रामचरितमानस आज भी प्रासंगिक, मर्यादा और संस्‍कार की देती है शिक्षा : PM मोदी

Last Updated 31 Aug 2015 01:24:35 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पंचवटी नाम के कमरे में रामचरितमानस का डिजिटल वर्जन लॉन्‍च किया.


रामचरितमानस का डिजिटल वर्जन लॉन्‍च

आकाशवाणी की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि रामचरितमानस अच्‍छे रास्‍ते पर चलना सिखाती है. आकाशवाणी ने रामचरितमानस का डिजिटल संस्‍करण बनाया है.

ऑल इंडिया रेडियो को बधाई देते हुए मोदी ने कहा कि 22 साल की कड़ी मेहनत के बाद यह संस्‍करण सामने आया है. इस काम में जुड़े सभी लोग बधाई के पात्र हैं. मोदी ने कहा कि समाज व्‍यवस्‍था और परिवार व्‍यवस्‍था का सबसे अच्‍छा उदाहरण रामचरितमानस है. रामचरितमानस के आदर्श आज भी मौजूद हैं.

पीएम ने कहा कि रामचरितमानस ऐतिहासिक रचना है पूरी दुनिया में इसे पढ़ा जाता है. यह ग्रंथ मर्यादा और संस्‍कार की शिक्षा देती है. नरेंद्र मोदी ने एक विदेशी परिवार की कहानी सुनाई जो रामचरितमानस से इतने प्रभावित हुए कि उन्‍होंने अपने परिवार के सदस्‍यों का नाम राम और सीता रख लिया.

पीएम ने कहा कि आकाशवाणी कई दशकों से समाचारों को आम लोगों तक पहुंचाने का एक श्रेष्‍ठ माध्‍यम है.

उन्‍होंने कहा कि सरकार में नौकरी करते-करते जीवन मशीनी हो जाता है. जीवन में महत्‍वपूर्ण 30-35 साल इसी में गुजर जाते हैं. सरकार का एक मुलाजिम जिसमें कुछ करने की तड़प और अदम्‍य इच्‍छा हो वह एक बड़ी विरासत छोड़ कर जाता है.

उन्‍होंने कहा कि अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस ने यह साबित कर दिया है कि दुनिया भारत को जानने और समझने के लिए आतुर है.

रामचरितमानस को लेकर उन्‍होंने आगे कहा कि, 'आज ओम कहने पर बहस होती है कि इसका उच्‍चारण किया जाए लेकिन रामचरितमानस के साथ ऐसा नहीं होता है. हमारे पारिवारिक मूल्‍यों की प्रशंसा दुनिया में होती है और रामचरितमानस इन्‍हीं पारिवारिक मूल्‍यों की बात करती है. हजारों सालों से हमारी परिवार व्‍यवस्‍था हमारी विशेषता है, ये संगीत, संस्‍कार और संस्‍कृति की साधना है.'



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