नहीं रही तंबाकू विरोधी अभियान की पोस्टर गर्ल सुनीता तोमर

Last Updated 02 Apr 2015 12:26:55 PM IST

तंबाकू के खिलाफ पूरे देश में जागृति फैलाने वाली मध्य प्रदेश के भिण्ड शहर निवासी महिला सुनीता तोमर की सांसें आखिरकार कैंसर से मात खा गईं.


सुनीता तोमर (फाइल फोटो)

लेकिन मरने के पहले सुनीता अपने आस-पास के असंख्य लोगों को जीने की राह दिखा गई.

तंबाकू निरोधक अभियान के देश भर में लगे पोस्टरों पर मुंह के कैंसर से जूझ रही सुनीता की ही तस्वीरें थीं. सुनीता ने खुद को कैंसर की बीमारी का पता लगने के बाद अपने आस-पास के असंख्य लोगों का तंबाकू छुड़वा दिया था.

सुनीता ने दो दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बारे में पत्र लिखते हुए इस मामले में दखल देने की भी अपील की थी.

भिण्ड के अटेर थाना क्षेत्र के ग्राम रमटा निवासी वृजेश सिंह तोमर की शादी 1998 में सुनीता के साथ हुई थी. सुनीता को देख कर उसका पति भी तम्बाकू खाने लगा था. सुनीता के पति ने बताया कि उसकी पत्नी के मुंह में दर्द होने के बाद उसका इलाज भिण्ड के शासकीय जिला अस्पताल में कराया. जब उसके मुंह में काफी छाले पड़ गए तो उसका इलाज कराने 17 जुलाई 2013 को मुंबई ले गए. जहां डॉक्टरों ने बताया कि उसे कैंसर है.

एक महीने तक मुम्बई में इलाज कराने के बाद वह पत्नी को भिण्ड ले आया. वह हर तीन माह बाद उसे इलाज के लिए मुम्बई ले जाता. पहले इलाज से फायदा हुआ लेकिन बाद में उसकी हालत बिगड़ने लगी.

एक महीने से वह बहुत बीमार थी. बुधवार को उसे इलाज के लिए रात को एक बजे भिण्ड के शासकीय जिला चिकित्सालय लाए जहां से उसे ग्वालियर रैफर कर दिया. सुनीता की बुधवार को ग्वालियर के जयारोज्ञ चिकित्सालय में मौत हो गई.

सुनीता के पड़ोसी जगदीश सिंह ने बताया कि उसे तंबाकू से कैंसर हो जाने पर वह मोहल्ले के लोगों को इस जहर का सेवन नहीं करने की सलाह देती थी. जिन्दगी और मौत से संघर्ष करते हुए भी वह मोहल्ले के तमाम लोगों का तम्बाकू सेवन छुड़ा गई. जब सुनीता को अपनी बीमारी का पता चला तो उसने अपने पति की भी तंबाकू छुड़ा दी थी.

सुनीता के परिवार में पति और दो बच्चे ध्रुव सिंह (13) और कुलदीप (10) हैं. बच्चों ने बताया कि उनकी मम्मी ने उन्हें जीवन में कभी तंबाकू ना खाने की सलाह दी है.
 



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment