लक्षद्वीप में विधानसभा स्थापित करने की मांग
केन्द्र शासित लक्षद्वीप में लोकतांत्रिक शासन प्रणाली के घोर अभाव का मामला लोकसभा में गूंजा और इस नौकरशाह शासित इस प्रदेश में विधानसभा की स्थापना की मांग की गयी.
लोकसभा |
लक्षद्वीप से निवार्चित सदस्य फैजल पीपी मोहम्मद ने शून्यकाल में यह मामला उठाते हुए कहा कि लक्षद्वीप में प्रशासक के लोकतां विरोधी रवैये एवं हठधर्मिता के कारण सभी कर्मचारी 30 दिन से हड़ताल पर हैं और पूरे देश को इसका पता ही नहीं है.
उन्होंने कहा कि लक्षद्वीप में सांसद या पंचायत प्रतिनिधियों को स्थानीय शासन में कोई भागीदारी नहीं है और स्थानीय शासन पूरी तरह से प्रशासक यानी एक नौकरशाह पर निर्भर हैं. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की यूनियन के नेता के साथ कुछ मुद्दों पर मतभेद होने के कारण प्रशासक ने उसकी बात सुनने की बजाय उसे एकतरफा कार्रवाई करके निलंबित कर दिया. जब मामले में उन्होंने प्रशासक से बात की तो प्रशासक ने सांसद को कोई अधिकार नहीं होने की बात कह दी.
फैजल ने कहा कि अपराध शून्य केन्द्र शासित प्रदेश को एक नौकरशाह की दया पर रखना और शासन में स्थानीय प्रतिनिधित्व को कोई जगह नहीं देना उचित नहीं है. इसलिए वह लक्षद्वीप में विधानसभा की स्थापना की मांग करते हैं.
उनकी बात का अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के प्रतिनिधि भाजपा के विष्णु पद रे ने भी समर्थन किया.
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