आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी और NGO गूंज के संस्थापक अंशु गुप्ता को रैमन मैग्सेसे अवॉर्ड
आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी और अंशु गुप्ता को इस साल के रैमन मैग्सेसे अवार्ड के लिए चुना गया है.
संजीव चतुर्वेदी, अंशु को मैग्सेसे अवॉर्ड (फाइल फोटो) |
2002 बैच के वन सेवा अधिकारी संजीव चतुर्वेदी दूसरे ब्यूरोक्रेट हैं, जिन्हें इस अवार्ड से नवाजा गया. इससे पहले किरण बेदी को यह अवार्ड दिया गया था.
इसके अलावा एनजीओ 'गूंज' के संस्थापक अंशु गुप्ता को भी मैग्सेसे अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है.
चतुर्वेदी एम्स में कई भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने के लिए जाने जाते हैं और पिछले साल जब उन्हें एम्स के सीवीओ पद से हटाया गया तो बड़ा विवाद हुआ था.
चतुर्वेदी मूलत: हरियाणा काडर के अफसर हैं. वहां भी उन्होंने भ्रष्टाचार के कई मामलों को उजागर किया.
वहीं अंशु गुप्ता की संस्था गूंज गरीबों की ज़रूरतें पूरी करती है. एनजीओ 'गूंज' का काम है शहरों में अनुपयोगी समझे गए सामानों को गांवों में सदुपयोग के लिए पहुंचाना. देश के 21 राज्यों में गू्ंज संस्था के संग्रहण केंद्र काम कर रहे हैं.
गौरतलब है कि रेमन मैगसेसे पुरस्कार एशिया के व्यक्तियों और संस्थाओं को उल्लेखनीय कार्य करने के लिये प्रदान किया जाता है. इसे एशिया का नोबेल पुरस्कार भी कहा जाता है.
यह रेमन मैगसेसे पुरस्कार फाउन्डेशन द्वारा फिलीपीन्स के पूर्व राष्ट्रपति रेमन मैगसेसे की याद में दिया जाता है. जिन श्रेणियों में पुरस्कार दिए जाते हैं, वे हैं - सरकारी सेवा, सार्वजनिक सेवा, सामुदायिक नेतृत्व, पत्रकारिता, साहित्य और सृजन, शांति एवं अंतरराष्ट्रीय सद्भावना, उभरता हुआ नेतृत्व. यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय विनोबा भावे थे, जिन्हें 1958 में चुना गया था.
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