याकूब को फांसी दिए जाने पर कांग्रेस, भाजपा में छिड़ी जुबानी जंग
साल 1993 के मुबई विस्फोट कांड में याकूब मेमन को फांसी दिए जाने के बाद आज राजनीतिक दलों के बीच जुबानी जंग छिड़ गई.
1993 के मुबई विस्फोट कांड में याकूब मेमन |
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और शशि थरूर ने सरकार एवं न्यायपालिका की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए, वहीं भाजपा ने उनकी टिप्पणियों को अनोखा और लोगों का ‘अपमान’ करने वाला बताया.
मेमन को फांसी से मौत की सजा के मुद्दे पर नये सिरे से बहस गर्माने के बाद सिंह ने कहा कि सरकार और न्यायपालिका को इसी तरह की बेमिसाल तत्परता और प्रतिबद्धता आरोपी के धर्म की परवाह नहीं करते हुए सभी आतंकी मामलों में दिखाना चाहिए. वहीं, थरूर ने कहा कि राज्य प्रायोजित हत्याओं ने हमें भी हत्यारा बना दिया है.
माकपा ने याकूब को फांसी के मामले में कहा कि इसमें न्याय नहीं हुआ और भाकपा ने कहा कि मौत की सजा को देश में नहीं होनी चाहिए.
एआईएमआईएम नेता और हैदराबाद के सांसद असादुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मौत की सजा इस तरह के हर मामलों में हो.
उन्होंने कहा, ‘‘बाबू बजरंगी, माया कोडनानी, लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित और स्वामी असीमानंद को भी मौत की सजा दी जानी चाहिए.’’ बजरंगी और कोडनानी गुजरात दंगों में आरोपी हैं जबकि लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित और स्वामी असीमानंद मालेगांव विस्फोटों में आरोपी हैं.
दिग्विजय सिंह ने कई ट्वीट कर कहा कि याकूब मेमन को फांसी पर लटका दिया गया. आतंक के आरोपी को सजा देने में सरकार और न्यायपालिका ने बेमिसाल तत्परता और प्रतिबद्धता दिखाई. मैं आशा करता हूं कि सरकार और न्यायपालिका की ऐसी ही प्रतिबद्धता और आतंकवाद के हर मामलों में दिखेगी, चाहे उनकी जाति या धर्म कुछ भी क्यों ना हो.
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