कलाम को था गुरदासपुर आतंकवादी हमले का गहरा दुख
शिलांग में भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) में एक व्याख्यान के दौरान बेहोश होने और फिर अपने निधन से कुछ घंटों पहले पंजाब के गुरदासपुर जिले में सोमवार को हुए आतंकवादी हमले के बाद पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम दुखी थे.
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम (फाइल फोटो) |
आखिरी दिन पूर्व राष्ट्रपति के साथ रहे उनके करीबी सहयोगी सृजन पाल सिंह ने कहा, ‘‘पंजाब में हमलों को लेकर कलाम बहुत चिंतित थे. बेकसूर लोगों की जानें जाने से वह काफी दुखी हो गए थे.’’
‘जनता के राष्ट्रपति’ माने जाने वाले कलाम को कल जब दिल का दौरा पड़ा उस वक्त वह रहने योग्य पृथ्वी का निर्माण विषय पर व्याख्यान दे रहे थे.
सिंह ने कहा था कि कलाम को जिस विषय पर व्याख्यान देना था, उसे उन्होंने यह कहते हुए गुरदासपुर की घटना से जोड़ दिया कि ‘‘ऐसा लगता है कि मानव निर्मित शक्तियां प्रदूषण की तरह ही पृथ्वी पर जीवन के लिए एक बड़ा खतरा हैं.’’
सिंह ने बताया कि जब इस बात पर चर्चा हुई कि यदि हिंसा, प्रदूषण और लापरवाही भरी इंसानी गतिविधियां इसी तरह जारी रहीं तो आगे क्या होगा, इस पर कलाम ने कहा, ‘‘30 साल, यदि यही दर रही तो, हो सकता है....आप लोगों को इसके बारे में निश्चित तौर पर कुछ करना चाहिए . यह आपके भविष्य का संसार बनेगा.’’
आईआईएम में अपना संबोधन शुरू करने से पहले कलाम ने एस ए लापांग नाम के एक कांस्टेबल को बुलाया और पूछा कि क्या वह थक गया है. कलाम ने उसे कुछ खाने के लिए देने की भी पेशकश की.
कलाम ने लापांग को आश्चर्यचकित करते हुए कहा, ‘‘क्या आप थक गए हैं ? क्या आप कुछ खाना चाहेंगे ? मुझे दुख है कि आपको मेरी वजह से इतनी देर तक खड़ा होना पड़ रहा है.’’
इस पर लापांग ने जवाब दिया, ‘‘सर, आपके लिए तो मैं छह घंटे भी खड़ा रह सकता हूं.’’
Tweet |