OROP मुद्दा: आंदोलन कर रहे पूर्व सैन्यकर्मियों ने सरकार की पेशकश को ठुकराया

Last Updated 28 Aug 2015 09:16:12 PM IST

वन रैंक वन पेंशन (OROP) मुद्दे पर गतिरोध शुक्रवार को बरकरार रहा. पिछले 75 दिनों से आंदोलन कर रहे पूर्व सैन्यकर्मियों द्वारा इस मुद्दे पर सरकार की ताजा पेशकश को खारिज किए जाने के बाद सरकार ने इसे लागू करने के लिए कुछ और समय की मांग की है.


पूर्व सैन्यकर्मियों ने पेशकश ठुकराई

इंडियन एक्स-सर्विसमेन मूवमेंट के अध्यक्ष मेजर जनरल :सेवानिवृत्त: सतबीर सिंह ने कहा, ‘‘उन्होंने अंतत: जो कुछ भी पेशकश की है वह हमें स्वीकार्य नहीं है. कल हमें जो कुछ भी कहा गया है वह उस परिभाषा के कहीं भी करीब नहीं है जिसपर संसद ने फैसला किया था और स्वीकार किया था.’’

यूनाइटेड फ्रंट ऑफ एक्स-सर्विसमेन द्वारा जारी एक वक्तव्य में कहा गया, ‘‘पाकिस्तान के साथ 1965 के युद्ध में हिस्सा लेने वाले सैकड़ों पूर्व सैन्यकर्मी प्रदर्शन में शामिल हुए और सरकार द्वारा आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह का बहिष्कार किया.’’

हालांकि, रक्षा मंत्रालय ने शाम को तस्वीरें जारी कीं जिसमें कुछ पूर्व सैन्यकर्मियों को इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर आयोजित कार्यक्रम में पुष्पचक्र  चढ़ाते दिखाया गया.

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इससे पहले दिन में पूर्व सैन्यकर्मियों से मुलाकात की थी. उन्होंने बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक की.

पूर्व सैन्यकर्मियों के साथ बैठक के दौरान राजनाथ ने उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार जरूरी कार्रवाई करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने सिद्धांत रूप में पहले ही उनकी मांग स्वीकार कर ली है.

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राजनाथ ने पूर्व सैन्यकर्मियों से कहा, ‘‘समाधान ढूंढने के लिए काम चल रहा है लेकिन इसके लिए कुछ और वक्त चाहिए.’’

आंदोलन के अध्यक्ष मेजर जनरल :सेवानिवृत्त: सतबीर सिंह ने कहा कि पूर्व सैन्यकर्मियों ने हर साल पेंशन में वृद्धि करने की बजाय पांच साल पर पेंशन में वृद्धि करने की सरकार की पेशकश को ठुकरा दिया है.

सिंह ने कहा, ‘‘वे कह रहे हैं कि इसे पांच साल बाद किया जाएगा, जो बिल्कुल गलत है क्योंकि यह ओआरओपी की परिभाषा को विफल करेगा.’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने इस रख पर भी दृढ़ हैं कि आधार वर्ष 2013-14 होना चाहिए और भुगतान एक अप्रैल 2014 से शुरू होना चाहिए. ओआरओपी को सातवें वेतन आयोग पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए और परिभाषा वही होनी चाहिए जिसे संसद ने स्वीकार किया है.’’

सरकार इस बात पर जोर दे रही है कि आधार वर्ष 2011 को बनाया जाए जबकि साफ कर दिया है कि तीन फीसदी की वाषिर्क वृद्धि नहीं होगी. वह यह भी चाहती है कि भुगतान एक अप्रैल, 2015 से हो, जिसे पूर्व सैन्यकर्मियों ने खारिज कर दिया है.

ओआरओपी के लिए समय-सीमा निर्धारित करने में विलंब से नाखुश पूर्व सैन्यकर्मियों ने पाकिस्तान के साथ 1965 के युद्ध के स्वर्ण जयंती समारोह का आज बहिष्कार किया.

पूर्व सैन्यकर्मियों ने रक्षा मंत्री के उस बयान पर निराशा जताई जिसमें उन्होंने कहा कि ओआरओपी को लागू करने के लिए कुछ कमियों को पूरा करने के लिए सरकार को कुछ समय की आवश्यकता है.

पर्रिकर ने यहां एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘सरकार छोटी मोटी कमियों को दूर करने के लिए काम कर रही है और पीएमओ ओआरओपी के मुद्दे से निपटने में सीधे तौर पर शामिल है.

उन्होंने मुद्दे के समाधान के लिए कुछ और समय दिए जाने को कहा.

उन्होंने कहा, ‘‘अब छोटी मोटी कमियों को दूर किया जा रहा है. इसके लिए समय दें. सिद्धांत रूप में प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को :स्वतंत्रता दिवस भाषण में: इसे अपनी मंजूरी दी है. अब, पीएमओ सीधे तौर पर शामिल है----ऐसे में इसे इतने दिनों में ही करने को कहने से फायदा नहीं होगा.’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुद्दे का समाधान करने के लिए सारे प्रयास किए जा रहे हैं.’’

सतबीर सिंह ने कहा, ‘‘रक्षा मंत्री ने जो कुछ भी कहा, उससे मैं निराश हूं. वह अब कह रहे हैं कि कुछ कमियां है. वह ऐसा कुछ भी नहीं कह सकते जो उससे पूरी तरह अलग हो जो हमें इतने दिनों में कहा गया.’’

 



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