पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने का विचार कर रही थीं इंदिरा गांधी

Last Updated 31 Aug 2015 06:33:56 PM IST

तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी परमाणु हथियार बनाने की क्षमता हासिल करने की कोशिश में जुटे पाकिस्तान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला करने का विचार कर रही थीं.


पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने का विचार कर रही थीं इंदिरा गांधी (फाइल फोटो)

अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के एक दस्तावेज के हवाले से इस बात का दावा किया गया है.

इंदिरा गांधी के मन में यह विचार उस समय आया था जब अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को F-16 लड़ाकू विमान उपलब्ध कराने का फैसला शुरुआती चरण में ही था. सीआईए द्वारा तैयार दस्तावेज 'इंडियाज रिएक्शन टू न्यूक्लियर डेवलपमेंट्स इन पाकिस्तान' के हवाले से यह बात सामने आई है.

इस साल जून में सीआईए के वेबसाइट पर पोस्ट किए गए दस्तावेज के अंश के मुताबिक इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली भारत सरकार पाकिस्तान के परमाणु हथियार कार्यक्रम की प्रगति को लेकर काफी चिंतित थी. भारत का मानना था कि पाकिस्तान परमाणु हथियार हासिल करने से कुछ ही कदम दूर है.

सीआईए का मानना था कि भारत की चिंता जिस तरह से बढ़ रही थी, मामला काफी गंभीर हो सकता था. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पाक के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को लेकर फैसला ले सकती थीं. इसके लिए प्रारंभिक चरण में भारत, पाकिस्तान के न्यूक्लियर ठिकानों को निशाना बनाता. उन ठिकानों पर हमले करता.

सीआईए के एक अति संवेदनशील दस्तावेज में इस बात का दावा किया गया है. रिपोर्ट तैयार करते समय सीआईए का कहना था कि प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया था.

रिपोर्ट के अनुसार, चूंकि पाकिस्तान परमाणु हथियारों में प्रयोग के लिए प्लूटोनियम और अतिसमृद्ध यूरेनियम बनाने के अंतिम चरण में था, गांधी ने इस खतरे का स्पष्ट जवाब भारतीय परमाणु परीक्षण तैयारियों को अधिकृत करके दिया. सीआईए ने कहा कि फरवरी 1981 में कम समय में भारतीय परीक्षण उपकरण के भूमिगत विस्फोट को अनुमति देने के लिए थार मरूस्थल में खुदाई शुरू की गई.

सीआईए ने कहा कि मई में भारत ने 40 किलोटन परमाणु परीक्षण के लिए तैयारियां पूरी कर ली थीं. उन्होंने कहा कि कहा गया कि भारत को पाकिस्तान के संभावित परीक्षण के करीब एक सप्ताह बाद डिवाइस में विस्फोट करना था.

सीआईए ने कहा कि स्पष्ट है कि भारत सरकार ने आकलन किया कि पाकिस्तानी परमाणु विस्फोट राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा नहीं होगा और शांतिपूर्ण परमाणु विस्फोट कार्यक्र म की बहाली से क्षेत्र में भारत की श्रेष्ठता की छवि के नुकसान को कम किया जा सकता है.

इसमें कहा गया, ‘प्रधानमंत्री गांधी ने संभवत: पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य विकल्प का उपयोग करने का फैसला नहीं किया. दूरतम मामले में, अगर सैन्य विकल्प के उपयोग के लिए अनुकूल समय से पहले पाकिस्तान को एफ 16 लड़ाकू विमान देने को लेकर भारत की चिंताएं बढ़ती हैं तो प्रधानमंत्री गांधी के लिए संभावित आपातकालीन हमले की योजना पूरी करने के लिए स्थितियां पूर्ण हो सकती हैं.’

रिपोर्ट में कहा गया कि हमारा सर्वश्रेष्ठ आकलन हालांकि यह है कि भारत देखो और इंतजार करो की रणनीति अपनाएगा.



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