ललित मोदी के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी, ईडी की टीम पहुंची सिंगापुर

Last Updated 30 Jun 2015 08:28:48 AM IST

पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी पर अब केंद्र सरकार ने शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है.


पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी (फाइल फोटो)

ललित मोदी प्रकरण में कई नेताओं का नाम उछलने के बाद केंद्र सरकार पहली बार हरकत में आई है.

सरकार ने सोमवार को पहली बार प्रवर्तन निदेशालय के  अधिकारियों को लेटर रोगेटरी (एलआर) में तेजी लाने के लिए सिंगापुर भेजा है. ईडी ने सोमवार को दो देशों सिंगापुर और मॉरिशस को दो एलआर लिखे हैं. ये एलआर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के अंतर्गत लिखे गए हैं.

आपको बता दें कि एलआर भारतीय अदालत द्वारा विदेश मंत्रालय के जरिए विदेशी अदालत की मदद के लिए भेजा गया एक पत्र होता है.

एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक ईडी दो साल तक इस मामले में कोई एक्शन नहीं ले रही थी. 2013 में यूनाइटेड किंगडम ने रिवाइज्ड एलआर मांगा, इसके बाद भी प्रवर्तन निदेशालय ने एलआर नहीं भेजा. इसका नतीजा यह हुआ कि 2010 में भारत सरकार द्वारा पासपोर्ट रद्द कर दिए जाने के बाद भी ललित मोदी ब्रिटेन में ही रहे.

इसके अलावा ईडी ललित मोदी के कई कंपनियों से संबंध की भी जानकारी चाहती है. मनी लॉड्रिंग के मामले में ललित मोदी पर सिंगापुर में सोनी की सहायक कंपनी मल्टी स्क्रीन मीडिया (एमएसएम) और वर्ल्ड स्पोर्ट्स ग्रुप (डब्ल्यूएसजी) के साथ मैच का करार था. जो अब संदेह के घेरे में है. ईडी ने सोनी के सहायक कंपनियों के खाते की जानकारी भी मांगी है.   

सूत्रों के अनुसार एमएसएम को 2009 आईपीएल के मीडिया अधिकार 470 करोड़ रूपये में दिए गए थे. आरोप है कि मोदी ने पिछले दरवाजे से सोनी के साथ समझौता किया, जिसमें एमएसएम ने डब्ल्यूएसजी को 125 करोड़ रूपए का भुगतान किया. ईडी का मानना है कि इस मामले में मोदी को फायदा हुआ होगा. इस मामले में बीसीसीआई को गारंटर बनाया गया था. मोदी ने कथित रूप से बीसीसीआई को इस बारे में कुछ नहीं बताया. जांच के आधार पर मोदी के प्रत्यर्पण के लिए रेड कॉर्नर इंटरपोल नोटिस जारी किया जा सकता है.

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार तब हरकत में आई है जब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और ललित मोदी के संबंधों की खबरें, इसके अलावा वसुंधरा राजे और ललित मोदी के व्यावसायिक रिश्ते होने की खबरें सामने आई हैं.



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