ब्लैंक चेक देने जैसी है भारत की प्रतिक्रिया: नेपाली राजदूत

Last Updated 28 Apr 2015 09:18:38 PM IST

नेपाल ने शनिवार को आए भूकंप के बाद तेजी से बड़े पैमाने पर राहत अभियान शुरू करने के लिए भारत को धन्यवाद दिया और कहा कि भारत की प्रतिक्रिया ‘ब्लैंक चेक’ देने जैसी रही.


नेपाल भूकंप सहायता (फाइल)

नेपाल के मनोनीत राजदूत दीप कुमार उपाध्याय ने ‘‘काठमांडो हवाई अड्डे पर जमा भीड़’’ को लेकर भी चिंता जतायी जिसके कारण पीड़ितों तक सहायता पहुंचने में देरी हो रही है.
   
उन्होंने नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘‘भारत ने राहत अभियान की शुरूआत की, जिसका अन्य देशों ने अनुसरण किया. भीषण भूकंप के बाद ‘ब्लैंक चेक’ देने के लिए हम भारत सरकार के प्रति कृतज्ञ हैं. भारत ने हमारी मदद के लिए बहुत कुछ किया है.’’
   
उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्रों तक विशेष ट्रेनें चलाने का हमारा अनुरोध भी स्वीकार कर लिया है. ताकि घर लौटने के इच्छुक लोग वापस जा सके. सेवाओं को मांग के आधार पर बढ़ाया जाएगा.’’
   
हिमालयी राष्ट्र में चौबीसों घंटे जारी राहत कार्य में अवरोधों पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि काठमांडो हवाई अड्डे पर भीड़ सबसे प्रमुख मुद्दों में है. इसके कारण राहत सामग्री ले जाने और सामान्य यात्री उड़ाने शुरू करने में दिक्कत आ रही है.
   
नेपाल के मनोनीत राजदूत दीप कुमार उपाध्याय ने कहा, ‘‘काठमांडो हवाई अड्डे पर महज सात-आठ विमानों के पार्किंग की सुविधा है. फिलहाल वहां भारत के 20 और अमेरिका के कुछ हेलीकॉप्टरों सहित कुल 30 हेलीकॉप्टर खड़े हैं. इसलिए वहां भीड़ है और हम राहत सामग्री और बचाव दलों का स्वागत करने में असमर्थ हैं.’’
   
उन्होंने कहा, इस संबंध में महत्वपूर्ण है कि विमान राहत सामग्री लेकर आएं, उसे उतारे और तुरंत वापस लौट जाएं.
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उन्होंने कहा, ‘‘इससे सामान्य व्यावसायिक यात्री उड़ानें शुरू करने में मदद मिलेगी. इससे लोगों में अफरा-तफरी कम होगी और उनका नैतिक बल बढ़ेगा क्योंकि वे समझेंगे कि स्थितियां सामान्य हो रही हैं.’’
   
उपाध्याय ने कहा कि भोजन और आश्रय मुहैया कराना प्राथमिकता है और आशा है कि प्राथमिक बचाव कार्य पूरा होने के बाद उनकी ओर ध्यान दिया जाएगा.
   
उन्होंने कहा, ‘‘राहत सामग्री की कोई कमी नहीं है. यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उन्हें सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों तक पहुंचाएं, जो सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. हम वहां हवाई और सड़क दोनों मागरें से सामग्री पहुंचाएंगे.’’
   
उन्होंने कहा, ‘‘विभिन्न मित्र देश भी मदद करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन हम अपने हवाई अड्डे पर भीड़ के कारण उन्हें रोके हुए हैं.’’
   
दीप कुमार उपाध्याय ने विश्वास जताया कि कुछ हद तक बिजली आपूर्ति बहाल कर ली जाएगी क्योंकि भारत और नेपाल दोनों देशों के बिजली ग्रिड अधिकारी लगातार इस दिशा में कार्यरत हैं.
   
उन्होंने कहा, ‘‘बिजली आपूर्ति की पुनर्बहाली का अर्थ होगा संचार की पुन:बहाली, इससे वहां मौजूद परेशान लोगों में ऊर्जा का संचार होगा.’’
   
नेपाली राजदूत ने कहा कि भारत के कई गैर सरकारी संगठन मदद करना चाहते हैं, लेकिन उन्होंने राहत कार्य में समन्वयन के लिए सलाह भी दिया.
   
उन्होंने कहा, ‘‘गैर सरकारी संगठनों ने बहुत चिंता जतायी है. हम उनसे उचित रास्ते से आने का अनुरोध कर रहे हैं. हम उनसे पूछेंगे कि वे किस प्रकार की सहायता देना चाहते हैं, फिर उन्हें दिशा-निर्देश देंगे. इस प्रकार वे ज्यादा मदद कर सकेंगे.’’
   
उपाध्याय ने कहा कि कोलकाता स्थित नेपाली वाणिज्य दूतावास इस संबंध में राहत एजेंसियों और गैर सरकारी संगठनों के साथ समन्वय कर रहा है.
   
नेपाली दूतावास ने भूकंप प्रभावित लोगों के लिए नि:शुल्क हेल्पलाइन नंबर 18002700032 शुरू किया है. इसके लिए एक विशेष फेसबुक पेज ‘‘नेपाल, दूतावास नयी दिल्ली’ भी शुरू किया है.
   
दूतावास ने अपना राहत कोष भी शुरू किया है. जिसमें नेपाल भूकंप त्रासदी के शिकार लोगों की मदद के इच्छुक लोग धन दान कर सकते हैं.




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