जेठमलानी ने नरेंद्र मोदी और जेटली को इशारों में कहा बेईमान, सुशील मोदी ने किया पलटवार

Last Updated 04 Oct 2015 07:04:55 PM IST

बिहार विधान सभा चुनाव की सरगर्मी के चलते वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने पीएम मोदी और जेटली पर प्रहार कर उसकी गर्मी और बढ़ा दी है.


वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी

पटना में रविवार को पूर्व सैनिकों के एक कार्यक्रम में 'वन रैंक वन पेंशन' के मुद्दे पर बोलते हुए वरिष्ठ वकील और पूर्व बीजेपी नेता राम जेठमलानी ने पीएम नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली पर जमकर निशाना साधा. हालांकि इसके बाद यहां हंगामा भी हुआ.

जेठमलानी ने कहा कि आज उन्हें इस बात का पछतावा है कि वह पीएम मोदी और अरुण जेटली जैसे लोगों के झांसे में आ गए इसके लिए वह शर्मिंदा हैं. उन्होंने कहा अब उनका मकसद इन लोगों को सत्ता से बेदखल करना है और इसकी शुरुआत बिहार चुनाव से होनी चाहिए.

जेठमलानी की इस बात पर कार्यक्रम में मौजूद पूर्व सैनिक अनिल सिन्हा भड़क गए और उन्होंने जमकर बवाल मचाया.

क्या था जेठमलानी का बयान?

पटना में कार्यक्रम के दौरान जेठमलानी ने कहा, "आज मैं प्रायश्चित करने के लिए यहां आया हूं. मैं माफी चाहता हूं कि वकील होकर भी अरुण जेटली और पीएम मोदी के हाथ आ गया. मैं शर्मिंदा हूं. मैंने ऐसे बेईमान लोगों का साथ दिया. अब मैं बदला लेना चाहता हूं. मुझे आपकी (पूर्व सैन्यकर्मी) मदद की जरूरत है. उनको शिकस्त देने की शुरुआत बिहार चुनाव से होनी चाहिए."

जेठमलानी यहीं तक नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि अगर उन्हें वोट करना हो तो बीजेपी और मोदी को बाहर करने के लिए वह नीतीश कुमार को वोट करेंगे.

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का समर्थन उन्होंने इसलिए किया कि वे सोचते थे कि उनकी सरकार कालाधन मुद्दे पर गंभीरता से काम करेगी.

जेठमलानी ने कहा कि मोहन भागवत के आर्थिक आरक्षण के पक्ष वाले बयान को अब नरम करने की कोशिश की जा रही है. संघ के मुखपत्र 'आर्गेनाइजर' व 'पांचजन्य' इसे आरक्षण को सामाजिक नजरिये से पुनर्विचार की कोशिश के रूप में प्रचारित करने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे हालात में मुझे लगा कि कोई बाहरी दखल इस मामले में जरूरी है.
 
मैं मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू करने के लिए बिहार सरकार की तरफ से पैरवी भी कर चुका हूं. इसीलिए मैं पिछड़ों के हक की बात करने के लिए यहां आया हूं. जेठमलानी बोले- मैं पूरे सम्मान के साथ संघ प्रमुख से अनुरोध करता हूं कि यदि उनके बयान को सही ढंग से पेश नहीं किया गया है तो खुद इसे स्पष्ट करें.

संघ और उससे जुड़े लोग यह अच्छी तरह जानते हैं कि आरक्षण एक संवैधानिक व्यवस्था है और इसे किसी बयानबाजी या सरकार के द्वारा नहीं बदला जा सकता. ऐसे में यह मांग उठाना सीधे-सीधे चुनावी राजनीति दिखता है.

जेठमलानी ने कहा कि मैं भी पक्ष में हूं कि आरक्षण पर पुनर्विचार हो, पर इसके पहले पिछड़ों की स्थिति का सर्वे हो. जिस दिन यह साबित हो जायेगा कि सारे पिछड़े अब सही जगह पहुंच गये हैं, उस दिन मुझे सबसे ज्यादा खुशी होगी. वही सही वक्त होगा आरक्षण की व्यवस्था में बदलाव का.

सुशील मोदी का राम पर पलटवार

जेठमलानी के बयान के बाद बीजेपी नेता सुशील मोदी ने ट्वीट कर पलटवार किया. उन्होंने लिखा, विनायक सेन जैसे नक्सलियों, कश्मीरी अलगाववादियों और इंदिरा गांधी के हत्यारों तक की वकालत करने वाले राम जेठमलानी अब चारा घोटाले में लालू प्रसाद की पैरवी करना चाहते हैं. नए मुवक्किल को खुश करने के लिए जेठमलानी आरक्षण मुद्दे को हवा दे रहे हैं.



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