कांग्रेस के हंगामे के कारण राज्यसभा में गतिरोध जारी, बैठक दिन भर के लिए स्थगित
सरकार पर ''तानाशाही'' का आरोप लगा रहे कांग्रेस सदस्यों की नारेबाजी एवं हंगामे के कारण राज्यसभा में गतिरोध बना रहा और दो बार के स्थगन के बाद बैठक दो बजे के बाद अंतत: पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी.
हंगामे से राज्यसभा पूरे दिन के लिए स्थगित (फाइल फोटो) |
हंगामे के कारण बुधवार को भी प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं हो सका. सुबह, सदन की बैठक शुरू होते ही सभापति हामिद अंसारी ने कल रात मध्य प्रदेश में हरदा के समीप कामयानी एक्सपेस और जनता एक्सपेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण कई लोगों के हताहत होने का जिक्र किया. इसके बाद सदस्यों ने इस हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के सम्मान में कुछ पलों का मौन रखा.
इसके फौरन बाद कांग्रेस सदस्यों ने सरकार एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. हंगामे के बीच ही रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने कल के रेल हादसे के बारे में अभी तक मिली प्रारंभिक जानकारी से सदन को अवगत कराया.
प्रभु के अपनी बात खत्म करते ही कांग्रेस के कई सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के समक्ष आ गये. कांगेस सदस्य गत सोमवार को लोकसभा में हंगामा कर रहे 25 कांगेस सदस्यों को पांच दिनों के लिए निलंबित करने के विरोध में नारेबाजी कर रहे थे.
इस दौरान सपा, वाम, जदयू आदि दलों के कई सदस्य भी अपने स्थान पर खड़े थे.
उपसभापति पी जे कुरियन ने कहा कि नारेबाजी से किसी समस्या का समाधान नहीं निकल सकता है. उन्होंने कहा कि सिर्फ चर्चा के जरिये ही किसी मुद्दे का हल निकल सकता है. उन्होंने सदस्यों से शांत होने की अपील की. लेकिन सदन में हंगामा थमते नहीं देख उन्होंने 11 बजकर 10 मिनट पर बैठक दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
ललित मोदी प्रकरण और व्यापमं घोटाले जैसे मुद्दों को लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तथा राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग पर कांग्रेस नीत विपक्ष के हंगामे के कारण 21 जुलाई से शुरू हुए मानसून सत्र में उच्च सदन में लगातार गतिरोध बना हुआ है.
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे बैठक शुरू होने पर भी उच्च सदन में विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा और सभापति हामिद अंसारी ने कुछ क्षणों बाद ही बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
दो बजे बैठक शुरू होने पर भी हंगामा जारी रहा. हंगामे के बीच ही उपसभापति कुरियन ने भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) विधेयक चर्चा के लिए रखने की खातिर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का नाम पुकारा. लेकिन वह सदन में मौजूद नहीं थे. उनके स्थान पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी खडे हुए और उन्होंने कहा कि जितेंद्र सिंह के स्थान पर वही विधेयक चर्चा के लिए रखेंगे. उन्होंने कहा कि इसके लिए अनुमति ली गयी है. हालांकि रूडी अपनी बात पूरी नहीं कर सके.
इसी दौरान कांग्रेस के कई सदस्य सरकार एवं प्रधानमंत्री के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आसन के समक्ष आ गए. उधर कई अन्य दलों के सदस्य अपने स्थानों पर खड़े थे.
कुरियन ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थानों पर जाने की अपील की उन्होंने कहा कि संसद चर्चा के लिए है और नारेबाजी से कोई समाधान नहीं निकलेगा. उन्होंने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से कहा कि यह अशोभनीय आचरण और अनुशासनहीनता है. लेकिन उनकी अपील का कोई असर नहीं हुआ और उन्होंने दो बजकर पांच मिनट पर बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी.
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