ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का असर देशभर में
सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के विरोध में और अपनी 12 सूत्री मांगों को लेकर कांग्रेस व वाम समर्थित ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर देश में एक दिवसीय भारत बंद का असर सुबह से ही दिखने रहा है.
ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का असर (फाइल फोटो) |
भारत बंद के दौरान सुरक्षा व्यवस्था भी चरमराई दिखी. कई जगहों पर हिंसक घटनाओं के कारण लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
लेबर पॉलिसी में होने जा रहे बदलाव के खिलाफ देश के 10 यूनियनों के 15 करोड़ कर्मचारी-मजदूर बुधवार को हड़ताल पर हैं. इससे बैंकिंग, ट्रांसपोर्ट जैसी सर्विसेज पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है.
दिल्ली में ऑटो रिक्शा और टैक्सियों की हड़ताल की वजह से लोग बेहद परेशान नजर आए. बसों में यात्रियों की ठसाठस भीड़ दिखी सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध पर उतरे हड़तालियों ने बिहार और बंगाल में रेलवे ट्रैक जाम कर रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित किया है.
भारत बंद का असर बिहार और बंगाल में हिंसक रूप लेता दिख रहा है. सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध पर उतरे हड़तालियों ने बिहार और बंगाल में रेलवे ट्रैक जाम कर रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित किया है.
बिहार के आरा में हिमगिरी एक्सप्रेस और हावड़ा स्टेशन पर लंबी दूरी की ट्रेनें नहीं पहुंच पा रही हैं. पश्चिम बंगाल के उत्तरी परगना जिले में प्रदर्शकारियों और पुलिस के बीच झड़प के बाद पुलिसकर्मियों को प्रदर्शनाकारियों पर लाठीचार्ज करना पड़ा.
तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले में बंद का कुछ असर नजर आया. हालांकि, दक्षिणी जिले में कोई असर नहीं. तमिलनाडु स्टेट ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ने बसें चलाना जारी रखा. तिरुवर जिले में रेल रोकने की कोशिश कर रहे कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया.
केरल में सरकारी और प्राइवेट बस, टैक्सी और ऑटोरिक्शा नहीं चले. कुछ प्राइवेट कारें और टू व्हीलर्स ही रोड पर दिखे. दुकानें, होटल, यहां तक चाय के दुकान भी बंद रहे.
भोपाल के सभी केंद्रीय श्रमिक संगठनों यानी ट्रेड यूनियनों व कर्मचारी संगठनों इंटक, एटक, सीटू, एचएमएस, समेत के आह्वान पर बुधवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दौरान बैंक पोस्ट ऑफिस, बीएसएनएल व इनकम टैक्स संबंधी काम काज ठप है. शहर में कई जगह से रैली निकल रही है. बैंकों के कर्मचारियों ने एमपी नगर से रैली निकाली.
भीलबाड़ा मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ बुधवार को कर्मचारियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल से रोडवेज बसों के पहिए थम गए तो बैंकों में ताले लटकने से बैंकों में कारोबार ठप रहा. बीमा, डाकघर और अन्य दफ्तर भी नहीं खुले. रोडवेज बसों के पहिए थमने से यात्री दिनभर परेशान रहे.
देश के दस प्रमुख ट्रेड यूनियन (श्रमिक संगठन) की बुलाई गई राष्ट्रव्यापी हड़ताल का असर दिल्ली में दिखने लगा है. दिल्ली में DTC बसों और फीडर में भारी भीड़, पश्चिम विहार, पंजाबी बाग, संसद मार्ग पर भी ऑटो बहुत कम चल रहे हैं.
देश भर के विभिन्न मजदूर संगठनों की हड़ताल की वजह से सुबह से शहरवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हड़ताल का पटना सहित पूरे बिहार में असर दिखने लगा है. अधिकांश जगह यातायात प्रभावित है. सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. हड़ताली कर्मचारी जगह-जगह ट्रेनों को रोक रहे हैं.
हड़ताल का असर राज्य के अन्य भागों में भी दिख रहा है. मधुबनी रेलवे स्टेशन पर जयनगर-समस्तीपुर पैसेंजर ट्रेन को एसएफआइ कार्यकर्ताओं ने आधे घंटे तक रोके रखा. कोसी प्रमंडलीय मुख्यालय सहरसा में भी आंदोलनकारियों ने एनएच 107 को सुबह से ही जाम कर रखा है.
प्रदर्शनकारियों ने आरा में रेल सेवा बाधित कर दी है. वहां हिमगिरि एक्सप्रेस को आधे घंटे रोकने के कारण डाउन लाइन पर कई गाडि़यां ठहर गईं. तेलंगाना में आम लोगों के लिए ट्रांसपोर्ट की लाइफलाइन माने जाने वाले आरटीसी बस नहीं चलीं. बिहार के आरा में भी ट्रेन रोकी गई. झारखंड में कोयला कंपनियों में उत्पादन पर असर पड़ा. रांची में कई बैंकों के कामकाज प्रभावित.
हालांकि, एसबीआई और पीएनबी जैसे सरकारी और सभी प्राइवेट बैंक इस हड़ताल में शामिल नहीं हुए.केरल में सरकारी और प्राइवेट बस, टैक्सी और ऑटोरिक्शा नहीं चले. कुछ प्राइवेट कारें और टू व्हीलर्स ही रोड पर दिखे. दुकानें, होटल, यहां तक चाय के दुकान भी बंद रहे.
मजदूर संगठनों की देशव्यापी हड़ताल का हरियाणा में मिला-जुला असर देखने को मिला. सुबह से जहां बसों का चक्काजाम रहा, वहीं बैंकिंग और बीमा सेवाएं भी प्रभावित रही.
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