व्यापमं: सीबीआई जांच की मांग तेज, राजनाथ ने की शिवराज से बात

Last Updated 05 Jul 2015 09:05:50 PM IST

व्यापमं घोटाले में पिछले दो दिनों में दो लोगों की रहस्यमयी मौत के बाद सीबीआई जांच की मांग तेज हो गई है. राजनाथ सिंह ने शिवराज सिंह चौहान से बात कर इस मामले की गहराई से जांच कराने को कहा है.




व्यापमं: सीबीआई जांच की मांग (फाइल)

घोटाले में आरोपी रही एक लड़की, जिसकी करीब तीन साल पहले रहस्यमयी मौत हुई थी, के माता-पिता का इंटरव्यू करने के बाद एक टीवी चैनल के एक खोजी पत्रकार की अचानक हुई मौत की खबर ठंडी भी नहीं पड़ी थी कि तभी दिल्ली के होटल में जबलपुर मेडिकल कॉलेज के एक डीन की रहस्यमयी मौत की खबर आने से हड़कंप मच गया और लोगों में आक्रोश पैदा हो गया.
    
जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के डीन अरूण शर्मा, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि वे घोटाले के सिलसिले में अपने कॉलेज में हुए दाखिले में हुई अनियमिततताओें की जांच कर रहे थे, को द्वारका इलाके के एक होटल में रहस्यमयी परिस्थितियों में मृत पाया गया.
    
होटल के जिस कमरे में शर्मा का शव बरामद किया गया वहां से शराब की एक लगभग खाली बोतल और उल्टी पड़ी देखी गई. फॉरेंसिक सबूत इकट्ठा कर लिए गए हैं और उनका शव पोस्ट मॉर्टम के लिए भेज दिया गया है.
    
इस मामले में संभावित साजिश की अटकलें इसलिए तेज हो गई हैं क्योंकि शर्मा कॉलेज के दूसरे डीन हैं जिनकी रहस्यमयी मौत पिछले एक साल में हुई है. शर्मा से पहले डी के सकाले की मौत हुई थी. सकाले भी दाखिले में हुई कथित अनियमितताओं की जांच कर रहे थे. उनका शव अपने आवास पर जली हुई अवस्था में पाया गया था. मध्य प्रदेश पुलिस ने उस वक्त कहा था कि सकाले ने खुदकुशी की है.
   
एक समाचार चैनल के खोजी पत्रकार अक्षय सिंह की शनिवार को मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में मौत हो गई थी. वह नम्रता दामोर के माता-पिता का साक्षात्कार लेने पहुंचे थे. नम्रता का शव सात जनवरी, 2012 को रेल की पटरी के निकट पाया गया था.
   
38 साल के अक्षय सिंह वहां गिर गये और उनके मुंह से झाग आना शुरू हो गया था. इसके बाद उन्हें सिविल अस्पताल ले जाया गया और फिर एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन डॉक्टर उनकी हालत में सुधार नहीं कर सके. इसके बाद उन्हें गुजरात के दाहोद जिले के एक अस्पताल में ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
   
इन दोहरी मौतों ने कांग्रेस को नया मुद्दा दे दिया है. पार्टी ने दाखिले और भर्ती के इस बड़े घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की है. 
   
व्यापमं से जुड़े लोगों की एक के बाद एक हो रही मौतों को ‘‘पहेली और काफी संदेहास्पद’’ करार देते हुए कांग्रेस ने मांग की कि उच्चतम न्यायालय की निगरानी में घोटाले की सीबीआई जांच होनी चाहिए.
   
व्यापमं को ‘‘भारत का सबसे भयावह घोटाला’’ करार देते हुए कांग्रेस के संवाद विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने की मांग की. सुरजेवाला ने दावा कि एसआईटी-एसटीएफ का संयुक्त तंत्र मामले की जांच में निष्प्रभावी साबित हुआ है.
   
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘व्यापमं घोटाले से किसी न किसी तरह जुड़े 45 लोगों की मौत एक अनसुलझी पहेली और काफी संदेहास्पद है. व्यापमं भारत के इतिहास में सबसे भयावह घोटाला साबित हुआ है.’’
    
करीब एक पखवाड़े पहले घोटाले के मामलों की जांच कर रही एसआईटी ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय को एक रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें कहा गया था कि व्यापमं घोटाले में 23 आरोपियों और गवाहों की ‘‘अप्राकृतिक’’ मौतें हुई हैं. इसके बाद से दो और आरोपी रहस्यमयी परिस्थितियों में मृत पाए गए.
    
घोटाले से किसी न किसी तरह जुड़े लोगों की लगातार हो रही मौतों पर चौतरफा हमले झेल रहे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार उच्च न्यायालय की ओर से गठित एसआईटी को पत्र लिखकर टीवी टुडे ग्रुप के पत्रकार सिंह की मौत की ‘‘गहन जांच’’ के लिए कहेगी.
    
भोपाल में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा कि उनकी सरकार को कोई आपत्ति नहीं है यदि उच्च न्यायालय सीबीआई सहित किसी अन्य एजेंसी से घोटाले की जांच के आदेश दे.
    
बढ़ते जनाक्रोश के बीच केंद्र ने कहा कि अक्षय सिंह की रहस्यमयी मौत के मुद्दे पर सभी शंकाओं को विराम देने के लिए एक ‘‘बहुत ही निष्पक्ष जांच’’ होनी चाहिए.
    
केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा, ‘‘चूंकि इस मौत को लेकर कई मुद्दे उठाए गए हैं तो यह काफी अहम होगा कि बहुत निष्पक्ष जांच हो ताकि सभी शंकाओं को विराम दिया जा सके.’’
    
जेटली ने एक ट्वीट कर 38 साल के पत्रकार के ‘‘दुखद एवं असामयिक’’ निधन पर शोक जताया और कहा कि उनकी संवेदनाएं शोकाकुल परिवार के साथ हैं.
    
बहरहाल, सरकार के इस जवाब से कांग्रेस संतुष्ट नहीं हुई और ‘‘घोटालों’’ पर ‘‘चुप्पी’’ को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा.
    
कांग्रेस प्रवक्ता आरपीएन सिंह ने कहा, ‘‘राज्य सरकार या मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के लिए यह बड़ी आसान बात है कि वे सीबीआई जांच के लिए एक पत्र लिखें और केंद्र सरकार उस पर कार्रवाई करेगी.’’
    
उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम घोटालों को देखें तो चाहे यह व्यापमं घोटाला हो, छत्तीसगढ़ का चावल घोटाला हो या जो मोदी सरकार के मंत्रियों के साथ राजस्थान में हो रहा है वह हो...प्रधानमंत्री अपनी चुप्पी तोड़ते दिखाई नहीं दे रहे.’’
    
सिंह ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री की दिलचस्पी सिर्फ इन लोगों को बचाने में है. और जब पत्रकारों तक की मौत हो रही है...वह इसे छोड़कर दुनिया की सारी चीजों पर ट्वीट कर रहे हैं.’’

राजनाथ ने शिवराज से की बात

व्यापमं घोटाले की कवरेज कर रहे एक टीवी पत्रकार की मौत के मामले में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात की और इस मामले की गहराई से जांच कराने को कहा.
   
टेलीफोन पर 10 मिनट तक हुई बातचीत में सिंह ने चौहान से कहा कि प्रदेश के झाबुआ जिले में टीवी पत्रकार अक्षय सिंह की मृत्यु के मामले में पूरी तरह जांच का आदेश दिया जाए.
   
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री को घटना के बारे में जानकारी दी और पत्रकार की मौत से जुड़ी परिस्थितियों का ब्योरा जानने के लिए उठाये जा रहे कदमों से अवगत कराया.
   
गृह मंत्री ने मुख्यमंत्री से मामले से जुड़े सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को भी कहा.
   




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