सुशील कुमार शिंदे ने कहा, संसद में कभी नही किया ‘हिंदू आतंकवाद’ शब्द का इस्तेमाल

Last Updated 02 Aug 2015 12:00:41 PM IST

पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान संसद में ‘हिंदू आतंकवाद’ शब्द का इस्तेमाल करने से इनकार किया है.


'हिंदू आतंकवाद' पर तकरार (फाइल फोटो)

उन्होंने कहा कि मैंने इसका इस्तेमाल कांग्रेस के जयपुर सत्र में किया था लेकिन तत्काल उसे वापस ले लिया था. शिंदे का यह बयान केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के इस दावे की पृष्ठभूमि में आया है कि संप्रग सरकार की ओर से इस शब्द का इस्तेमाल किये जाने के बाद से सरकार की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई कमजोर हो गई.

‘हिंदू आतंकवाद’ शब्द यूपीए के शासनकाल में उछाले जाने के केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के आरोपों के बीच शनिवार को राजनीतिक दलों में वाकयुद्ध छिड़ गया.

कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी देश के ‘ध्रुवीकरण’ के लिए यह मुद्दा उठा रही है तो बीजेपी ने कट्टरपंथी समूहों पर राहुल गांधी की टिप्पणी का मुद्दा उठाया. गृह मंत्री रहे कांग्रेस नेता सुशील शिंदे ने ‘हिंदू आतंकवाद’ का संसद में इस्तेमाल से इनकार किया.

पूर्व केंद्रीय मंत्रियों पी चिदंबरम और गुलाम नबी आजाद ने राजनाथ सिंह को आड़े हाथ लिया.

चिदंबरम ने कहा कि यूपीए शासनकाल में गृह मंत्री के रूप में शिंदे ने एकदम अलग परिप्रेक्ष्य में हिंदू आतंकवाद पर सवाल उठाया था. राजनाथ का बयान पूरी तरह बदला हुआ तर्क है. शिंदे जिस बात का जिक्र कर रहे थे, वह दक्षिणपंथी उग्रवादी समूहों से जुड़ा था. उनमें से कुछ पर मालेगांव, मक्का मसजिद और एक या दो अन्य विस्फोट के आरोप हैं. इनमें से कई आरोपी समूहों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से नजदीकी रिश्ते रहे हैं. वस्तुत: कुछ तो संघ के सदस्य भी थे और ये सब जांच के आरोपपत्र का हिस्सा हैं.

आजाद ने कहा कि किसी को भी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस को ‘लेक्चर’ देने की जरूरत नहीं है. हिंदू आतंकवाद की बात कर गृह मंत्री सरकार की विफलताओं से लोगों का ध्यान बंटाने का प्रयास कर रहे  हैं.

आजाद ने दावा किया कि उनकी पार्टी को आतंकवाद पर बीजेपी से कोई सबक लेने की जरुरत नहीं है. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी एवं राजीव गांधी के बलिदान की मिसाल दी जिनकी जान आतंकवादियों ने ली थी.

बीजेपी ने ‘हिंदू आतंकवाद’ के मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर हमला तेज करते हुए उसे 2010 में राहुल की खबरों में आयी वह टिप्पणी याद दिलाई जिसमें उन्होंने कहा था कि कट्टरपंथी हिंदू समूह आतंकवादी समूह लश्करे तैयबा के लिए स्थानीय समर्थन से ज्यादा बड़ा खतरा हो सकते हैं.

बीजेपी नेता एवं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी एवं राजीव गांधी के बलिदानों से कांग्रेस पार्टी ने सबक नहीं लिया है. उन्होंने कहा कि हम आज भी यह कहते हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है. हमारी लड़ाई आतंकवाद के खिलाफ है.

प्रसाद ने हवाला दिया जिसमें दावा किया गया था कि राहुल ने 2010 में तत्कालीन अमेरिकी राजदूत के साथ बातचीत में कहा था कि इस बात के सबूत हैं कि भारत के स्थानीय मुस्लिम समुदाय में कुछ तत्वों के बीच लश्करे तैयबा को समर्थन मिल रहा है. बड़ा खतरा कट्टरपंथी हिंदू समूहों का विकास हो सकता है जो मुस्लिम समुदाय के साथ धार्मिक तनाव एवं राजनीतिक टकराव उत्पन्न करते हैं. यह खबर विकीलीक्स द्वारा जारी किए गए दस्तावेजों पर आधारित थी.

प्रसाद ने कहा, आतंकवाद का कोई धर्म या रंग नहीं होता तथा भाजपा ने कभी ‘मुस्लिम आतंकवाद’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया बल्कि जिहादी आतंकवाद कहा है.

उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से सवाल किया कि क्या वह अपने पुत्र की टिप्पणी का समर्थन करती हैं. प्रसाद ने कहा कि राजनाथ ने जो कहा वह सही है तथा कांग्रेस को इन टिप्पणियों से अपने को अलग करना चाहिए.



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