राफेल सौदा: कांग्रेस ने मोदी सरकार पर फिर निशाना साधा

Last Updated 24 May 2015 09:11:39 PM IST

कांग्रेस ने फ्रांस के साथ हुए राफेल सौदे को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर फिर से निशाना साधा और सवाल किया कि लड़ाकू विमान खरीद के समझौते से सरकारी हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को बाहर क्यों रखा गया.


राफेल सौदा (फाइल)

सत्ता में एक साल पूरा होने के मौके पर राजग सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि पूर्व व्यवस्था के अनुसार, एचएएल को फांसीसी कंपनी से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के जरिये 108 विमान बनाने थे.

शर्मा ने एआईसीसी संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकारों के बीच समझौते से एचएएल को बाहर क्यों रखा गया जबकि तथ्य यह है कि यह सरकारी कंपनी मिराज सौदे को लेकर फ्रांस के साथ इसका पुराना संबंध था.

सत्तारूढ़ भाजपा पर कटाक्ष करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि वह जानना चाहते हैं कि निजी क्षेत्र की कौन सी कंपनी की सेवाएं ली गई हैं और एचएएल को सौदे से बाहर रखना राष्ट्रहित में है या नहीं.

उन्होंने कहा, ‘‘ये सवाल उठाए जाएंगे और सरकार को जवाब देना होगा.’’
     
यह दूसरा दिन है जब कांग्रेस ने लड़ाकू विमान सौदे पर सवाल खड़े किये हैं. पिछले महीने फ्रांस के अपने दौरे के दौरान, मोदी ने छह अरब डॉलर से ज्यादा की कीमत पर 36 राफेल विमान खरीदने के समझौते पर हस्ताक्षर किये थे.

संप्रग सरकार में रक्षा मंत्री रहे एके एंटनी ने शनिवार को सौदे पर कई सवाल खड़े किये थे और उन्होंने सवाल किया कि फ्रांस के साथ समझौता करते हुए वित्त मंत्रालय और रक्षा खरीद परिषद को साथ लिया गया या नहीं.

उन्होंने यह भी दावा किया था कि यशवंत सिन्हा तथा जसवंत सिंह जैसे कई विपक्षी नेताओं और कुछ भाजपा नेताओं ने संप्रग सरकार के दौरान अलग-अलग विषयों में खामियां पाते हुए लड़ाकू विमानों की खरीद का विरोध किया था.

एंटनी ने जोर देकर कहा था कि न तो प्रधानमंत्री, न रक्षा मंत्री और ना ही सैन्य बल रक्षा खरीद परिषद को नजरअंदाज करके कोई उपकरण खरीद सकते हैं.

मोदी सरकार पर सांठगांठ वाले पूंजीवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए पूर्व वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री शर्मा ने दावा किया कि केन्द्र सरकार ने कुछ खास सामानों के आयात पर समझौता करते हुए कुछ सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को बाहर रखा और निजी कंपनियों को साथ लाया गया.

शर्मा ने कहा कि अगर राजग सरकार इंकार करती है कि यह सांठगांठ वाला पूंजीवाद है तो कांगेस ‘‘तारीखों के साथ इन सौदों की सूची और जानकारी का खुलासा करेगी.’’
     
सरकार के इस दावे कि उसके एक साल कार्यकाल में कोई घोटाला और प्रकरण नहीं हुआ, पर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने सांठगांठ वाले पूंजीवाद का मुददा उठाया है और यह स्पष्ट करना सरकार की जिम्मेदारी है कि एचएएल सहित पीएसयू को विभिन्न सौदों से बाहर क्यों रखा गया.

शर्मा ने आरोप लगाया, ‘‘मोदी द्वारा सांठगांठ वाले पूंजीवाद को बढ़ावा दिया गया है.’’
     
उन्होंने आश्चर्य जताया कि कुछ खास उद्योगपति प्रधानमंत्री के साथ उनके हर विदेशी दौरे पर क्यों जाते हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार के लिए यह स्पष्टीकरण देने और अतीत की बातों से दूर रहने का वक्त है. उन्होंने चेताया कि अगर सरकार और भाजपा ऐसा करने में नाकाम रहती है तो कांग्रेस देश को ताबूत घोटाला और हुडको, बंगारू लक्ष्मण तथा येदियुरप्पा से जुड़े घोटालों जैसे मामले याद दिलाने के लिए मजबूर होगी.





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