बंगला खाली कराने के विरोध वाली अंबिका सोनी, कुमारी सैलजा की अपील हाईकोर्ट ने की खारिज

Last Updated 30 Jul 2015 02:12:41 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस सांसदों अंबिका सोनी और कुमारी सैलजा की दिल्ली में टाइप-आठ सरकारी बंगलों से बेदखल किए जाने के केंद्र सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली अपीलें खारिज कर दीं.


कांग्रेस सांसद अंबिका सोनी

न्यायमूर्ति राजीव सहाय इंडलॉ ने कहा ‘‘याचिकाएं खारिज की जाती हैं.’’

दोनों सांसदों ने आरोप लगाया था कि शहरी विकास मंत्रालय और संपत्ति निदेशालय ‘‘मिलीभगत’’ से काम कर रहे हैं और परिसरों को खाली करने के लिए उनके ‘‘पीछे पड़े हुए हैं.’’ उनका कहना है कि राज्यसभा सदस्य होने के नाते और पूर्व कैबिनेट मंत्री होने के नाते दोनों ही इन बंगलों में रहने की हकदार हैं.

बहरहाल, राज्यसभा सचिवालय की ओर से उच्च न्यायालय को बताया गया कि दोनों टाइप.सात बंगलों में रहने की पात्र हैं, न कि उन टाइप-आठ बंगलों में रहने की जिनमें वे अभी रह रही हैं.

राज्यसभा सचिवालय केंद्र के इस तर्क से सहमत है कि दोनों सांसद वर्ष 2006 के आवंटन दिशानिर्देशों के अनुसार, इन बंगलों में रहने की पात्र नहीं हैं.

अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए यह भी कहा ‘‘आवंटन गलत था.’’

सरकार ने अंबिका सोनी और कुमारी सैलजा को बंगले खाली करने का आदेश दिया था. इसके बाद दोनों सांसदों ने विशेषाधिकार नोटिस दिया जिसे खारिज कर दिया. इसके बाद सरकार ने दोनों नेताओं को 10 जून तक उनके सरकारी बंगले खाली करने को कहा.

अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल संजय जैन ने अदालत में कहा कि वर्ष 2006 के आवंटन दिशानिर्देशों के अनुसार, टाइप-आठ बंगले केवल ऐसे व्यक्तियों को ही आवंटित किए जाते हैं जो पूर्व लोकसभा अध्यक्ष, पूर्व केंद्रीय मंत्री, पूर्व राज्यपाल या पूर्व मुख्यमंत्री हों.
 



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