भारत में भूमि अधिग्रहण एक मुश्किल काम: पनगढ़िया

Last Updated 01 Aug 2015 06:04:33 PM IST

भारत में भूमि अधिग्रहण को काफी मुश्किल काम बताते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि कोई नया शहर बनाना हो अथवा कोई बड़ी परियोजना लगानी हो इनके लिए भूमि अधिग्रहण में पांच साल का समय तो आराम से लग जाता है.


नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया

समावेशी और वहनीय शहरीकरण पर आयोजित एक सम्मेलन में उन्होंने कहा कि देश में भूमि की उपलब्धता बड़ी चुनौती है और यह देश में बड़ी बहस का मुद्दा बन गया है.

उन्होंने कहा ‘‘यदि आप नए शहर बनाना चाहते हैं तो आपको जमीन चाहिये. कारोबार फलने-फूलने के लिए भी जगह चाहिये और इसके लिए आपको मौजूदा शहरों के बीच भी जगह की जरूरत होगी.’’ 

नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कहा ‘‘कुल मिलाकर शहर बनाना हो या दूसरी चीजों के लिए भूमि अधिग्रहण में करीब पांच साल तक का समय आसानी से लग जाता है. इतना समय तो तब लगता है जबकि भूमि अधिग्रहण में गैर-सरकारी संगठनों या न्यायिक प्रक्रि या अथवा किसी अन्य किस्म के विरोध की चुनौती नहीं हो और सामान्य प्रक्रिया चलती रहे. इस प्रकार भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया काफी चुनौतीपूर्ण कार्य है.’’

उन्होंने कहा कि आसपास भूमि की कमी है, इस समस्या से निपटने के लिये एक तरीका यह है कि ऊंचे भवन बनाए जाएं लेकिन इसमें भी दिक्कतें हैं.

उन्होंने कहा कि भारतीय शहरों में लो फ्लोर स्पेस (एफएसआई) सूचकांक की नीति को चुना है और जिसका कारण किराया बहुत ज्यादा है.

पनगढ़िया ने कहा ‘‘आपको बेहतर शहरीकरण, त्वरित और परिवहन का व्यापक नेटवर्क चाहिये ताकि लोग आसानी से अपनी मनचाही जगह पहुंच सकें. इससे लोगों को मुख्य शहर से बाहर खुली जगह पर रहने की सुविधा मिल सकेगी.’’

वृद्धि के संबंध में उन्होंने कहा कि भारत में दहाई अंक की वृद्धि दर्ज करने की संभावना है.

उन्होंने कहा ‘‘मैं कहता रहा हूं कि भारत तेज वृद्धि की राह पर है. फिलहाल वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत है. मुझे उम्मीद है कि यह आठ से नौ प्रतिशत तक पहुंचेगी. हो सकता है कि हम दहाई अंक की वृद्धि छू लें.’’

पनगढ़िया ने कहा कि इसका अर्थ होगा तेजी से बदलाव, तेज शहरीकरण, ज्यादा संपन्नता और तेज गति से गरीबी उन्मूलन.

समारोह में मौजूद शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने स्वच्छ भारत ई-लर्निंग पोर्टल और स्वच्छता पर पहले प्रशिक्षण माड्यूल का उद्घाटन किया.

इस मंच से नगरपालिका कर्मचारियों और स्वच्छता एवं ठोस कचरा प्रबंधन क्षेत्र से जुड़े लोगों की क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी.

नायडू ने कहा कि सरकार को 100 स्मार्ट शहरों के लिए 98 प्रविष्टियां मिली हैं और शेष प्रविष्टियां अगले कुछ दिनों में मिलने की उम्मीद है.
 



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