महाकुंभ के लिए चलाई जाएंगी विशेष रेलगाड़ियां, डिब्बों की संख्या भी बढ़ेगी

Last Updated 31 Jul 2015 05:18:56 PM IST

सरकार ने बताया कि वर्ष 2016 में उज्जैन में होने जा रहे महाकुंभ सिंहस्थ मेले के दौरान श्रद्धालुओं के लिए भारतीय रेल ने विशेष गाड़ियां चलाने और मौजूदा गाड़ियों में डिब्बों की संख्या बढ़ाने की योजना बनाई है.


महाकुंभ के लिए विशेष रेलगाड़ियां

रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने यह भी बताया कि रेलवे ने उज्जैन में वर्ष 2016 में सिंहस्थ कुंभ मेले के लिए मेला प्राधिकारियों के परामर्श से मेले के दौरान रेल यातायात के लिए आवश्यक निर्माण शुरू कर दिया है ताकि उन्हें मेला शुरू होने से पहले पूरा किया जा सके.

इन कायो’ में प्लेटफार्म को ऊंचा उठाना, उनकी मरम्मत, उनके शैल्टर में सुधार लाना से लेकर मल्टीलाइन गाड़ी आगमन..प्रस्थान डिस्प्ले बोर्ड, प्रकाश व्यवस्था का संवर्धन, शौचालय तथा पीने के पानी की सुविधाओं का संवर्धन शामिल है.

उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि विभिन्न कायो’ के अलावा पसावा और मोहनपुरा में अस्थायी हॉल्ट स्टेशनों की व्यवस्था और उज्जैन तथा समीपवर्ती रेलवे स्टेशनों में 36 अतिरिक्त बुकिंग काउंटर स्थापित किए जा रहे हैं.

एक प्रश्न के लिखित उत्तर में सिन्हा ने बताया कि रेलवे ने त्यौहारों, गर्मी और सर्दी के मौसम में अत्यधिक भीड़..भाड़ के दौरान लोगों की मांग पूरी करने के प्रयास के तौर पर एक जुलाई 2015 से प्रीमियम गाड़ियों के स्थान पर सुविधा ट्रेनें शुरू की हैं.

सिन्हा ने बताया कि सुविधा गाड़ियों के लिए टिकटों को रेलवे यात्री आरक्षण प्रणाली (पीआरएस) पर और इंटरनेट के माध्यम से ई..टिकट बुक करने, समुचित किराया संरचना और टिकट रद्द करने पर रिफंड का प्रावधान भी किया गया है.

एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने माना कि मौजूदा रेलवे नेटवर्क पर बहुत अधिक बोझ है और वह एक तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था की नयी चुनौतियों को पूरा करने के लिए अपर्याप्त है. साथ ही रेलवे को सड़क परिवहन से कड़ी स्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है.

सिन्हा ने कहा ‘‘व्यस्त और भीड़ वाले मागो’ पर क्षमता संवर्धन संबंधी निर्माण कायो’ जैसे दोहरीकरण, नयी लाइन, आमान परिवर्तन, विद्युतिकरण और यातायात सुविधा को उच्च प्राथमिकता दी गई है.’’

उन्होंने माना कि आजादी के इतने बरस बाद भी दूरदराज के कई पहाड़ी क्षेत्र रेलवे कनेक्टिविटी से वंचित हैं. ऐसे क्षेत्रों में नेटवर्क विस्तार की परियोजनाएं शुरू की गई हैं.



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