हंगामे के बीच राज्यसभा में नहीं हुआ प्रश्नकाल,लोकसभा में चलता रहा
ललित मोदी प्रकरण और व्यापम घोटाले पर विपक्ष के हंगामे के बावजूद लोकसभा में प्रश्नकाल पूरा कराया गया और राज्यसभा में नहीं हुआ.
हंगामे के बीच राज्यसभा में नहीं हुआ प्रश्नकाल,लोकसभा में चलता रहा |
ललित मोदी प्रकरण और व्यापम घोटाले पर विपक्ष खासकर कांग्रेस के जबर्दस्त हंगामे के बावजूद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सोमवार लोकसभा में प्रश्नकाल पूरा कराया. इस सत्र में यह दूसरा मौका है जब प्रश्नकाल हंगामे की भेंट नहीं चढ़ा.
इससे पहले पिछले सप्ताह शुक्रवार को प्रश्नकाल पूरा हुआ था. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही अध्यक्ष ने देश के विभिन्न हिस्सों में आयी बाढ़ और इससे हुए जानमाल के नुकसान के बारे में सदस्यों को सूचना दी. बाढ़ और भारी बारिश के कारण मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए सदन में कुछ देर के लिए मौन रखा गया.
इसके बाद अध्यक्ष ने विभिन्न सदस्यों के स्थगन प्रस्ताव प्राप्त होने की सूचना दी और कहा कि सभी नोटिस अस्वीकार किए जाते हैं. सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि लगातार स्थगन नोटिस को अस्वीकार किया जा रहा है. यह अच्छी बात नहीं है.
संसदीय कार्यमंत्री एम़ वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार चाहती है कि प्रश्नकाल चले.
प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस और वामपंथी दलों के सदस्य अध्यक्ष के आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे. कांग्रेस के सदस्यों ने हाथों में तख्तियां ले रखी थी. अध्यक्ष ने सदस्यों का नाम लेकर तख्तियां नीचे रखने का अनुरोध किया लेकिन वे नहीं माने. अध्यक्ष के बार-बार चेतावनी देने के बावजूद कांग्रेस के सदस्य हाथ में तख्तियां लेकर हंगामा करते रहे.
इस बीच जनता दल युनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल और समाजवादी पार्टी के सदस्य भी जातिवार मतगणना को प्रकाशित करने की मांग को लेकर अध्यक्ष के आसन के सामने आकर हंगामा करने लगे. महाजन ने हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल पूरा कराया. इस दौरान कई सदस्यों ने पूरक प्रश्न पूछे और संबंधित मंत्रियों ने इन प्रश्नों के उत्तर दिए.
इसी दौरान भूमि अधिग्रहण विधेयक पर गठित संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष एस एस आहलुवालिया ने समिति का प्रतिवेदन प्रस्तुत किये जाने की समयसीमा पाँच की बजाय सात अगस्त तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा जिसे सदन ने ध्वनिमत से स्वीकृति प्रदान कर दी.
इसके बाद ललित मोदी प्रकरण में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के इस्तीफे की मांग कर रही कांग्रेस के सदस्यों के लोकसभा में हंगामे के बीच आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखे जाने के बाद कार्यवाही दो बजे तक के लिये स्थगित कर दी गयी.
राज्यसभा में नहीं हुआ प्रश्नकाल
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने ललित मोदी प्रकरण और व्यापमं घोटाले को लेकर राज्यसभा में भारी शोरगुल और हंगामा किया जिसके कारण प्रश्नकाल नहीं हो सका और सदन की कार्यवाही दोपहर बाद दो बजे तक स्थगित कर दी गयी.
सभापति हामिद अंसारी ने प्रश्नकाल शुरू होने पर जैसे ही प्रश्न पूछने के लिए सदस्य का नाम पुकारा तो कांग्रेस के सत्यव्रत चतुर्वेदी ने खडे हो गए और कहा कि वह व्यवस्था का प्रश्न उठाना चाहते है.
अंसारी ने इसकी अनुमति नहीं दी और कहा कि प्रश्नकाल में व्यवस्था का प्रश्न नहीं उठाया जा सकता तथा सदस्य से प्रश्न पूछने के लिए कहा.
इस बीच कांग्रेस और अन्य दलों के सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर नारे लगाने लगे और आसन के समक्ष आ गए. दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद भी जवाब में कुछ कहते दिखाई दिए लेकिन शोर गुल के कारण कुछ नहीं सुना जा सका.
अंसारी ने सदस्यों से शांत होने का अनुरोध किया लेकिन इसका कोई असर नहीं होता देख उन्होंने सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी.
इससे पहले सुबह कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से इन मुद्दों पर वक्तव्य देने की मांग को लेकर नोटिस दिया है इसलिये पहले उन्हें अपना बयान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि सदन में जो मुद्दे उठाये जा रहे हैं उस पर प्रधानमंत्री को उत्तर देना चाहिए.
उपसभापति पीजे कुरियन ने कहा कि आपका प्रस्ताव गंभीर नहीं है पहले आप चर्चा आरंभ करें इसके बाद कोई उत्तर देगा. इसके बाद कांग्रेस के सदस्य सदन के बीच में आ गये और सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे.
इसी दौरान विदेश मंी सुषमा स्वराज ने कहा कि सरकार अभी इन मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है. लेकिन में सदन में हंगामा जारी रहा और कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.
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