हार्दिक की चेतावनी, दूसरे राज्यों में भी फैलेगा पटेल आरक्षण आंदोलन

Last Updated 30 Aug 2015 07:59:01 PM IST

गुजरात में पटेल आंदोलन का चेहरा बन गये हार्दिक पटेल ने कहा कि सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में पटेलों को आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन का विस्तार दूसरे राज्यों में भी किया जाएगा और इसमें कुर्मियों तथा गुर्जरों जैसी जातियों को शामिल किया जाएगा.


हार्दिक पटेल

 
22 वर्षीय हार्दिक ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘‘गुजरात में जो हुआ, उसे हम राष्ट्रीय स्तर पर ले जाना चाहते हैं और करीब 12 राज्यों के लोग हमारे संपर्क में हैं.’’
   
हार्दिक ने दिल्ली में कुर्मी, कोएरी और गुर्जर समुदायों के कुछ नेताओं से मुलाकात की और कहा कि आरक्षण आंदोलन मैराथन आंदोलन है और 100 मीटर की दौड़ नहीं है जो 1-2 साल तक चलेगा.
   
हार्दिक ने पटेल समुदाय को ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण देने की मांग को लेकर अहमदाबाद में 25 अगस्त को बड़ी रैली आयोजित की थी. रैली के दौरान हार्दिक को हिरासत में ले लिया गया जिसके बाद राज्य में कई जगह पर हिंसा फैल गयी जिसमें एक पुलिस कांस्टेबल समेत 10 लोगों की मौत हो गयी.
   
उन्होंने रविवार को दिल्ली में प्रेस क्लब में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं विभिन्न राज्यों में हमारे समुदाय के 27 करोड़ लोगों को एक साथ लाना चाहता हूं. मैं अपने आंदोलन को पूरे देश में ले जाना चाहता हूं. जहां भी पटेल समुदाय को मेरी जरूरत हुई, मैं जाऊंगा.’’
   
उन्होंने कहा, ‘‘अगर इस समय हमें समुदाय के बाहुबल की जरूरत हुई तो हमें मदद मिलेगी और जब भी जरूरत पड़ेगी वे राजमार्गों को रोक देंगे.’’
   
हार्दिक ने कहा, ‘‘हम लखनऊ में, नयी दिल्ली में जंतर-मंतर पर बड़ी रैली आयोजित करना चाहते हैं. हम भारत के पटेलों का आह्वान करेंगे.’’
   
प्रत्येक समुदाय के गरीब लोगों के लिए आरक्षण की वकालत करते हुए हार्दिक ने कहा, ‘‘देश आरक्षण की वजह से 60 साल पिछड़ गया है और इससे महाशक्ति बनने की उसकी संभावनाएं बाधित हुई हैं. जिन लोगों को अच्छे अंक मिलते हैं लेकिन दाखिला नहीं मिल पाता, उन्हें आरक्षण की जरूरत होती है.’’
   
हार्दिक ने कहा, ‘‘जिस दिन आरक्षण पर उचित खाका बन जाएगा, हम अपने देश को मजबूत कर सकते हैं और नये स्तर पर ले जा सकते हैं.’’
   
उन्होंने आंदोलन के दौरान गुजरात पुलिस की कार्रवाई की भी निंदा की और कहा कि वह इसके खिलाफ सोमवार को मध्य प्रदेश में महारैली का आयोजन करेंगे.
   
उन्होंने कहा कि गुजरात मॉडल की बहुत बात होती है लेकिन राज्य में ऐसी कोई भी बात नहीं है. राज्य में 8900 किसान खुदकुशी कर चुके हैं जो सभी पटेल थे.
   
उन्होंने कहा, ‘‘182 जातियों को आरक्षण दिया गया जिनमें से गुजरात में केवल 4-5 जातियां हैं. 1984 में पटेल समुदाय ने (मंडल आयोग के समक्ष) आरक्षण का विरोध किया था.’’
   
हार्दिक ने कहा, ‘‘आज व्यवस्था कमजोर हो गयी है और युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा. किसान खुदकुशी कर रहे हैं और एमबीए की डिग्री रखने वाले सेल्समैन बन रहे हैं.’’
   
बाद में हार्दिक को राजधानी में एक समारोह में सम्मानित किया गया, जहां उन्होंने कहा कि उनके समुदाय के केवल 465 लोगों को गुजरात में पिछले दस साल में प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी की सरकारी नौकरियों में स्थान मिला है.
   
उन्होंने कहा, ‘‘वे (उच्चतम न्यायालय और सरकार) कहते हैं कि 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जा सकता. संविधान में यह लिखा है लेकिन किस संविधान में लिखा है कि किसी आतंकवादी के लिए कोई अदालत तड़के 3:30 बजे तक खुली रह सकती है.’’
   
हार्दिक ने कहा, ‘‘हम सबके लिए संविधान बदलना चाहिए. अगर सौहार्दपूर्ण तरीके से आरक्षण दिया जाता है तो हम इसे स्वीकार करेंगे, अन्यथा हम जानते हैं कि इसे कैसे छीनना है.’’
   
दिल्ली प्रवास के दौरान हार्दिक ने रविवार को अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष पाम प्रसाद चौधरी, अखिल भारतीय चौधरी अंजाना समिति के अध्यक्ष दीपराम पटेल और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के महासचिव तथा उत्तर प्रदेश के कुर्मी नेता अखिलेश कटियार के साथ बैठक की. उन्होंने अखिल भारतीय गुर्जर महासभा के कुछ नेताओं, आरएसएलपी प्रमुख तथा मोदी सरकार में राज्य मंत्री बिहार के कोएरी नेता उपेंद्र कुशवाहा से भी मुलाकात की.
   
बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश के सीतापुर से भाजपा सांसद राजेश वर्मा ने हार्दिक के संवाददाता सम्मेलन के लिए शुरू में नॉर्थ एवेन्यू में कोई जगह बुक कराई थी जहां सांसदों के आवास हैं. लेकिन बाद में स्थान बदलकर प्रेस क्लब कर दिया गया. वर्मा ने बाद में कहा कि उनके एक सहयोगी ने उनकी जानकारी के बिना स्थान बुक करा दिया था और जब उन्हें पता चला तो उन्होंने इसे रद्द करा दिया.
   
उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में गुजरात हिंसा पर पीड़ा व्यक्त की.
   
हार्दिक ने कहा, ‘‘हम किसी को चुनौती नहीं देते. हमारी किसी से लड़ाई नहीं है. हम अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी के खिलाफ नहीं हैं और हम भाजपा, सपा या आम आदमी पार्टी के भी खिलाफ नहीं हैं.’’
   
उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमें अपना अधिकार नहीं मिलता, तो हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे, भले ही सत्ता में मोदी या केजरीवाल कोई भी हों.’’
   
हालांकि हार्दिक को कोटला के गुर्जर भवन में सम्मान समारोह के दौरान कुछ गुर्जर नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ा.
   
अखिल भारतीय गुर्जर महासंघ के अध्यक्ष बताये जा रहे गुर्जर नेता राजेंद्र मावी ने पटेल के भाषण के बीच में उन पर जाटों की आरक्षण की मांग का समर्थन करने का आरोप लगाया. अंतत: मावी को हॉल से बाहर निकाल दिया गया.
   
मावी ने कहा, ‘‘हम उनके खिलाफ हैं और उनके साथ नहीं हैं. जब वह जाट आरक्षण की मांग का समर्थन कर रहे हैं तो हम उनका समर्थन कैसे कर सकते हैं.’’
   
उन्होंने कहा कि गुर्जरों समेत ओबीसी के तहत आने वाले विभिन्न समुदायों की याचिकाओं पर अदालत ने जाटों को आरक्षण पर रोक लगा दी थी और अब हार्दिक पटेल उनकी मांग का समर्थन कर रहे हैं.
   
मावी ने कहा, ‘‘गुजरात में पटेलों ने अतीत में भी सरकारें चलाई हैं और अब भी वहां पटेल मुख्यमंत्री हैं. केंद्र में भी गुजरात का बड़ा प्रतिनिधित्व है और उन्हें राज्य सरकार तथा केंद्र से बात करनी चाहिए.’’
   
कई हिंदीभाषी राज्यों में गुर्जर और जाट परंपरागत रूप से प्रतिद्वंद्वी रहे हैं.
   
इस बीच रविवार को अहमदाबाद में कड़ी सुरक्षा के बीच श्वेतांग पटेल का अंतिम संस्कार किया गया जिसकी पुलिस हिरासत में मृत्यु हो गयी थी. उसे राज्य में हिंसा के बाद हिरासत में लिया गया था.
   
किसी तरह की अप्रिय स्थिति से बचने के लिए 32 वर्षीय श्वेतांग के घर से लीला नगर इलाके में शवदाहगृह तक एक किलोमीटर के रास्ते में एहतियातन स्थानीय पुलिस, एसआरपी, आरएएफ और सीआरपीएफ के करीब 600 जवान तैनात किये गये.
   
पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के संयोजक हार्दिक ने श्वेतांग के अंतिम संस्कार में भाग नहीं लिया और दिल्ली चले गये. हार्दिक ने कहा कि वह श्वेतांग की मां से मिलने के बाद दिल्ली आये क्योंकि उन्होंने कहा कि मेरा बेटा तो अब मर चुका है लेकिन तुम्हें आंदोलन की रफ्तार धीमी नहीं पड़ने देनी चाहिए.
   
श्वेतांग की मां प्रभाबेन पटेल की याचिका पर गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश के बाद श्वेतांग का दूसरा पोस्टमॉर्टम किया गया. ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि उसकी मृत्यु सिर में गंभीर चोट लगने से हुई. अदालत ने मामले में सीआईडी जांच के आदेश दिये थे.



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