कलाम के निधन से शोक में वैज्ञानिक समुदाय

Last Updated 28 Jul 2015 09:36:02 AM IST

भारतीय वैज्ञानिक समुदाय ने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के निधन पर शोक व्यक्त किया और इसे देश के लिये बहुत बड़ी क्षति बताया.


फाईल फोटो

84 साल के डा. कलाम शिलांग में आईआईएम के विद्यार्थियों को व्याख्यान देते हुए गिर गये और बाद में चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. देश के वैज्ञानिकों ने उन्हें प्रेरणादायी बताया.   
 
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार डा आर चिदंबरम ने कहा कि डा कलाम का निधन ना केवल वैज्ञानिक समुदाय के लिए एक बड़ा नुकसान है बल्कि यह पूरे देश की क्षति है.  

उन्होंने कहा कि डा कलाम ने अपनी अंतिस सांस अपने अंदाज में ही लिया जब वह  छात्रों को व्याख्यान दे रहे थे. डा. कलाम का जीवन इस बात को साबित करता है की भारत में कड़ी मेहनत के बल पर कोई देश के सर्वोच्च स्थान पर पहुँच सकता है. यह निश्चित रूप से भारतीय विज्ञान जगत के लिए एक बड़ी क्षति है. वह एक महान वैज्ञानिक थे.    
 
श्री चिदंबरम ने कहा कि वह एक महान इंसान के साथ सबके लिए मार्गदर्शक और प्रेरणादायक थे. डा कलाम के साथ जुड़े परमाणु ऊर्जा आयोग (एईसी) के पूर्व सदस्य एमआर श्रीनिवासन ने कहा कि वह आम लोगों के ऐसे राष्ट्रपति थे जिन्होंने राष्ट्रपति भवन को जनता के लिए खोला. उन्होंने कहा कि डा. कलाम एक टीम प्लेयर की तरह थे जोकि किसी परियोजना पर काम करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के लोगों साथ लेकर चलते थे.      
   
दूसरे परमाणु पोखरण परीक्षण के दौरान परमाणु वैज्ञानिक अनिल काकोदकर और आर चिदंबरम के नेतृत्व में परमाणु हथियार तैयार किया गया था लेकिन इसके परिक्षण में तब रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष के तौर पर डा कलाम ने  महत्वपूर्ण भूमिका थी.
    
डा कलाम को बच्चो से विशेष लगाव था और वह बच्चों से  मिलकर बातचीत करना चाहता थे. राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने इस पहल की नयी शुरूआत की.
 
भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) के निदेशक शेखर बासु ने कहा ‘हमने परमाणु पनडुब्बी परियोजना में साथ काम किया था. वह सबको अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रोत्साहित किया करते थे.’ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष किरण कुमार ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति कलाम का आकस्मिक निधन देश के लिए एक बड़ी क्षति है.    
 
डा. कलाम की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि वह एक महान और सज्जन व्यक्तित्व थे. उनके लिए संवेदनाओं को व्यक्त करने के लिए उनके पास शब्द नहीं है.  

श्री कुमार ने कहा कि 84 साल की उम्र में भी वह देश की ऊर्जा जरूरतों के बेहतर समाधान खोजने के बारे में सोचते थे.   



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment