लोकसभा में भारी हंगामे के बीच सत्र में पहली बार पूरा चला प्रश्नकाल

Last Updated 31 Jul 2015 01:26:30 PM IST

लोकसभा में विपक्षी सदस्य आसन के सामने आकर नारेबाजी करते रहे लेकिन मानसून सत्र में पहली बार प्रश्नकाल पूरे समय तक चला.


लोकसभा में भारी हंगामे के बीच सत्र में पहली बार पूरा चला प्रश्नकाल

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही अध्यक्ष ने सदस्यों के स्थगन प्रस्तावों की सूचना दी और कहा कि यह सभी महत्वपूर्ण हैं तथा इन पर अलग से चर्चा करायी जा सकती है इसलिए सभी नोटिस अस्वीकार किए जाते हैं. विपक्षी सदस्य स्थगन प्रस्तावों के अस्वीकार होने पर हंगामा करने लगे और नारेबाजी करते हुए तथा नारे लिखी तख्तियां लेकर आसन के सामने आकर हंगामा करने लगे.

अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने उन्हें तख्तियां नहीं लहराने की हिदायत दी. इस दौरान उन्होंने कुछ सदस्यों के नाम लेकर भी चेतावनी दी कि वे तख्तियां नहीं लहराएं लेकिन सदस्यों ने उनकी एक नहीं सुनी और शोर शराबा करते. अध्यक्ष की हिदायत के बाद सदस्यों ने अधिक जोश के साथ नारेबाजी शुरू कर दी लेकिन श्रीमती महाजन स्पष्ट कह दिया कि उनके शोर शराबे के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित नहीं की जाएगी.

\"\"महाजन की चेतावनी का सदस्यों पर कोई असर नहीं हुआ और वे लगातार हंगामा करते रहे। हंगामा कर रहे सदस्य हाथ में नारे लिखी तख्तियां लगातार लहराते रहे. तख्तियों पर ‘भ्रष्टाचारियों का साथ छोड़ो प्रधानमंत्री चुप्पी तोड़ो. जुमले की आदत छोड़ो प्रधानमंत्री चुप्पी तोड़ो’ जैसे नारे लिखे थे. अध्यक्ष उन्हें लगातार तख्तियां नीचे रखने की हिदायत दे रहीं थी लेकिन किसी ने उनकी हिदायत पर ध्यान नहीं दिया.

इसी बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सदन में पहुंची तो विपक्षी सदस्यों ने उनका नाम लेकर उनके खिलाफ नारे लगाने शुरू किए. विपक्षी सदस्य जब ‘प्रधानमंत्री जी सुषमा जी को बर्खास्त करो’ के नारे लगा रहे थे इसी बीच सत्ता पक्ष के कुछ सदस्य भी इन नारों के विरोध हंगामा करने लगे. सत्ता पक्ष से भी ‘सदन के दुश्मनों सदन छोड़ो तथा गुंडागर्दी नहीं चलेगी’ जैसे नारे बुलंद होने लगे.

हंगामा कर रहे सदस्यों की कार्रवाई को अनुचित बताने की अध्यक्ष की हिदायत के बीच संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडु ने कहा कि सदस्य जिस तरह से हंगामा कर रहे हैं यह स्वीकार्य नहीं है. सदन में किसानों की समस्या, न्यायालयों की दिक्कत जैसे मुद्दों पर चर्चा होनी है लेकिन विपक्ष लोक महत्व के मुद्दों को महत्व नहीं दे रहा है. विपक्ष के इस रवैये को पूरा देश देख रहा है.

महाजन ने हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल में सदन की कार्यवाही जारी रखी और संबद्ध मंत्री सवाल का जवाब देते रहे. इस बीच हंगामा कर रहे पप्पू यादव ने भी पूरक प्रश्न किया.

राज्यसभा में नहीं हो सका प्रश्नकाल

कांग्रेस सदस्यों के व्यापम घोटाले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग पर अड़े रहने तथा सदन की कार्यवाही नहीं चलने देने के बीच सरकार ने आज फिर से दोहराया कि कोई भी मंत्री या मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देगा. इस पर कांग्रेस सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया जिससे लगातार 10वें दिन शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो सका तथा सदन की कार्यवाही दोपहर एक बजे तक स्थगित कर दी गयी.

\"\"सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण शून्यकाल नहीं हो सका और सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गयी. इसके बाद कार्यवाही शुरू होने पर सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कार्यवाही स्थगित कर व्यापम मुद्दे पर चर्चा कराने तथा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग का नोटिस दिया गया है.

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर प्रधानमंी को सदन में आकर बयान देना चाहिए और जब तक इस्तीफा नहीं होगा हम सदन नहीं चलने देंगें. इस पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्यतार अब्बास नकवी ने कहा कि हम बार बार कह चुके हैं कि विपक्ष जिन जिन मुद्दे पर चर्चा कराना चाहता है हम उसके लिए तैयार है लेकिन कोई भी मंत्री या मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश के विकास के एजेंडे पर पलीता लगाने का काम कर रही है.

इससे पहले आजाद ने कहा कि जब पीवी नरसिंहा राव प्रधानमंत्री थे तब वह संसदीय कार्यमंत्री थे और उस समय विपक्ष ने तत्कालीन विदेश मंत्री के इस्तीफे की मांग की थी जिससे उन्होंने तत्काल प्रधानमंत्री को अवगत कराया और दूसरे ही दिन विदेश मंत्री का इस्तीफा हो गया. उस समय अटल बिहारी वाजपेयी विपक्ष के नेता थे. 

इस पर नकवी के बोलने पर कांग्रेस सदस्य नारेबाजी करते हुये सभापति के आसान के समीप पहुंच गये तथा सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के सदस्य अपने अपने स्थानो पर खड़े होकर शोरशराबा करने लगे जिससे कुछ भी नहीं सुना जा सका. इसी दौरान सभापति हामिद अंसारी ने सदन की कार्यवाही दोपहर एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

शारदा मोहंती को श्रद्धांजलि

राज्यसभा में शुक्रवार को पूर्व सदस्य शारदा मोहंती को श्रद्धांजलि दी गयी. सभापति हामिद अंसारी ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कहा कि मोहंती का निधन आठ जुलाई को हो गया था. वह 90 वर्ष के थे.

अंसारी ने कहा कि श्री मोहंती का जन्म ओडिशा के कालाहांडी में हुआ था और वह 1990 से 1996 तक राज्यसभा के सदस्य थे. उन्होंने श्री मोहंती को एक समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता बताते हुए कहा कि वह हमेशा कमजोर वगरे के लिए काम करते रहे. बाद में सदस्यों ने मौन खड़े होकर उन्हें श्रद्धांजलि दी.



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