IPL के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी के खिलाफ जारी गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट
आईपीएल के पूर्व मुखिया ललित मोदी के खिलाफ मुंबई की विशेष अदालत ने गैर ज़मानती वारंट जारी कर दिया है.
ललित मोदी के खिलाफ अरेस्ट वारंट (फाइल फोटो) |
मनी लॉन्डरिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने ललित मोदी के खिलाफ केस दर्ज करा रखा है. इस वारंट के जारी होने के बाद ललित मोदी मुश्किलों में घिरते नजर आ रहे हैं.
प्रवर्तन निदेशालय का कहना था कि ललित मोदी को बार-बार सम्मन भेजा गया लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. पिछले दिनों इस मुद्दे पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया थाय
बुधवार को कोर्ट ने वारंट जारी कर दिया. कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर ये वारंट जारी किया.
इससे पहले विशेष जज पी आर भावके ने पूछा कि आखिर ईडी मोदी को गिरफ्तार करने की बजाय गैर जमानती वारंट क्यों मांग रही है और क्या जांच के दौरान वारंट जारी किया जा सकता है.
दूसरी ओर ईडी के वकील हितेन वेनेगांवकर का कहना था कि ललित मोदी भारत में नहीं हैं. इसलिए गैर जमानती वारंट जारी किया जाना चाहिए. मोदी 2009 से उन्हें जारी किए जा रहे समन का जवाब नहीं दे रहे हैं. ललित मोदी के खिलाफ जारी वारंट अब गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा, जो बाद में ब्रिटेन के गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा.
गौरतलब है कि आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने की मांग वाली प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर मंगलवार को धन शोधन रोकथाम मामलों की विशेष अदालत ने अपना आदेश सुरक्षित रखा था.
ईडी ने पिछले हफ्ते अदालत का दरवाजा खटखटाया था और ललित के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने की मांग की. ललित ने उन्हें अब तक भेजे गये सम्मनों पर अमल नहीं किया था.
बीसीसीआई ने 2010 में ललित मोदी के खिलाफ चेन्नई में प्राथमिकी दर्ज की थी. 2008 में बीसीसीआई ने डब्ल्यूएसजी को 91.8 करोड़ डॉलर में 10 साल के मीडिया अधिकार दिये थे. फिर डब्ल्यूएसजी ने एमएसएम से करार करके सोनी को आधिकारिक प्रसारणकर्ता बनाया.
बाद में करार को नौ साल के करार से बदल दिया गया जहां एमएसएम ने डब्ल्यूएसजी को 1.63 अरब डॉलर का भुगतान किया. ईडी ने डब्लयूएसजी मॉरीशस को एमएसएम सिंगापुर द्वारा अनधिकृत तरीके से 425 करोड़ रुपये के सुविधा शुल्क के भुगतान के आरोपों की जांच के लिए 2009 में फेमा कानून के तहत पड़ताल शुरू की थी.
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