मथुरा में मोदी: जिनके बुरे दिन आए हैं, वो चीख रहे हैं

Last Updated 25 May 2015 04:59:13 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन लोगों के बुरे दिन आ गए हैं जिन्होंने देश को लूटा है और जिनके बुरे दिन आए हैं वही हल्ला कर रहे हैं.




प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल)

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार अगर और एक साल रह जाती तो देश में हालात बदतर हो जाते.

प्रधानमंत्री ने दीनदयाल उपाध्याय की जन्मस्थली मथुरा के नागला चंद्रभान में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अगर यूपीए सरकार एक साल और रह गई होती और उसकी जगह नई सरकार नहीं चुनी होती, तो यह परिवर्तन नहीं आता.

उन्होंने अपने खास अंदाज में लोगों से सवाल किया, ‘‘पिछले एक साल में कहीं से घोटाले की कोई खबर आई क्या, भाई भतीजावाद की खबर आई क्या, रिमोट कंट्रोल से सरकार चलाने की खबर आई क्या, किसी नेता के दामाद या बेटे का कोई किस्सा कहानी हुई क्या? बुरे दिन गए कि नहीं? लूट का जमाना गया कि नहीं?’’
   
मोदी ने कहा, ‘‘चुनाव के बाद मैंने वादा किया था कि मैं प्रधानमंत्री नहीं, प्रधान संतरी बनूंगा. और तिजोरी पर किसी पंजे को नहीं पड़ने दूंगा. मैंने यह वादा निभाया कि नहीं, लूट का खेल बंद कराया या नहीं?’’

मोदी ने कहा, ‘‘इन दिनों कुछ लोग काफी परेशान हैं, उनकी परेशानी यह है कि सभी लोगों के अच्छे दिन आए लेकिन उनके लिए बुरे दिन आ गए. मैंने वर्षों से देश को लूट रहे लोगों के अच्छे दिन आने की गारंटी नहीं दी थी. हम देश को इस तरह से चलाएंगे कि उनके लिए और बुरे दिन आएंगे और उनकी मुश्किलें बढ़ेंगी. आपका पैसा अब कोई नहीं लूट सकेगा.’’
    
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ये लोग चीख चिल्ला रहे हैं क्योंकि 60 सालों से दिल्ली के सत्ता के गलियारों में उनकी आवाज गूंजती थी और दिल्ली में पावर सेंटर से ज्यादा पावर सर्किल का बोलबाला था. अभिमन्यु को आठ घेरे तोड़ने थे, लेकिन यहां तो सत्ता के ऐसे सैकड़ों घेरे थे. आपके आशीर्वाद से सत्ता के ऐसे सैकड़ों घेरों को नष्ट कर दिया गया है. अब सत्ता के गलियारों में दलालों का कोई स्थान नहीं है. इसलिए वे और चीख चिल्ला रहे हैं. उनके तो और बुरे दिन आयेंगे... मैं अब प्रधान संतरी हूं, देश की सम्पत्ति को लूटने नहीं दिया जायेगा.’’
   
उन्होंने कहा कि पिछले 365 दिनों में हमने बुरे दिनों, बुरी नीयत, बुरे कामों, बुरे कारनामों से मुक्ति दिलाने का काम किया है.
   
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के उस वक्तव्य का मोदी ने उल्लेख किया जिसमें कहा गया था कि एक रूपये में से 85 पैसे लूट लिये जाते थे. प्रधानमंत्री मंत्री ने कहा कि हमने तय किया है कि 100 से 100 पैसे लोगों तक जाएं और दलाल एक पैसा भी लूटने नहीं पाएं.
   
प्रधानमंत्री ने दावा किया कि अगर संप्रग सरकार की जगह यह नयी सरकार नहीं चुनी गई होती और एक साल अगर वही सरकार रह जाती तब यह परिवर्तन नहीं आता.
   
उन्होंने कहा, ‘‘इतने बुरे दिन, कितने बुरे कर्म और कितनी अधिक बुराइयों का माहौल था और तब देश की जनता ने इस माहौल को बदलने और परिवर्तन लाने का फैसला किया.’’
   
पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर प्रहार जारी रखते हुए मोदी ने आरोप लगाया, ‘‘उन्होंने कोयला की खदानें अपने चहेतों को कैड़ियों के दाम बेचीं. जबकि हमने एक साल के भीतर केवल 29 कोयला खदानें आवंटित करके 3 लाख करोड़ अर्जित किये. लूटने वालों के दिन खत्म हुए या नहीं, अपने चहेतों को खदान देने के दिन खत्म हुए या नहीं?’’

अपनी सरकार को गरीबों के लिए समर्पित बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार बदलने के जनता के फैसले के कारण उनकी सरकार सुशासन देने में सफलतापूर्वक आगे बढ़ रही है और जो यह चमत्कार, परिवर्तन और विश्वास दिख रहा है, वह जनता के इसी फैसले के कारण है.
   
किसानों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि पिछले 60 वर्षो में 3 लाख किसानों ने आत्महत्या की. 3 लाख मरे या एक किसान मरे, सरकार किसी की भी हो, हमें राजनीति नहीं करनी है. आरोप प्रत्यारोप नहीं करना है. हमें मिलकर समस्या का हल निकालना है.
   
प्रधानमंत्री ने इस संबंध में किसान मृदा स्वास्थ्य कार्ड, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, बूंद-बूंद पानी का उपयोग, माइक्रो इरिगेशन योजना आदि का जिक्र किया.
   
यूरिया की कालाबाजारी और उद्योगों में इसके चोरी से उपयोग पर लगाम लगाने का दावा करते हुए मोदी ने कहा कि यूरिया पर नीम की परत चढ़ाने से अब इसका खेती के अलावा अन्य काम में उपयोग नहीं होगा और इसकी चोरी रूकेगी.
   
उन्होंने कहा कि जनधन योजना से मनरेगा जैसी योजनाओं के तहत गरीबों को मिलने वाला धन अब बिचौलिये लूट नहीं पायेंगे और यह सीधे उनके खाते में जाएगा.
   
उन्होंने कहा कि रसोई गैस की सब्सिडी की चोरी रोकने के लिए सरकार ने इसे सीधे बैंक खातों में डालना शुरू कर दिया है. ऐसा नहीं होने के कारण पहले रसोई गैस के सिलिंडरों की बड़े पैमाने पर कालाबाजारी होती थी.
   
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार नदियों को जोड़ने, पानी को व्यर्थ बह जाने से रोकने के लिए प्रतिबद्ध है और दावा किया कि उनकी सरकार पांच साल के भीतर देश के हर किसान को 24 घंटे बिजली मुहैया करायेगी.
   
अमीरों और उद्योगपतियों की ‘सूट-बूट की सरकार’ की विपक्ष की आलोचनाओं को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि जीवन रक्षा बीमा, अटल पेंशन योजना गरीबों के लिए बनाई गई योजनाएं है.
   
उन्होंने कहा कि सरकार ने छोटे-छोटे कारोबारियों को कम ब्याज पर कर्ज उपलब्ध कराने के लिए मुद्रा बैंक बनाया है.
उन्होंने कहा कि बड़े उद्योगपति नहीं, छोटे कारोबारी ही हैं जो सबसे अधिक रोजगार मुहैया कराते हैं.
   
अपने सरकार की पहली सालगिरह के अवसर पर उन्होंने विवादस्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक का कोई उल्लेख नहीं किया और एक रैंक, एक पेंशन के बारे में भी कुछ नहीं बोले.
   
महंगाई पर उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने इसे काबू करने में सफलता पाई है और साथ ही कहा, ‘‘आपने अगर यह सरकार नहीं बनाई होती तब महंगाई पता नहीं कहां तक जाती.’’ 



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