ट्रेनों में सरकारी योजनाओं का गुणगान करेंगे भिखारी, मिलेगी सैलेरी
ट्रेनों में ‘औलाद वालों फूलो फलो’ जैसे गाने गाकर पैसे मांगने वाले भिखारी अब सरकारी योजनाओं का गुणगान करते नजर आएंगे. इसके बदले उन्हें सैलरी मिलेगी.
ट्रेन में भिखारी |
केन्द्र सरकार स्वच्छ भारत, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ समेत अन्य नवाचारों के बारे में जनता को जागरूक करने के लिए भिखारियों का सहारा लेने जा रही है. सरकार की योजना लगभग 3,000 भिखारियों को प्रशिक्षित करने की है जो लोकल ट्रेन में यात्रा करने वालों को लोक संगीत के माध्यम से जानकारी दे सकें.
सरकार का मानना है कि इससे बड़े शहरों में शहरी लोकसंगीत को लोकप्रिय बनाने में भी मदद मिल सकेगी. जानकारी के अनुसार भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इस दिशा में कवायद शुरू कर दी है. मंत्रालय के गीत एवं नाट्य विभाग तथा आल इंडिया रेडियो से परियोजना के बारे में काम करने को कहा गया है. सरकारी अधिकारियों का कहना है कि इस पायलट परियोजना को सबसे पहले अगल माह मुम्बई से शुरू किए जाने का प्रस्ताव है. बाद में इस अन्य शहरों में शुरू किया जाएगा.
सरकार भिखारियों के लिए ‘मानदेय’ योजना पर काम कर रही है. प्रमोशन के लिए गाने तैयार किए जाने पर काम किया जा रहा है. इस दौरान बच्चों को शामिल नहीं किया जाएगा.
एक अधिकारी ने बताया, 'हमारी फील्ड पब्लिसिटी रिपोर्ट बताती है कि मुंबई की लोकल ट्रेनों में इस तरह के भिखारियों की संख्या काफी ज्यादा है और कई ऐसे भिखारी हैं, जिनका पूरा परिवार गाने गाकर भीख मांगता है. इनमें से कई तो अनुभवी गायक हैं. हम इसे रोजी-रोटी के मौके की तरह भी देख रहे हैं. यह उनकी क्षमताओं के उपयोग का बेहतर तरीका है.' उनका यह भी कहना था कि सरकार इस प्रॉजेक्ट में गैर-सरकारी संगठनों और एक्सपर्ट्स की भी मदद लेगी.
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