पूर्व सैनिकों के लिए 'वन रैंक वन पेंशन' का हो गया एलान, पूर्व सैनिक विभिन्न बिंदुओं पर पूरी तरह असंतुष्ट

Last Updated 05 Sep 2015 03:06:57 PM IST

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करते हुए वन रैंक वन पेंशन का एलान कर दिया, रक्षा मंत्री ने कहा भारत सरकार हमारे सैनिकों का सम्‍मान करती है.


आखिर हो गया 'वन रैंक वन पेंशन' का एलान (फाइल फोटो)

वन रैंक वन पेंशन का मामला पिछले 4 दशक से लंबित है. प्रधानमंत्री ने इस मामले में अपनी प्रतिबद्धता दिखाई. हमने अपना वादा पूरा किया.'

उन्‍होंने आगे कहा कि, 'इसके बाद सराकार पर 8-10 करोड़ का अतिरिक्‍त खर्च आएगा. सरकार ने इसे लागू करने का फैसला किया है. इसके अनुसार वन रैंक वन पेंशन 1 जुलाई 2014 से लागू होगा.

पूर्व सैनिकों को 4 छमाही किश्‍तों में एरियर का पैसा दिया जाएगा. पेंशन का संशोधन 5 साल में किया जाएगा. सैनिकों की विधवाओं को एकमुश्‍त एरियर दिया जाएगा.

इसमें VRS लेने वाले सैनिक शामिल नहीं होंगे. OROP 1 जुलाई, 2014 से इसे लागू किया जाएगा और पेंशन हर पांच साल में रिवाइज की जाएगी.

वन रैंक वन पेंशन लागू होने के बाद सरकार के खजाने पर आठ से दस हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.

चार दशक से चली आ रही पूर्व सैनिकों की इस मांग को कठिन आर्थिक और वित्तीय परिस्थितियों के बावजूद सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर लागू करने के लिए राजी हुई है.

इससे पहले रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिलने पहुंचे थे, रक्षा मंत्री से मुलाकात के बाद पूर्व सैनिक ने बताया, मोटे तौर पर सरकार ने वन रैंक वन पैंशन मान लिया है. वीआरएस लेने वाले सैनिकों पर सकारात्मक बातचीत हुई.

पूर्व सेनाकर्मियों ने संकेत दिया था कि वे हर दो साल में समीक्षा को स्वीकार कर सकते हैं लेकिन सरकार इस बात पर जोर देती रही है कि यह पांच साल में एक बार होगा.

पिछले 82 दिन से आंदोलन कर रहे पूर्व सैन्यकर्मियों ने कहा कि वे पांच साल के अंतराल पर पेंशन की समीक्षा को स्वीकार नहीं करेंगे.

ऐसा माना जाता है कि ‘वन रैंक वन पेंशन’ का एक मसौदा प्रस्ताव कल आरएसएस की बैठक में वितरित हुआ जिसमें योजना के जुलाई 2014 से लागू होने और हर पांच साल में पेंशन समीक्षा की बात कही गई है.

रक्षा मंत्री से मुलाकात से पूर्व जंतर-मंतर पर एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर पूर्व सैनिकों ने साफ कह दिया कि वह वीआरएस लेने वालों, फैमिली पेंशनरों और विकलांग पेंशनरों के मामले में कोई समझौता नहीं करेंगे.

उन्‍होंने स्‍पष्‍ट कहा, अगर सरकार की पेंशन योजना का खाका उनके मुद्दों से नहीं मिला तो वे इसे नहीं मानेंगे.


 



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