निलंबन के विरोध में कांग्रेस का धरना, राहुल बोले- दबाव बनाये रहेंगे चाहे हमें संसद से बाहर फेंक दें
लोकसभा के 25 सदस्यों के निलम्बन के विरोध में कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को संसद भवन परिसर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के निकट धरना दिया और मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
निलंबन के विरोध में कांग्रेस का धरना |
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व मंत्री ए.के. एंटनी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, रेणुका चौधरी, कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने धरने में हिस्सा लिया. इसके अलावा लोकसभा और राज्यसभा के कांग्रेस के सदस्यों ने भी हिस्सा लिया.
कांग्रेस के कई सदस्य काला चोगा पहने हुए थे. उन्होंने बाजू पर काली पट्टियां बांधी हुई थी और वे काले झंडे लहरा रहे थे. समाजवादी पार्टी के धर्मेन्द्र यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले, राष्ट्रीय जनता दल के जयप्रकाश नारायण यादव और जनता दल (यू) के अली अनवर ने भी धरनास्थल पर आकर कांग्रेस के साथ एकजुटता व्यक्त की.
धरने के बाद सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है. उन्होंने कांग्रेस सदस्यों के निलंबन पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि संसद चलाना सरकार की जिम्मेदारी है.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि कांग्रेस के पास अपनी बात रखना का कोई और रास्ता नहीं था जिसके कारण धरना दिया गया.
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस भ्रष्टाचार, व्यापमं घोटाले और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के इस्तीफे को लेकर दबाव बनाये रहेगी. चाहे हम सभी को ये लोग संसद से उठाकर फेंक दें.
उन्होंने कहा कि कोई कारण नहीं है कि इन मुद्दों पर ढील दी जाये. उन्होंने कहा कि जिस तरह से कांग्रेस के 25 सदस्यों को निलंबित किया गया है उसी प्रकार की घटना पूरे देश में हो रही है जिससे न केवल किसान बल्कि छात्र भी प्रभावित हो रहे हैं.
उन्होंने कहा कि जमीन अधिग्रहण मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने पहले कड़ाई का रूख अख्तियार किया और विपक्षियों को धमकी भी दी लेकिन एक समय आया कि वह इस मामले से भाग गयी.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को ‘मन की बात’ कहने की आदत हो गयी लेकिन अब उन्हें हिन्दुस्तान की मन की बात भी कहनी चाहिए.
लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उनकी पार्टी के लोकसभा के 25 सदस्यों के निलंबन की कार्रवाई लोकतंत्र पर काला धब्बा है. उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही चलाने की जिम्मेदारी सरकार की है लेकिन सरकार लोकतंत्र के खिलाफ काम कर रही है और चुन चुनकर संस्थाओं को समाप्त कर रही है.
सोनिया गांधी ने काली पट्टी पहनकर ‘नहीं चलेगी नहीं चलेगी तानाशाही नहीं चलेगी, अब तो यह स्पष्ट है मोदी सरकार भ्रष्ट है, मन की बात बंद करो, प्रधानमंत्री चुप्पी तोड़ो, भ्रष्टाचारियों का साथ छोड़ो’ जैसे नारे लगाए और धरने का नेतृत्व किया. उनके साथ ही खड़े राहुल गांधी भी काली पट्टी पहन कर नारे लगा रहे थे.
धरने में कांग्रेस के राज्यसभा और लोकसभा के सभी सांसद शामिल थे. कुछ सदस्य हाथों में तख्तियां लिए हुए थे जिस पर सुषमा स्वराज इस्तीफा दो और वसुंधरा राजे इस्तीफा दो.’
सभी सांसद एक साथ संसद भवन से करीब साढे दस बजे बारह निकले और धरना स्थल पर पहुंचे. धरना देने का समय सवा दस बजे तय किया गया था.
गौरतलब है कि लोकसभा अध्यक्ष ने हंगामा करने वाले कांग्रेस के 25 सांसदों को सोमवार को नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में संसद से पांच दिन के लिए निलंबित कर दिया था.
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