मणिपुर में चक्रवात ‘कोमेन’ से भारी तबाही, भारी बारिश और भूस्खलन से 21 लोगों की मौत

Last Updated 02 Aug 2015 10:36:21 AM IST

मणिपुर में म्यांमार सीमा के निकट हुए भू-स्खलन में 21 लोगों की मौत हो गयी. थाउबल जिला जलमग्न है. चंदेल के कुछ भाग भी बाढ़ में डूब गये हैं.


मणिपुर में ‘कोमेन’ से 21 लोगों की मौत (फाइल फोटो)

बाढ़ के कारण यहां के चार जिले काफी प्रभावित हुए हैं, लेकिन सबसे बुरा हाल चंदेल और थोबल का है. चंदेल ज़िले में बाढ़ के चलते ज़मीन धंस गई, जिससे यहां 21 लोगों की मौत हो गई.

कहा जा रहा है कि पिछले तीन दशक में मणिपुर में आई ये सबसे भयानक बाढ़ है. राहत एवं बचावकर्मियों को प्रभावित इलाकों में पहुंचने में परेशानी हो रही है, क्योंकि सड़कें पूरी तरह पानी में डूबी हुईं हैं.

कई पुल और सड़कें बह गईं हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं. नेशनल हाइवे 37 पर इंफाल की ओर जा रहे लकड़ी से लदे करीब 300 ट्रक फंस गए. उखरूल ज़िले में मडस्लाइड में करीब 300 मकान बह गए.

मणिपुर की चाकपी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. हजारों लोग सरकार के द्वारा लगाए कैंपों में रह रहे हैं. हालांकि कई इलाक़ों में लोगों ने आरोप लगाया है कि मुश्किल हालात में सरकारी नुमाइंदे उनकी मदद के लिए नहीं पहुंचे.

केंद्र सरकार ने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत अभियानों के लिए एनडीआरएफ को तत्काल मणिपुर के लिए टीम भेजने को कहा है.

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री ओ इबोबी सिंह से फोन पर बात की और उन्हें विश्वास दिलाया कि चंदेल जिले में भूस्खलन से बने हालात से निपटने के लिए हर तरह की केंद्रीय सहायता प्रदान की जाएगी.

पश्चिम बंगाल में 39 लोगों की मौत

कई दिनों से हो रही मूसलधार बारिश और बंगाल की खाड़ी में आये चक्रवात ‘कोमेन’ के कारण पूर्व से उत्तर और पूर्वोत्तर तक बाढ़ ने कहर बरपा किया है. सौ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. पश्चिम बंगाल में 39 लोगों की मौत हुई है.

कोलकाता में पिछले 24 घंटों में 133.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी है. शहर के निचले हिस्सों में सड़के लबालब होने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. शुक्रवार से हो रही बारिश के कारण हावड़ा, सियालदह और कोलकाता स्टेशन पर पानी जमा होने से ट्रेन सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं. रेलवे ट्रैक पर जलजमाव से 56 लोकल ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है.
 
कोलकाता और हावड़ा के कई इलाकों में सड़क पर जलजमाव के चलते नाव चलानी पड़ी. 

मौसम विभाग की मानें तो अगले 48 घंटे तक बारिश से राहत की उम्मीद नहीं है. तटीय इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना जतायी गयी है. मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह भी दी गयी है.



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