार्ग सचिव के साथ हड़ताली ट्रांसपोर्टरों की बैठक होने की संभावना है. यदि उनमें कोई समाधान निकलता है तो ट्रांसपोर्टर हड़ताल की अगली रणनीति तय करेंगे.
गौरतलब है कि ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के आविान पर देशभर के ट्रांसपोर्टर एक अक्टूबर से हड़ताल पर हैं. एआईएमटीसी के करीब छह सौ ट्रांसपोर्टरों ने शनिवार जंतर-मंतर पर धरना दिया और केंद्र सरकार से अपनी मांगों के समर्थन में प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा.
एआईएमटीसी के अध्यक्ष भीम वाधवा ने बताया कि उनकी मुख्य मांग टोल बैरियर फ्री है. इस मामले में अभी तक सरकार ने सार्थक रुख नहीं अपनाया है. लेकिन इस बीच सोमवार को केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग सचिव विजय छिब्बर के साथ एआईएमटीसी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक होनी है. यदि इसमें कोई समाधान निकलता है तो वे अपनी अगली रणनीति हैं.
उन्होंने बताया कि हड़ताल के दायरे से दूध, सब्जियों और दवाओं जैसी आवश्यक चीजों की आपूर्ति को बाहर रखा गया है. तमिलनाडु, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा बिहार और उत्तर प्रदेश सहित राज्यों से मिली खबरों के अनुसार सामान की आपूर्ति प्रभावित हुई है.
एआईएमटीसी का दावा है कि उसके पाले में देशभर में 87 लाख ट्रक और 20 लाख बस और टेम्पो हैं. उन्होंने बताया कि हड़ताल से ट्रक ऑपरेटरों को तीन दिन में करीब पांच हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जबकि सरकार को 40 हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान का अनुमान है.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है, हड़ताल जारी रखना उन (ट्रांसपोर्टरों) पर निर्भर करता है.
Tweet |