हार्दिक ने मृतकों के परिजनों के लिए 35 लाख का मुआवजा मांगा
हार्दिक पटेल ने गुजरात में फैली हिंसा में मारे गए समुदाय के प्रत्येक सदस्य के रिश्तेदारों को 35 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की.
पटेल समुदाय को आरक्षण देने के लिए आंदोलन की अगुवाई कर रहे हार्दिक पटेल. |
गुजरात में पटेल समुदाय को ओबीसी आरक्षण देने के लिए आंदोलन की अगुआई कर रहे हार्दिक पटेल ने राज्य में फैली हिंसा में मारे गए समुदाय के प्रत्येक सदस्य के रिश्तेदारों को 35 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की.
राज्य में आंदोलन को तेज करने का प्रयास करते हुए हार्दिक ने बृहस्पतिवार को पटेल समुदायों के किसानों से कहा कि ओबीसी के तहत आरक्षण की मांग के समर्थन में शहरों में सब्जियों और दूध जैसी जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति बंद कर दें.
हार्दिक ने राज्य सरकार से अपनी मांग के बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा, ‘सबसे पहले उन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया जाए जो हमारे लोगों पर ज्यादती में शामिल थे. इस आंदोलन में शहीद हो गए हमारे बच्चों को 35 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए.’ हार्दिक ने कहा, ‘मैं अपने किसान भाइयों से अनुरोध करंगा कि सब्जियों और दूध की आपूर्ति नहीं करें और शहरों में जरूरी सामान नहीं पहुंचाएं.’ उन्होंने कहा कि जब तक उनकी अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत आरक्षण की मांग पूरी नहीं की जाती, वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे.
हार्दिक ने कहा, ‘हम शांति से रहते हैं लेकिन अगर वे हम पर हमला करेंगे तो हम उन्हें कभी नहीं छोड़ेंगे.’ गुजरात में हिंसा के लिए कौन जिम्मेदार है, इस सवाल पर 22 वर्षीय हार्दिक ने पुलिस, राज्य सरकार और कुछ असामाजिक तत्वों को जिम्मेदार ठहराया.
उन्होंने कहा, ‘आंदोलन 55 दिन तक शांतिपूर्ण तरीके से चलता रहा लेकिन जब पटेल समुदाय के 20 लाख लोग जीएमडीसी मैदान में एकत्रित हुए तो उन्होंने (राज्य सरकार ने) उस दिन हिंसा को भड़काया क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि हम अखबारों की सुर्खियों में आएं.’
हार्दिक ने यहां अपने रैली स्थल पर शहर पुलिस की कार्रवाई के संदर्भ में कहा, ‘पुलिस ने हमारे युवकों और बहनों पर अत्याचार किए, जिससे हमें जलियांवाला बाग कांड की याद आती है.
उन्होंने यहां जनरल डायर की तरह कार्रवाई की.’ परसों रात यहां जीएमडीसी मैदान पर रैली स्थल से हार्दिक को हिरासत में लिये जाने के बाद राज्य में भड़की हिंसा के दौरान पुलिस के साथ झड़पों में कम से कम नौ लोग मारे जा चुके हैं.
Tweet |