देश में 62 करोड से भी अधिक लोगों के पास नहीं है स्वच्छ शौचालय
देश में 62 करोड 60 लाख लोगों के पास स्वच्छ एवं सुरक्षित शौचालयों का अभाव है और इस कारण लगातार बढ रही गंदगी और बीमारी पर रोक लगाने के लिए ई शौचालय एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है.
शौचालय |
केरल में बेहद सफलतापूर्वक संचालित हो रहे ई शौचालयों की बढती लोकप्रियता को देखते हुए आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में शौचालय के इस माडल को लागू किया जा सकता है. साफ सफाई के उच्च मानकों पर खरा उतरने के साथ ही बेहद आधुनिक ढंग से संचालित यह शौचालय लोगों को भी खूब पसंद आ रहा है. इसके साथ ही यह पर्यावरण के लिए भी बेहतर है.
सेंटर फार अरबन गवरनेंस, इंवायरमेंट एंड इंफ्रास्ट्रश्रर डेवलपमेंट के निदेशक प्रोफेसर श्रीनिवास चारी ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, भारत अभी भी स्वच्छ शौचालयों और पेयजल आपूर्ति के मामले में काफी पीछे है. हालत यह है कि दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद जैसे बडे शहरों में मल-मूत्र का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण नहीं होने के कारण यहां भी जगह-जगह पर कचरों के ढेर लगे हैं जो कि एक गंभीर समस्या है.’’
उन्होंने कहा कि इन गंभीर समस्याओं से निपटने के लिए हमें अपने शौचालय तंत्र को दुरुस्त करने की आवश्यकता है और अगर इस पर अभी से ध्यान नहीं दिया गया तो आने वर्षों में यह समस्या विकट रुप ले सकती है. ई शौचालय इस समस्या का एक बेहतर समाधान हो सकता है.
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