प्रधानमंत्री की निंदा की मांग को लेकर राज्यसभा में हंगामा, प्रश्नकाल नहीं हो सका

Last Updated 28 Apr 2015 01:48:41 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी पर उनकी निंदा करने की मांग को लेकर राज्यसभा में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया.


प्रधानमंत्री की निंदा की मांग को लेकर राज्यसभा में हंगामा (फाइल फोटो)

जिससे सदन की कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ी और प्रश्नकाल नहीं हो सका.

सभापति हामिद अंसारी ने 12.00 बजे जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करने का प्रयास किया तो कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष ‘‘प्रधानमंत्री जवाब दो’’ के नारे लगाते हुए आसन के समक्ष आ गया.

इस पर कांग्रेस के आनंद शर्मा कुछ बोलते रहे जो सुनाई नहीं दे सका. सभापति के बार बार अपील करने के बावजूद विपक्ष शांत नहीं हुआ तो उन्होंने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी.

प्रधानमंत्री ने अपनी हाल की विदेश यात्रा के दौरान जर्मनी में कहा था, भारत की अब छवि स्कैम इंडिया से बदलकर स्किल इंडिया’’ की हो  रही है. उन्होंने कनाडा में कहा,  जिन्हें गंदगी करनी थी वे गंदगी करके चले गए. हम साफ कर रहे हैं.’’

विपक्ष का आरोप है कि इन बयानों से देश की छवि धूमिल हो रही है और इसलिए सदन को इसके लिए प्रधानमंत्री का निंदा प्रस्ताव लाना चाहिए.

दूसरी बार सदन की कार्यवाही शुरू होने सभापति ने प्रश्नकाल शुरू करने के लिए नाम पुकारा तो विपक्ष का पुराना रवैया बरकरार रहा.

इस बीच सदन के नेता अरूण जेटली ने कहा कि यह उा प्रौद्योगिकी का युग है. बहस में देश हो, सदन में हो या विदेश में हो, इससे कोई असर नहीं पड़ता. लेकिन विपक्ष का हंगामा जारी रहा तो संसदीय राज्य कार्यमंत्री  मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार पर चर्चा के लिए तैयार है और विपक्ष के इसके लिए नोटिस देना चाहिए.

सभापति ने इससे सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि विपक्ष को नोटिस देना चाहिए. कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि विपक्ष प्रधानमंत्री का निंदा प्रस्ताव चाहता है. इसके बाद विपक्ष की नारेबाजी शुरू हो गयी. सभापति ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी.

इससे पहले विपक्ष ने इस मुद्दे पर शून्यकाल में जबर्दस्त हंगामा किया. सुबह सरकार इस मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए तैयार नहीं थी, इससे विपक्षी सदस्य आक्रोशित हो गये, जिसके कारण शून्यकाल में पांच मिनट के लिए तथा उसके बाद प्रश्नकाल में 15 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी. सदन में करीब एक घंटे तक इस बात पर बहस होती रही कि प्रधानमंत्री के बयान पर चर्चा हो या न हो. इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में काफी तीखी नोंकझोक भी हुई.
 
 



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