जान-बूझकर नियमों को चुनौती नहीं दें सदस्य : लोकसभा अध्यक्ष

Last Updated 04 Aug 2015 12:34:19 PM IST

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने पोस्टर दिखाने वाले वाईएसआर कांग्रेस सदस्यों को नियमों का पालन करने की हिदायत दी.


जान-बूझकर नियमों को चुनौती नहीं दें सदस्य : लोकसभा अध्यक्ष (फाइल फोटो)

अध्यक्ष महाजन ने कहा कि सांसदों को अपनी बात रखने और मंत्रियों से आश्वासन लेने का हक है लेकिन जानबूझकर नियमों को चुनौती देकर नहीं.

लोकसभा में कार्यवाही शुरू होने पर वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य आंध्रप्रदेश को विशेष दर्जा दिये जाने की मांग करते हुए पोस्टर लेकर आध्यक्ष के आसन के समीप आ गए जबकि टीआरएस सदस्य सत्तापक्ष की ओर प्रधानमंत्री की सीट के बगल में खड़े होकर तेलंगाना के लिए पृथक उच्च न्यायालय की मांग कर रहे थे.

वाईएसआर कांग्रेस तथा टीआरएस सदस्यों की मांग के बीच सदन में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आंध्रप्रदेश के संबंध में कुछ विषय उठे हैं और निश्चित तौर पर सरकार उस पर ध्यान दे रही है. ‘आंध्रप्रदेश के साथ कोई अन्याय नहीं होने देंगे.’

उन्होंने कहा, ‘तेलंगाना के बारे में अभी हमारी विधि मंत्री से बात हुई है. विधि मंत्री इस मुद्दे का समाधान निकालने के लिए प्रयत्नशील हैं. सरकार अपनी तरफ से प्रयत्नशील है. जहां तक संभव होगा सरकार इस बारे में बात करके समाधान निकालेगी.’

वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य इसके बाद भी आसन के समीन नारेबाजी करते रहे और टीआरएस सदस्य सदन में सत्तापक्ष की ओर कतार बनाकर खड़े रहे.

इस पर अध्यक्ष ने कहा, ‘जब आप सांसद बनकर आते हैं तब आपको नियम पुस्तिका दी जाती है. यह नियम पुस्तिका एक व्यक्ति ने नहीं बनाई है. संसद की समिति ने इसे बनाया है. सदन सवाल उठाने के लिए है, मंत्री से आश्वासन लेने के लिए है.’

उन्होंने कहा, ‘नियम आपके ही बनाये हुए है. आप जान-बूझकर नियमों को चुनौती दे रहे हैं. आप अपनी बात रखें और मैं आपको प्रश्नकाल के बाद मौका दूंगी लेकिन नियमों को चुनौती देते हुए नहीं.’

इससे पहले सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा था कि उन्हें दुष्यंत चौटाला और जितेन्द्र रेड्डी के अलग-अलग विषयों पर नोटिस प्राप्त हुए है. उन्होंने दुष्यंत चौटाला से अपने नोटिस को दूसरे रूप में पेश करने को कहा और रेड्डी से उनके मामले को प्रश्नकाल के बाद उठाने का मौका देने की बात कही.

इस दौरान सदन में वामदल, राजद और सपा सदस्यों ने सदन से निलंबित कांग्रेस सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग करते हुए नारेबाजी की. सदस्य अपनी बात रखना चाहते थे. सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने भी कुछ कहने का प्रयास किया. अध्यक्ष ने उनसे प्रश्नकाल के बाद बात रखने को कहा. इससे असंतुष्ट वामदल, सपा और राजद सदस्य सदन से वाकआउट कर गए.

अध्यक्ष ने वाईएसआर कांग्रेस सदस्यों की नारेबाजी के बीच ही पूरा प्रश्नकाल चलाया.

उल्लेखनीय है कि मानसून सत्र शुरू होने के बाद से ही सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग पर दबाव बनाने के लिए सदन में पोस्टर दिखाने और आसन के समक्ष आने वाले कांग्रेस के 25 सदस्यों को अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कल सदन की पांच बैठकों के लिए निलंबित कर दिया था.

निलंबित किए गए सदस्यों में दीपेन्द्र सिंह हुड्डा, निनोंग ईरिंग, सुष्मिता देव, राजीव सातव, के एच मुनियप्पा, थोकचम मेनिया, रंजीत रंजन, अबु हसन तथा अभिजीत मुखर्जी समेत कुल 25 सदस्य हैं.

इससे पहले, पिछले सप्ताह भी अध्यक्ष ने कांग्रेस के एक सदस्य अधीर रंजन चौधरी को इसी आधार पर एक दिन के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित किया था.

कांग्रेस का जोरदार हंगामा, राज्यसभा स्थगित

कांग्रेस ने लोकसभा में उसके 25 सांसदों के निलंबन पर कड़ा विरोध करते हुए राज्यसभा में भारी शोरगुल और हंगामा किया जिसके कारण प्रश्नकाल और शून्यकाल की कार्यवाही नहीं हो सकी और सदन की बैठक दोपहर बाद दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.

सभापति हामिद अंसारी ने जैसे ही 12 बजे प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू करने की घोषणा की वैसै ही कांग्रेस के सदस्य सरकार के विरोध में नारे लगाने लगे और अपनी सीट से उठकर आगे बढ़ गये. सभापति ने सदस्यों से बार-बार अपनी सीट पर जाने और प्रश्नकाल चलने देने का अनुरोध किया लेकिन सदस्य नारेबाजी करते रहे. केवल दो मिनट के बाद सदन की कार्यवाही दोपहर बाद दो बजे के लिए स्थगित कर दी गयी.

इस दौरान सदस्यों ने ‘तानाशाही बंद करो, तानाशाही नहीं चलेगी, झूठे वादे बंद करो, वी वांट जस्टिस, मोदी की तानाशाही नहीं चलेगी, नरेन्द्र मोदी मुंह तो खोलो और मौनी बाबा बोलो-बोलो जैसे नारे लगा रहे थे.’

इससे पूर्व उप सभापति पी जे कुरियन ने सुबह जैसे ही विधायी दस्तावेज सदन के पटल पर रखने के लिए मंत्रियों के नाम पुकारने शुरू किये कांग्रेस के ज्यादातर सदस्य अपनी सीट छोड़कर आसन के पास आकर नारेबाजी करने लगे. कांग्रेस सदस्य अपने हाथ पर काली पट्टियाँ बांधे हुए थे. एक अन्य सदस्य मधुसूदन मिसी बड़ा सा कपड़ा लेकर आसन के सामने लहरा रहे थे. कुछ सांसद राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इस्तीफे की मांग करने वाले पोस्टर हाथ में लिये हुए थे.

समाजवादी पार्टी, वाम दलों और जनता दल यू के सदस्य अपनी जगहों पर खड़ा होकर उनका समर्थन कर रहे थे. कांग्रेस सदस्य , मोदी तेरी तानाशाही नहीं चलेगी, मोदी चुप्पी तोड़ो और वी वांट जस्टीस जैसे नारे लगा रहे थे.

कांग्रेस के सदस्य वैसे तो मानसून सा के पहले दिन से ही सदन में हंगामा कर रहे हैं लेकिन आज उनमें ज्यादा जोश दिखाई दे रहा था और वे काफी उग्र थे. सदस्यों ने उप सभापति के आसन पर बैठते ही जोरदार हंगामा शुरू कर  दिया.



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