मैगी विवाद: दिल्ली में भी मैगी के नमूने फेल, केरल में मैगी हटाने के निर्देश, अमिताभ और माधुरी के खिलाफ होगी प्राथमिकी

Last Updated 02 Jun 2015 09:35:36 PM IST

बिहार की एक अदालत ने मैगी के ब्रांड एंबेसेडर- अमिताभ बच्चन, माधुरी दीक्षित और प्रीति जिंटा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने तथा आवश्यकता पड़ने पर सिने अभिनेताओं को गिरफ्तार करने के निर्देश दिये.


दिल्ली में भी मैगी के नमूने फेल (फाइल फोटो)

मैगी को लेकर नेस्ले इंडिया को कुछ अन्य राज्यों में भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

इस बीच, केन्द्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने बिहार के आरा में संवाददाताओं से बातचीत में मैगी नूडल्स मामले का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार एक नया कानून लाने के लिए काम कर रही है जिसमें आवश्यक जिंसों एवं खाद्य पदार्थों के मामले में उपभोक्ताओं से धोखाधड़ी करने के मामलों से निबटने के लिए आजीवन कारावास का प्रावधान होगा. उन्होंने कहा कि आवश्यक जिंसों एवं खाद्य पदार्थों के प्रोत्साहन के लिए भ्रामक विज्ञापन करने वाले लोगों से निबटने के लिए आजीवन कारावास जैसे कड़े दंड का प्रावधान होगा.

दिल्ली सरकार द्वारा करवाये गये परीक्षणों में राजधानी से एकत्र किये गये मैगी नूडल्स के नमूने भोजन के तयशुदा मानको के अनुरूप नहीं पाये गये जबकि केरल में सरकारी स्टोरों से इस उत्पाद को हटाने के निर्देश दिये गये. इस बीच, हरियाणा ने भी इस खाद्य वस्तु के नमूने एकत्र करने का निर्देश दिया है.

बिहार के मुजफ्फरपुर में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रामचन्द्र प्रसाद ने काजी मोहम्मदपुर पुलिस थाने को निर्देश दिया कि वह दो नेस्ले अधिकारियों एवं तीन सितारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करे और शिकायत की जांच करे.

अदालत ने पुलिस को यह भी निर्देश दिये कि जांच के दौरान यदि आवश्यकता पड़े तो गिरफ्तारी भी की जा सकती है. यह आदेश वकील सुधीर कुमार ओझा द्वारा दाखिल किये गये मामले की सुनवाई के दौरान दिया गया.

याचिका में नेस्ले के प्रबंध निदेशक मोहन गुप्ता, उसके संयुक्त निदेशक सबाब आलम तथा विभिन्न समय पर मैगी के विज्ञापन करने वाले अमिताभ बच्चन, माधुरी दीक्षित एवं प्रीति जिंटा के नाम लिये गये हैं.

शिकायतकर्ता ने दावा किया कि उसने मुजफ्फरपुर में लेनिन चौक की एक दुकान से 30 मई को मैगी नूडल्स खरीदे तथा वह उसे खाने के बाद बीमार पड़ गया. इसके चलते उसने नूडल्स के निर्माता नेस्ले तथा फिल्म सितारों के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया.

यह मामला भारतीय दंड विधान की धारा 270 (हानिकारक कृत्य जिससे जीवन के लिए खतरनाक रोगों के संक्रमण फैलने का खतरा) 270 (हानिकारक भोजन या पेय की बिक्री), 276 (दवा की किसी अन्य दवा या नुस्खे के रूप में बिक्री) एवं 420 (धोखाधड़ी) के तहत दाखिल किया गया है.

दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रयोगशाला परीक्षण में मैगी नमूने असुरक्षित पाये गये और प्रतिबंध की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. राज्य सरकार के सूत्रों ने बताया कि सरकार नेस्ले इंडिया के खिलाफ कार्रवाई पर विचार कर रही है.

नेस्ले इंडिया के लिए पैदा हुई एक नयी समस्या में केरल के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री अनूप जैकब के कार्यालय ने कहा कि एक आदेश जारी कर राज्य में उसकी खुदरा दुकानों से मैगी नूडल्स के वितरण को तब तक अस्थायी रूप से रोक देने के लिए कहा गया है जब तक कि सुरक्षा मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट न हो जाये. केरल राज्य नागरिक आपूर्ति निगम, जिसे सप्लाइको के नाम से भी जाना जाता है, के राज्य भर में करीब 1400 स्टोर हैं.

नूडल्स में मोनोसोडियम ग्लूटमेट एवं जस्ता निर्धारित सीमा से अधिक पाये जाने के बाद देश भर में मैगी नूडल्स के नमूने उठाये गये है ताकि खाद्य सुरक्षा मानकों में कथित चूक की जांच करवायी जा सके.

बहरहाल, नेस्ले इंडिया ने दावा किया कि उसने नमूनों की जांच कंपनी की प्रयोगशाला के साथ ही बाहर भी करवायी है तथा उत्पाद को खाने के लिए सुरक्षित पाया गया है.

हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने चंडीगढ़ में बताया, ‘‘हमने मैगी नूडल्स में खाद्य सुरक्षा मानकों की कथित चूक की खबरों का संज्ञान लिया है. मैंने अपने विभाग को निर्देश दिया है कि राज्य भर से इन नूडल्स के नमूने उठाये जाये ताकि उनका प्रयोगशाला में परीक्षण हो सके.’’

कर्नाटक में स्वास्थ्य मंत्री यू टी खादेर ने बताया कि अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि राज्य भर से निर्माण इकाइयों एवं खुदरा दुकानों से मैगी नूडल्स के नमूने बिना किसी क्रम के एकत्र किये जाये ताकि उनका प्रयोगशाला परीक्षण हो सके.

पश्चिम बंगाल सरकार ने मैगी विवाद पर विचार विमर्श के लिए कल एक बैठक बुलायी है ताकि इस मुद्दे पर कोई फैसला किया जा सके.

 



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