पूर्व सैनिकों के लिए 'वन रैंक वन पेंशन' का आज ऐलान कर सकती है सरकार

Last Updated 05 Sep 2015 01:21:45 PM IST

सरकार शनिवार को पूर्व सैनिकों के लिए 'वन रैंक वन पेंशन' ऐलान कर सकती है, इसी को लेकर रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने अपना हैदराबाद दौरा रद्द कर दिया.


OROP पर सरकार कर सकती है एलान आज (फाइल फोटो)

सूत्रों ने यह भी बताया कि सरकार ने पूर्व सैनिकों की ज्यादातर मांगें मान ली है. सरकार पहली जुलाई 2014 से इसका लाभ देने पर सहमत हुई है. वन रैंक वन पेंशन का बेस ईयर 2013 होगा. पेंशन के एरियर का भुगतान 4 किस्तों में होगा. शहीदों की विधवाओं को एक किश्त में एरियर दिया जाएगा.

रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिलने पहुंचे थे, रक्षा मंत्री से मुलाकात के बाद पूर्व सैनिक ने बताया, मोटे तौर पर सरकार ने वन रैंक वन पैंशन मान लिया है. वीआरएस लेने वाले सैनिकों पर सकारात्मक बातचीत हुई. सरकार ड्राफ्ट देखने के बाद प्रतिक्रिया देंगें. पेंशन रिवीजन पर बात होना बाकी है.

वहीं पूर्व सेनाकर्मी यह स्पष्ट कर चुके हैं कि कोई भी एकतरफा फैसला स्वीकार्य नहीं होगा. आधिकारिक हलकों में घोषणा की संभावना पर बात हो रही है, जबकि पूर्व सेनाकर्मियों ने उल्लेख किया कि पेंशन की समीक्षा पर कोई समझौता नहीं हुआ है.

पूर्व सेनाकर्मियों ने संकेत दिया है कि वे हर दो साल में समीक्षा को स्वीकार कर सकते हैं लेकिन सरकार इस बात पर जोर देती रही है कि यह पांच साल में एक बार होगा. पिछले 82 दिन से आंदोलन कर रहे पूर्व सैन्यकर्मियों ने कहा कि वे पांच साल के अंतराल पर पेंशन की समीक्षा को स्वीकार नहीं करेंगे.

ऐसा माना जाता है कि ‘वन रैंक वन पेंशन’ का एक मसौदा प्रस्ताव कल आरएसएस की बैठक में वितरित हुआ जिसमें योजना के जुलाई 2014 से लागू होने और हर पांच साल में पेंशन समीक्षा की बात कही गई है.

प्रारूप के अनुसार योजना के क्रियान्वयन का आधार 2013 होगा और बकाया भुगतान चार किश्तों में होगा. प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व सैन्यकर्मियों ने धमकी दी थी कि यदि सरकार ओआरओपी लागू करने के संबंध में कोई एकतरफा घोषणा करती है तो वे आंदोलन तेज कर देंगे. उनका कहना है कि प्रस्ताव पूर्व रक्षा कर्मियों द्वारा तय किए गए नियम-शर्तों के अनुरूप नहीं है.

इंडियन एक्स-सर्विसमेन मूवमेंट के अध्यक्ष मेजर जनरल सतबीर सिंह (अवकाशप्राप्त) ने कहा था, यदि मांग नहीं मानी गई तो एकतरफा घोषणा हमें अस्वीकार्य है. हम अपना आंदोलन तेज करेंगे. सिंह ने कहा, ऐसी खबरें हैं कि सरकार जल्द ही ओआरओपी के क्रियान्वयन की एकतरफा घोषणा कर सकती है. यदि यह हमारे नियम शर्तों के अनुरूप है तो हम इसका स्वागत करेंगे और सरकार का धन्यवाद व्यक्त करेंगे.

उन्होंने कहा कि ओआरओपी 31 मार्च 2014 से क्रियान्वित की जानी चाहिए और वे इसे जुलाई 2014 से स्वीकार नहीं करेंगे. सिंह ने दावा किया कि पेंशन में समानता लाने के लिए सरकार को लगातार छह साल के लिए सिर्फ 30 करोड़ रूपये खर्च करने होंगे.

उन्होंने कहा, यदि सरकार संसद की कैंटीन को सब्सिडी देने के लिए 60 करोड़ रूपये खर्च कर सकती है तो फिर मुझे कुछ नहीं कहना. ओआरओपी सरकार और सेवानिवृत्त रक्षाकर्मियों के बीच परदे के पीछे गहन चर्चा के बावजूद अटकी हुई है.

पूर्व सैनिकों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करने के बाद रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह से मिलने उनके आवास पहुंचे.

रक्षा मंत्री से मुलाकात से पूर्व जंतर-मंतर पर एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर पूर्व सैनिकों ने साफ कह दिया कि वह वीआरएस लेने वालों, फैमिली पेंशनरों और विकलांग पेंशनरों के मामले में कोई समझौता नहीं करेंगे. उन्‍होंने स्‍पष्‍ट कहा, अगर सरकार की पेंशन योजना का खाका उनके मुद्दों से नहीं मिला तो वे इसे नहीं मानेंगे.

पूर्व सैनिकों ने आगे कहा कहा कि हमें सरकार से कुछ संकेत मिले हैं. हम खुले मन से रक्षा मंत्री से मिलने के लिए जाएंगे और उनकी बात सुनने के बाद निर्णय लेंगे. उन्‍होंने कहा, हमारी मांग है कि सारे पेंशनरों को फायदा मिलना चाहिए. वीआरएस लेने वाले सैनिकों को भी पेंशन का लाभ मिलना चाहिए.

 



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