वाणिज्य राज्य मंत्री निर्मला सीतारामन ने की नई व्यापार नीति का ऐलान
वाणिज्य राज्य मंत्री निर्मला सीतारामन ने नई व्यापार नीति का ऐलान किया और नई व्यापार नीति का ई-लॉन्च भी किया है.
नई विदेश व्यापार नीति का ऐलान (फाइल फोटो) |
इस नई पॉलिसी के तहत 2020 तक भारत को बड़ा व्यापारिक देश बनाने का लक्ष्य रखा गया है. नई विदेश व्यापार नीति के तहत भविष्य में एफटीए साइन करने में हाई वैल्यू-एडिशन प्रोडक्ट पर फोकस होगा. नई व्यापार नीति 2015-2020 में 2 नई स्कीम एमईआईएस और एसईआईएस का ऐलान किया गया है.
ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट्स को एमईआईएस स्कीम के दायरे में लाया जाएगा. एसईजेड को भी 2 नई स्कीमों एमईआईएस और एसईआईएस का फायदा मिलेगा. सभी रियायतों को इन 2 स्कीम के तहत लाया जाएगा.
निर्मला सीतारामन के मुताबिक नई व्यापार नीति पुरानी नीतियों से बहुत अलग है और देश में कारोबार को आसान बनाने में मददगार साबित होगी. निर्मला सीतारामन ने कहा कि नई विदेश व्यापार नीति के तहत भारत को 2020 तक बड़े व्यापार का देश बनाना चाहते हैं.
निर्मला सीतारामन ने कहा कि विदेशी हालात को काबू नहीं किया जा सकता है लेकिन देश में व्यापार को आसान बनाने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे. देश में उत्पाद और सर्विस को बेहतर बनाने की जरूरत है और बेहतर प्रोडक्ट क्वालिटी पर फोकस करना होगा. इंफ्रास्ट्रक्चर की अड़चनों को दूर करना बड़ी चुनौती है और सरकार व्यापार को बढ़ाने के लिए कारोबार के विस्तार पर फोकस कर रही है.
क्रिसिल के चीफ इकोनॉमिस्ट डी के जोशी का कहना है कि अब ग्लोबल ट्रेड एनवायरनमेंट पहले के मुकाबले काफी टफ हो चुका है. देश की इकोनॉमी तो थोड़ा बहुत रिकवर कर रही है, लेकिन वर्ल्ड ट्रेड नहीं रिकवर कर रहा है.
अमेरिकी इकोनॉमी में रिकवरी का जो फायदा एशियन इकोनॉमी और भारत की इकोनॉमी को मिलना चाहिए था, वह भी कुछ हद तक नहीं मिल रहा है. ग्लोबल ट्रेड कम होता जा रहा है. इस स्थिति अगर ट्रेड को बढ़ावा देना है तो बहुत मेहनत करनी होगी. इस मोर्चे पर हमें पॉलिसी से थोड़ी बहुत मदद ही मिलेगी. ग्लोबल ट्रेड को बढ़ावा देने के लिए सबसे जरूरी है मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के इंफ्रास्ट्रचर और लॉजिस्टिक्स से जुड़े मसलों का समाधान करना और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना.
नैस्कॉम के प्रेसिडेंट आर चंद्रशेखर का कहना है मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया जैसे प्रोग्राम पर सरकार की नई विदेश नीति में जोर एक स्वागत योग्य कदम है। इन सारे प्रोग्राम में नैस्कॉम का बहुत बड़ा योगदान है.
डिजिटल इंडिया तो पूरी तरह आईटी पर आधारित है. स्किल इंडिया और मेक इन इंडिया में भी आईटी का बहुत बड़ा रोल है. इन तीनों प्रोग्रामों का विदेश व्यापार नीति के साथ इंटीग्रेशन आईटी सेक्टर के लिए बहुत ही अच्छी बात है.
मिर्जा इंटरनेशनल के एमडी राशिद मिर्जा का कहना है कि विदेश व्यापार को बढ़ावा देने के लिए जीरो डिफेक्ट क्वालिटी प्रोडक्ट पर जोर देना बहुत जरूरी है. ऐसा होने पर ही भारतीय प्रोडक्टों की विदेशों में मांग बढ़ेगी और कंपनी के साथ ही देश की साख में भी बढ़ोतरी होगी.
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