राठौड़ ने राहुल गांधी पर एफटीआईआई आंदोलन को राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया
गजेंद्र चौहान को अध्यक्ष पद से हटाने की मांग कर रहे भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के विद्यार्थियों द्वारा दिल्ली में प्रदर्शन करने के बीच केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर इसे राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया.
केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ |
सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों के साथ बातचीत के लिए तैयार है लेकिन वह इस मुद्दे का राजनीतिकरण किए जाने के विरूद्ध है.
उन्होंने कहा कि किसी न किसी रूप से एक बात तो जरूर सामने आयी है कि हल निकालने की कोशिश और हाल की बैठकों के बावजूद विद्यार्थियों का एक ऐसा वर्ग है जिसकी रूचि इस हड़ताल को जारी रखने में हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘और राहुल गांधी के पुणे दौरे से यह स्पष्ट हो गया है कि इस हड़ताल ने राजनीतिक रंग ले लिया है या यह शुरू से ही राजनीतिक हड़ताल है.’’
सोमवार को दिल्ली में जंतर मंतर प्रदर्शन कर रहे एफटीआईआई विद्यार्थी चौहान की नियुक्ति के विरूद्ध 12 जून से ही आंदोलन कर रहे हैं. उनका कहना है कि चौहान में प्रतिष्ठित एफटीआईआई के अध्यक्ष पद के लायक दिशा, दृष्टि और कलात्मक योग्यता का अभाव है.
राहुल गांधी ने शुक्रवार को पुणे के एफटीआईआई परिसर का दौरा किया था और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा पर यह कहते हुए हमला किया था कि वह विभिन्न संगठनों में औसत दर्जे को बढ़ावा दे रहा है.
राठौड़ ने एफटीआईआई को महत्वपूर्ण संस्थान करार देते हुए कहा, ‘‘विद्यार्थी संस्थान के बाद आते हैं, पहले हम एफटीआईआई को मजबूत बनायेंगे.’’
उन्होंने कहा कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है और विद्यार्थी बैठक के लिए आ सकते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘किसी संगठन को राजनीतिक कोण देना बुद्धिमानी नहीं है. और यदि कोई संस्थान दिल्ली में हड़ताल करता है और कांग्रेस कार्यकर्ता उसमें शामिल होते हैं तो वह भी बुद्धिमानी नहीं है.’’
सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री ने कहा, ‘‘यदि किसी मुद्दे का हल किया जाना है तो ऐसा विद्यार्थियों, प्रशासन और सरकार द्वारा किया जाना है न कि किसी राजनीतिक दल द्वारा.’’
उन्होंने कहा कि सरकार विद्यार्थियों के प्रति उदार दृष्टिकोण अपना रही है और ‘‘पिछले 50 दिनों में यह विचार कर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गयी कि वे विद्यार्थी हैं.’’
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने पहले स्पष्ट किया था कि जबतक हड़ताल वापस नहीं ली जाती है और विद्यार्थी अपनी कक्षाओं में नहीं लौटते हैं तबतक वह उनसे आगे कोई बातचीत नहीं करेगी.
एफटीआईआई छात्र एसोसिएशन के प्रतिनिधियों की तीन जुलाई को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरूण जेटली के साथ हुई बातचीत से गतिरोध नहीं दूर हो पाया था. विद्यार्थियों को कक्षाओं में नहीं लौटने पर निष्कासन समेत कार्रवाई की धमकी दी गयी है.
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