फोर्ड फाउंडेशन के वित्त पोषण पर सरकार की नजर

Last Updated 03 May 2015 02:34:59 PM IST

अमेरिका स्थित फोर्ड फाउंडेशन को गृह मंत्रालय ने इसे निगरानी सूची में डाल दिया गया है.


फोर्ड फाउंडेशन (फाइल)

फोर्ड फाउंडेशन ने एक राजनीतिक दल और लाभ अर्जन करने वाले संगठनों का ‘अवैध’ तरीके से वित्त पोषण किया है जिसके परिणाम स्वरूप यह विदेशी संगठन गृह मंत्रालय की नजर में आ गया है और इसे निगरानी सूची में डाल दिया गया.
     
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जांच में यह पाया गया कि फोर्ड फाउंडेशन की ओर से एक एनजीओ को आवंटित धन एक राजनीतिक दल को प्राप्त हुआ जो दाता को स्वत: ही कार्रवाई का सामना करने का पात्र बनाता है. हालांकि फोर्ड फाउंडेशन ने इन आरोपों को खारिज किया है.
    
अधिकारी ने बताया कि जांच में यह भी पाया गया कि फोर्ड फाउंडेशन ने कई संगठनों का वित्त पोषण किया है जो ऐसे एनजीओ की श्रेणी में नहीं आते हैं जो विदेशी कोष प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि वे लाभ अर्जित करते हैं.
    
अंतरराष्ट्रीय दाता ने राजनीतिक दलों को वित्त पोषण करने के आरोपों को सिरे से खारिज किया है लेकिन यह बात स्वीकार की है कि वह कई ऐसे संगठनों के साथ काम करती है जिनमें लाभ के लिए काम करने वाले संगठन भी शामिल है.
    
फोर्ड फाउंडेशन की प्रवक्ता जोशुआ सिनेली ने अपने बयान में कहा, ‘‘हम इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि फोर्ड फाउंडेशन राजनीतिक दलों का वित्त पोषण नहीं करती है. फाउंडेशन हालांकि कई तरह के निकायों के साथ काम करती है जिनमें गैर सरकारी संगठन, सरकारी और अर्धसरकारी निकाय, विश्वविद्यालय और लाभ के लिए काम करने वाले संगठन शामिल हैं जो विशिष्ठ कार्यों की जरूरत पर निर्भर करता है.’’
    
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें लाभ के लिए काम करने वाले वैसे निकाय शामिल हैं जो फाउंडेशन एवं उसके गारंटी प्राप्त समुदायों को अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं.’’
    
विदेशी चंदा नियमन कानून के तहत कोई भी दाता किसी राजनीतिक दल या लाभ प्राप्त करने वाले संगठन को दान नहीं दे सकता है.
    
जांच के बाद गृह मंत्रालय ने फोर्ड फाउंडेशन को निगरानी सूची में डाल दिया था और आदेश दिया था कि राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अमेरिका स्थित दाता से आने वाला धन उसकी मंजूरी से आए.
    
रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने सभी बैंकों और उनकी शाखाओं से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उनके संज्ञान में फोर्ड फाउंडेशन से किसी व्यक्ति, एनजीओ या भारत में किसी संगठन को जाने वाले कोष के बारे में गृह मंत्रालय को जानकारी दी जाए ताकि मंत्रालय की मंजूरी के बाद ही प्राप्तकर्ता के खाते में धन जाए.
    
अधिकारी ने बताया कि फोर्ड फाउंडेशन ने कम से कम छह एनजीओ को कोष दिया जो एफसीआरए के तहत पंजीकृत नहीं थे जिससे यह भुगतान अवैध हो जाता है.
    
फोर्ड फाउंडेशन ने कहा कि वह अधिकारियों के सवालों का पूरी तरह से जवाब देगा लेकिन उसे गृह मंत्रालय से सीधे कुछ निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं.
    
फाउंडेशन ने कहा कि हमारा उद्देश्य सरकार के साथ करीबी रूप से काम करना है ताकि उनके सवालों या चिंताओं का जवाब दिया जा सके. अगर सरकार कोई ऐसे उपाए सुझाती है कि अनुदान देने की प्रक्रिया को मजबूत या सरल बनाया जा सके, तब हम इस दिशा में तेजी से पहल करेंगे.
    
संगठन ने कहा कि उसे अपने काम तथा कानून का अनुपालन करने पर भरोसा है और वह भारत के लोगों के सहयोग की आभारी है और इसे जारी रखना चाहती है.



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